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। कर्मवन्ध और उसके कारणों पर विचार
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से और प्रचुर धन प्राप्त करने से गाति नहीं मिलती। अगर इन वस्तुओ ___ मे शाति देने की शक्ति होती, तो धनिक लोग अगाति का शोर क्यों
मचाते ? आज धनिक सबसे ज्यादा अशात हैं। उन्हे उत्तम शयनागारों में, मखमल के गद्दों पर और रेगम की रजाइयो मे भी नींद नहीं आती। ब्लडप्रेशर, डायबेटीज, दिल की बीमारी उन्हें सब से ज्यादा सता रही है । जो है उसे सुरक्षित रखने और अधिक कमाने की उन्हे चिन्ता लगी रहती है।
कुछ दिन हुए, एक अमेरिकन श्रीमन्त इस देश में आया था। वह कहता था कि, हमारे यहाँ धन की कमी नहीं है, आमदनी बहुत अच्छी है; हर तीन आदमी पीछे मोटर है पर हमारे चित्त को शाति का अनुभव नहीं होता । हम खोज रहे हैं कि, शाति कैसे मिलती है।
हमारे महापुरुषों ने कहा है कि, शाति की खोज के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं है। वह आपकी आत्मा मे छिपी हुई है और वहीं से उसे प्राप्त कर लेनी है । अगर आप अपनी कपायें दूर कर देंगे तो आपको तुरन्त गाति का अनुभव होने लगेगा। ___ कपायों को नष्ट करने का काम कठिन है, पर असंभव नहीं है। प्रयत्न से कठिन काम भी सरल हो जाता है ।
कषायों को दूर करने के एक-दो गुर आपको बता दें । त्रिदोष के जोर पकड़ने से सन्निपात हो जाता है और वह चाहे जैसा तूफान खड़ा करने लगता है । पर, हम उस सन्निपातवाले को मारते नहीं, उसकी दवा करते हैं। उसी प्रकार जो गाली-गलौज, मारपीट, छल-कपट आदि करते हैं, उन्हें कर्मों का सन्निपात हुआ समझिए । इसलिए, उन्हे मारने के बजाये - उनकी दवा करनी चाहिए । यह दवा नम्र और मधुर शब्द है । अगर आप जरा भी गुस्से में आये बगैर, सहज हॅसते चेहरे से उन्हे गात करें तो इसका