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२२६ संस्कृत साहित्य का इतिहास वाले विनों को दूर करने का भी उपाय जानती हो, जिन्हे अमुक अमुक व्यक्ति काम में लाए थे। न जानती हो तो मैं तुम्हें कहानी द्वारा ब्रतका सकता हूँ। वणिक् की बधू ने तोते की बात को पसन्द करते हुए कहानी सुनने की इच्छा प्रकट की। तोते ने रात को कहानी सुनाई। कहानी के अन्त में विक्ष का वर्णन पाने के बाद अमुक अमुक यक्ति द्वारा काम में लाया हुआ उसके दूर करने के उपाय का वर्णन श्राया। कहानियों को आपस में कुछ इस तरह गूंथा गया है कि तोता हर राख को नई से नई समस्या खडी कर देता है। जब तीता लत्तरवी कहानी सुना चुका, तब तत्काल ही उसका स्वामी मदनसेन परदेश से लौट पाया । लोले का उद्देश्य मदन सेन की पत्नी को पाप-पथ पर प्रवृत्त होने से रोक रखना था, वह पूरा हो गया। कहानियों में श्रसती स्त्रियों की चालाकियों का ही वर्णम अधिक पाया है। ___ सारे का विचार करके देखने से अन्ध रोचक कहा जाएगा। यह सरल गद्य में लिखा हुआ है। बीच बीच में कोई कोई श्रीपदेशिक और कथा प्रतिपादक पद्य आ गया है। कुछ पा प्राकृत भाषा में हैं। इनके आधार पर यह धारणा की गई है कि मूल-अन्ध प्राकृत भाषा में ही था, पर इस धारणा के पोषक अन्य प्रमाण उपलब्ध नहीं होते हैं । इस मन्य के दो संस्करण मिझते हैं। एक का रचयिता कोई चिन्तामणि भट्ट
और दुसरे का कोई अज्ञातनामा श्वेताम्बर जैन कहा जाता है । ग्रन्थ लोकप्रिय है और इसने आधुनिक भारतीय भाषाओं के साहित्य पर कुछ प्रभाव भी डाला है। इसके समय का पता नहीं। सम्भवतया यह किसी न किसी रूप में जैन हेमचन्द (१०८०-११७२ ई० को
विदित था।
(E) सिंहासनद्वात्रिंशिका । . सिंहासनद्वात्रिंशिका में पत्तीस कथाए हैं। इनकी कहने वाली विक्रमादित्य के सिंहासन में लगी हुई पुतलियां हैं। कहा जाता है कि