________________
‘६५०
आत्मतत्व-विचार
(३५ ) कंडे नहीं थापना । (३६ ) कपड़े नहीं सुखाना । ( ३७ ) दाल आदि को अंकुरित करने नहीं डालना। (३८) पापड़ नहीं बेलना । (३९) सेव बनाना, वरी तोड़ना, आदि काम नहीं करना । (४०) राना आदि के भय से वहाँ नहीं छिपना । (४१) शोक नहीं करना ।
(४२) भोजन-कथा, स्त्री-कथा, राज-कथा, देश-कथा-ये विकथाएँ नहीं करना।
(४३) वाण, तलवार, आदि हथियार बनाना या सजना नहीं। (४४ ) गाय, भैस नहीं रखना। (४५) तापनी करके तापना नहीं। (४६) अन्नादि नहीं राँधना । (४७ ) पैसा नहीं परखना । (४८) 'निस्सीहि' कहे विना मदिर मे दाखिल नहीं होना ।
(४९ से ५२ ) छत्र, चॅवर, हथियार तथा जूते पहने प्रवेश नहीं करना ।
(५३) मन को चचल नहीं रखना। (५४) तेल आदि की शरीर पर मालिश नहीं करना । (५५ सचित्त फूल, फलादिक अन्दर नहीं लाना ।
(५६) वस्त्राभूपण बाहर रखकर शोभारहित होकर अन्दर दाखिल नहीं होना।
(५७) भगवत को देखते ही हाथ जोड़ना । (५८) उत्तरासग विना पूजा नहीं करना । (५९) मस्तक पर मुकुट धारण नहीं करना ।