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भग
प्रयास
भग-पु० [सं०] १बारह प्रादित्यों में से एक । २ सूर्य । ३ शिव भगवउ-देखो 'भगवा' ।
का एक रूप विशेष । ४ एक देवता का नाम । ५ शोभा, भगवट, भगवट्ट-स्त्री० १ भागने की क्रिया या भाव । २ युद्ध में - कांति । ६ योनि, गुदा । ७ चन्द्रमा। ८ सौभाग्य, समृद्धि पीठ दिखाने का भाव । ३ भामने का रास्ता या मार्ग।
९ गौरव कौति । १० सौन्दर्य । ११ प्रेम । १२ धर्म। | भगवत-पु० [सं० भगवत्-मतुप्] १ विष्णु । २ ईश्वर, परमेश्वर। १३ उत्तराफाल्गुणी नक्षत्र ।।
३ शिव, शंकर । ४ सूर्य । ५ जिन देव ।। ६ देवता । मगड-स्त्री. १. भगदड़, दौड़-भाग । -पु०२मकान के प्रागे या | भगवतगीता-देखो 'भगवद्गीता' । ..' मुहल्ले के बीच पड़ा अनावश्यक खुला स्थान ।
भगवति, भगवती, भगवत्ती-स्त्री० [स०] १ देवी, दुर्गा, पार्वती। भगण-पु० १ छन्द शास्त्र में तीन वर्णों का एक गण विशेष । २ सरस्वती । ३ गंगा ।--भरता-पु. शिव, महादेव । २ खगोल में ग्रहों का चक्कर ।
भगवत्पदी-स्त्री० [सं०] गंगा। भगणो (बो)-देखो 'भागणी' (बी)।
भगवद्गीता-स्त्री० [सं०] महाभारत के भीष्म पर्व के अठारहवें भगत-पु० [सं०] (स्त्री० भगतरण, भगंतणी) १ एक जाति अध्याय का एक प्रकरण।
विशेष व इस जाति का व्यक्ति । र देखो भक्त' । ३ देखो भगवन, भगवन्न-पु० [सं० भयवत्] १ सादर संबोधन । 'भक्ति '।
. २ देखो भगवान'। भगतणी (बो)-देखो भुगतरणो' (बो)।
भगवांरण, भगवान, भगवानडो-वि० [सं० भगवान्] ऐश्वर्ययुक्त । भगतपरायण-देखो भक्तपगयण' ।
-पु. १ ईश्वर, परमात्मा। २ शिव, महादेव । ३ विष्णु । भगतबच्छळ (बछळ)-देखो 'भक्तवत्सल' ।
४ जिन । ५ कात्तिकेय। ६ सूर्य । ७ कोई पूज्य पोर भगतमाळ-स्त्री० [सं० भक्त-माला] १ भक्तों की शृखला । आदरणीय व्यक्ति। २ भक्तों के चरित्र वर्णन की पुस्तक ।
भगवाट-देखो 'भगवट'। . भगतराकस-देखो भक्तराक्षस'।
भगवौ-वि० गेरुएं रग का, भगवा । -पु. गेरु प्रां रंग । भनतवच्छळ (वछळ विछळ)-देखो 'भक्तवत्सळ' ।
---मेस-पु० संन्यासियों का वेश । "ममतापत (पति)-पु० सं० भक्त-पति] १ भक्तों का स्वामी।। भगवान-देखो 'भगवान'। ईश्वर । २ श्रीराम । ३ श्री विष्णुः । ४ श्रीकृष्ण।
भगसास्त्र-पु० [सं० भग-शास्त्र] कामशास्त्र, कोकशास्त्र । भगतांवछल (वछळ)-देखो 'भक्तवत्सल'।
भगांकुर-पु० [सं०] बवासीर नामक रोग । भगताणी (बी)-क्रि० [स० भुज्] १ कहना । २ भोजन कराना भगांण-देखो 'भंगांण' ।
खिलाना। ३ उपभोग कराना। ४ देखो 'भुगताणी' (बी)। भगा-क्रि०वि० लिए, वास्ते, निमित्त । भगतावणी(बो)-१देखो 'भगतारणों (बो)।२देखो 'भुगताणी' (बी)। भगाणी (बी)-क्रि० १ दौड़ाना, भगाना । २ दौड़ कर जाने के भगति, मगती-देखो भक्ति' । -कर-'भक्तिकर'। --सूतर- . लिये कहना । ३ उड़ा ले जाना। ४ तेज चलाना । ५ भाग 'भक्तिसूत्र।
| दौड़ कराना। भगवड़-स्त्री० एकत्र समाज या समूह की, सहसा यत्र-तत्र भागमे भगाळ-स्त्री० [सं० भगाल] आदमी की खोपड़ी। मुड । की क्रिया, खलबली। दौड़-भाग।
भगाळी-पु० [सं० भगालिन्] मुडमाला धारण करने वाला भगदत्त, भगदत्त-पु० [सं० भगदत्त] कौरव पक्षीय, प्राग्ज्योतिष शिव । पुर के राजा का नाम ।
भगावटी-देखो 'भखावटी' . भगवसू-पु० [सं० दिक्स-भग] सूर्य ।
भगावरणी(बी)-१देखो 'मंजारणो' (बो)। २ देखो भगाणी' (बी)। भगनाळ-स्त्री० [सं. भग-नालिका] लंबी-चौड़ी या गहरी
भगिनी-स्त्री० [सं०] बहन । नाली। भगनी-देखो 'भगिनी'।
भगिर, भगिरथ, भगिरथ-देखो 'भगीरथ' भगयुग-पु. बृहस्पति के बारह युगों में से अंतिम युग।
भगी-स्त्री० १ भागने की क्रिया, भगदड़, दौड़-धूप । २ फूट । भगळ, भगळखांनो, भगळखेल, भगळविद्या-पु. १ माडंबर, ढोंग। भगीरथ-पु. [सं०] एक सूर्यवंशी राजा जिसने कठिन तपस्या से
२ ऐन्द्रजालिक खेल । ३ अव्यवस्था । ४ फूहड़, असभ्य ।। गंगा की प्रतारणा की थी।
५ छल कपट, धोखा । ६ एक प्रकार का जल जंतु विशेष । | भगवौं-देखो 'भगवौ' । भगवंत-देखो भगवत'।
| भगू, भगेडी, भगोड़ो-वि० १ भागने वाला। २ भागा हुआ। भगवंती, भगवई-देखो 'भगवती-भरता='भगवतीभरता' । । ३ डरपोक ।
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