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रामायण
कैकेयी के द्वारा किए जाने वाले विरोध, राम के बन जाने, राम के वियोग में दशरथ के मरने और राम को लौटाने के लिए भरत के चित्रकूट जाने का वर्णन है।
काण्ड ३--(अरण्यकाण्ड)। इसमें राम के दण्डक वन में रहने, बिराध इत्यादि राक्षसों के मारने, फिर पञ्चवटी में रहने, राम के पास शूर्पणखा के माने, चौदह हजार निशादों के साथ खर को मारने, रावण द्वारा सीता के चुराये जाने और सीता के वियोग में राम के रोते फिरने का वर्णन है।
काण्ड ४--(किष्किन्धाकाण्ड) इसमें राम का सुग्रीव को अपने साथ मिलाने, बाली को मारने, और बन्दरों को साथ लेकर हनुमान का सोता की खोज में जाने का वर्णन है।
काण्ड ५---(सुन्दरकाण्ड) । इसमें लंका के सुन्दर द्वीप, रावण के विशाल महल, हनुमान् का सीता को धीरज बंधाने और सीता का पता लेकर हनुमान के वापस लौटने का वर्णन है।
काएड ६-(युद्धकाण्ड) । यह सबसे बड़ा कारड है। इसमें रावण पर राम को विजय का वर्णन है।
कार -(उत्तरकाएड)। इसमें अयोध्या में बोलने वाले राम के अतिम जीवन, सीता के बारे में लोकापवाद, सीता-निर्दालन, सीना-शोक, वाल्मीकि के आश्रम में कुश-लव के जन्म और अंत तक की सारी कथा का वर्णन है।
(ङ) उपाख्यान-रामायण में कई सुन्दर उपाख्यान भी हैं। वे विशेष करके पहले और सातव काण्ड में पाये जाते हैं। प्रसिद्ध-प्रसिद्ध उपाख्यान ये हैं
वामन अवतार (33; २६), कार्तिकेय-जन्म (२, २५-३०), गङ्गावत्तरण (३, ३८-४४), समुद्रमंथन (१, ४५), श्लोक-प्रादुर्भाव (१, २)
१ इस सपाख्यान का संक्षेप यह है---एक दिन जंगल में भ्रमण करते