Book Title: Sanskrit Sahitya ka Itihas
Author(s): Hansraj Agrawal, Lakshman Swarup
Publisher: Rajhans Prakashan

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Page 326
________________ राजशेखर (११३) राजशेखर राजशेखर का जन्म एक कवि-वंश' में हुआ था। इसकी पत्नी अवन्तिसुन्दरी एक क्षत्रिय राजकन्या थी जो काव्य-कला में बड़ी कुशल यो । अधिक सम्भवत, यह विदर्भ और कुन्तल देश का निवासी था। (१)नपराजशेखर ?-माधवाचार्यरचित्त शङ्करदिग्वजय में वर्णित है कि राजशेखर केरलदेश का राजा था और उसने शङ्कराचार्य को अपने बनाए तीन नाटक भेंट किए थे। राजशेखर का एक शिलालेख भी मिलता है जिसे लिक्तित्ववेत्ता ईसा को नौवीं या दसवीं शताब्दी का बतलाते हैं। किन्तु कविराजशेखर और नृप राजशेखर को एक ही व्यक्ति मानने के लिए कोई प्रमाण दिखाई नहीं देता है। कवि राजशेखर एक उच्चश्रेणी के पुरोहित का पुत्र था, इससे यही अनुमान होता है कि शायद यह कोई राजा नहीं था । अधिक सम्भवतः कवि नपराज शेखर का समान नामक होने से लोगों की भ्रान्ति का कारण हुआ। (२) राजशेखर के अन्थ-अपनी बाजरामायण की प्रस्तावना में यह स्वयं कहता है कि मैंने छः ग्रन्थ लिखे हैं। निम्नलिखित चार नाटकों को छोडकर शायद इसके बाकी दो अन्य हैं रनमन्जरी (एक नाटिका) और भ्रष्टपत्रदलकमल (जिसका साच्य भोज देता है। (क) बालरामायण-यह दस अंकों का महानाटक है। प्रस्ताचना में कवि के कुछ असम्भव गुणों का भी उल्लेख है। इस नाटक की विशेषता यह है कि इस में रावण का प्रणय प्रधान वस्तु दिखबाई गई है। शुरू से ही सीता को प्राप्त करने के लिए रावण राम का प्रतिद्वन्दी दिखलाया गया है। (ख) बाल भारत या प्रचण्ड पाण्डव-यह रूपक अपूर्ण है। १ यह एक ऊंचे दर्जे के पुरोहित का पुत्र और अकालजलद नामक एक महाकवि का प्रपौत्र था। २ देखिए, बावनकौर प्राकियालोजिकल सिरीज़ २,८-१३ ।

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