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श्रात्मतत्व-विचार
और, यदि कोई सुदृढ़ बाड से अपना खेत सुरक्षित रखें, तो उसमे पशु भला कैसे जा पायेंगे और खेत सुरक्षित रहेगा। ऐसे मालिक को लाभ-ही-लाभ रहता है । अविरति का अर्थ बिना बाड़ का खेत है जिसमे पाप-रूपी पशु घुसकर जीवन की बरबादी कर देते हैं।
कितने घरो के द्वार पर लिखा रहता है-"आजा विना अन्दर आना मना है।" इस पाटिया का अर्थ हुआ कि, कोई विना अनुमति लिए घर में घुस ही न सके। विरति को आप इस तरह का 'साइनबोर्ड' मान लें।
पाप करने की आजादी भी पाप है पाप कर्म करना तो पाप है ही; पाप करने की छूट रखकर आत्मा के प्रति अपने कर्तव्य पालन की उपेक्षा करना भी पाप है । जैसे कानून तोड़नेवाले को सजा होती है, वैसे ही अपना फर्ज न बजानेवाले को भी सजा होती है। राज्य की तरफ से हुक्म हुआ हो कि वयस्क को अमुक काम में आठ घटे सेवा देनी होगी और कोई उस आदेश का उलंघन करे तो उसे सजा होती है या नहीं ?
कुछ लोग कहते हैं, "पाप की छूट मे पाप नहीं है।” उनसे पूछिये"तो फिर पाप करने मे भी क्या पाप है ?” अगर हिंसा करने की छूट पाप नहीं है, तो फिर हिंसा करना भी पाप नहीं है। पाप करनेवाले को
और पाप करने की छूट रखनेवाले को, दोनों को, पापबन्ध होता है । कर्मबन्ध सिर्फ उसे नहीं होता, जिसने पाप का त्याग (पच्चक्खाण) किया है। ___ पाप करने की छूट रखने और पाप भी करनेवाले को दुगुना पाप लगता है-एक पाप की छूट रखने का और दूसरा पाप करने का | पाप की छूट रखता हो; पर पाप नहीं करे तो उसे पाप की छूट का ही पाप लगता है। लेकिन, जिसने पाप की छूट ले रक्खी हो पर पाप का त्याग
पर तो उसे सजा
"पाप की छू
अगर