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संस्कृत साहित्य का इतिहास सम्भाव्यमा निर्माण-काल ३९१-२६६ ईसा से पूर्व माना है। प्रो. जैकोबी, डा० टॉमस ( Thomas) तथा कई अन्य विद्वान् भी इस विचार से सहमत हैं।
१२) प्रो. जालो ( jolls) के विचार से यह अन्ध कामसूत्र से मिलता जुलता है, और कामसूत्र ईसा की चौथी शताब्दी में लिखा गया था . अतः यह भी प्रायः उसी समय का हो सकता है। उक्त प्रोफैसर ने मुख्यतया इस बात पर विश्वाल किया है कि मेगस्थनीक Megasthenese) ने चाणक्य के नाम का उल्लेख नहीं किया है परन्तु आधुनिक अनुसन्धानों के आधार पर माना जाता है कि मेगस्थनीज़ का साथ अधिक विश्वसनीय नहीं है। उदाहरणार्थ, उसने लिखा है कि भारतीय लोग लिपि-कला नहीं जानते हैं परन्तु आजकल इस बात पर कोई भी विद्वान् विश्वास नहीं कर सकता है। प्रो. जाती स्वयं स्वीकार करते हैं कि मेगस्थनीज भारतीय भाषाओं और साहित्य से परिचित नहीं था, अत: उसका साश्य अल्बेरूनि के साक्ष्य से बहुत कम मूल्य रखता है। सच तो यह है कि चाणक्य के अर्थशास्त्र में और्यकाल से पूर्व के भारत का चित्र देखने को मिलता है । यदि
१. इस अर्थशास्त्र में श्रालिम्वित समाज की कुछ रीति-नीति ये हैं.--- (क) राजनीतिक अपराध करने पर ब्राह्मण का वध विहित है। (ख) राज्य हित के लिए मन्दिरी को लूटने में दोष नहीं है। (म) विशेष परिस्थितियो मे विवाह-विच्छेद (Divorce) वैध है।
(घ) पति मर आए या बहुत अधिक समय के लिए विदेश चला आए तो स्त्रो दूसरा विवाह कर सकती है।
(ङ) अथर्व-वेदोक्त जादू-टोना प्रचलित था। (च) वैश्वानर, सङ्कषया और महाकच्छ की उरासना कतयं है ! (छ) तरुणी होने पर कन्याओं को पर बनने की स्वतन्त्रता थी। (ज) ब्राह्मण शूद्र की पत्नी से विवाह कर सकता था। (क) ब्राह्मण सैनिक का व्यवसाय ग्रहण कर सकते थे।