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मिध्यादृष्टि की प्रशंसा करने से मन का उस तरफ आकर्षण होता है और सम्यक्त्व में शिथिलता मलिनता आती है, इसलिए उससे बेचना चाहिए |
मिध्यादृष्टि के परिचय से भी सम्यक्त्व में शिथिलता आती है या सम्यक्त्व में दाग लगता है, इसलिए उसका भी त्याग करना चाहिए ।
सम्यक्त्व के सड़सठ भेदो में से चार प्रकार की सद्दहना ( श्रद्धा ), तीन लिंग, दस प्रकार का विनय, तीन प्रकार की शुद्धि और पाँच प्रकार के दूषणों का, कुल पच्चीस भेदों का वर्णन हुआ। शेष बयालीस भेदों का वर्णन अवसर पर किया जायेगा ।
सम्यक्त्व