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विमूढ
वियोजण
विमूढ-वि० [सं० विमूढ] १ मूर्ख, नासमझ । २ विशेष मोहित; | विमोहा-पु. छः वर्ण का एक छन्द विशेष ।
मुग्ध । ३ भ्रमित । ४ चेतना रहित, चेतना शून्य। विमोहित-वि० [सं०] १ मोहित, माकर्षित । २ लालायित । -गरम-पु० मृत गर्भ ।
३ भ्रमित, भ्रान्त । ४ अचेत, बेसुध । विमूळ-वि० [सं० विमूल] १ मूल रहित, निमूल । २ नष्ट, | विमोही-वि० [सं० विमोहिन] मोहित, भ्रमित या प्रचेत बरबाद।
करने वाला। विमूळरण-पु. [सं० विमूलन] १ उन्मूलन, उखाड़ फेंकने की | विम्मर-देखो 'विवर'। क्रिया या भाव । २ नाश करना क्रिया ।
विम्मळ (ल)-देखो 'विमळ' । विमेक (ख)-देखो 'विवेक'।
विय-देखो 'बियः । विमोक्ख, विमोक्ष, विमोख-पु० [सं० विमोक्ष] १ बंधन मुक्त | वियग्मणि-पु० [सं० वियद्मणि] सूरज, सूर्य ।
करने या मुक्ति देना क्रिया। २ मोक्ष, मुक्ति। ३ ग्रहण से | वियटळ-देखो 'विटळ'। मुक्ति । ४ सुमेरु पर्वत।
वियत-पु० [सं० वियत्] माकाश, व्योम, गगन । विमोखरण-स्त्री०१बंधन मुक्त या रिहा करना क्रिया। २ तीर | वियतमरिण (रणी)-पु० [सं० वियत्-मणि] १ सूरज, सूर्य ।
प्रादि छोड़ना क्रिया ।-वि० १ मुक्त या रिहा करने वाला। २ चांद, चन्द्रमा । . २ छोड़ने, चलाने वाला । ३ मुक्ति दिलाने वाला। वियदगंगा-स्त्री० [सं०] माकाश गंगा। विमोखणो (बौ)-क्रि० [सं० विमोक्षणम्] १ बंधन मुक्त करना, | वियांणी-वि. जन्म देने वाली।
रिहा करना । २ तीर, गोली प्रादि छोड़ना। ३ जन्म-मरण | वियान-१ देखो 'ब्यान' । २ देखो 'बियांन' । से मुक्ति दिलाना।
वियाज, विधाज-देखो 'व्याज। . विमोचक-वि० मुक्ति दाता, बंधन मुक्त या रिहा करने वाला।
वियाणी (बो), वियाणी (बौ)-देखो 'ब्याणी' (बो)। विमोचरण (न)-पु० [सं० विमोचन] १ मुक्त करना क्रिया, विद्यापीबी). बियापणी (बी)-देखो व्यापणों (बी)। मुक्ति । २ मोक्ष, निर्वाण। ३ कुरुक्षेत्र स्थित एक तीर्थ ।
वियापि (पी)-देखो 'व्यापी'। ४ नाश करना क्रिया।
वियार-१ देखो "विकार' । २ देखो 'विचार'। विमोचरणौ (बौ)-क्रि० १ बंधन से मुक्त करना, रिहा करना।
वियाळु (ळू), वियाळ-देखो 'व्याळ । २ मावागमन मिटाना, मुक्त करना ।
वियास-देखो 'व्यास'। विमोद-पु० [सं०] अत्यन्त हर्ष, मोद, प्रसन्नता ।-वि० मोद या
वियासियो-देखो 'बंयासियो' । हर्ष रहित।
वियोग, वियोग-पु० [सं०] १ संयोग का अभाव । २ विच्छेद, 'विमोह-पु० [सं०] १ प्रत्यन्त मोह। २ प्रज्ञान, भ्रम। ३ एक
अलगाव । ३ भवसर, मौका । ४ विरह, जुदाई । नरक का नाम ।-वि०१ मोह रहित । २ बेसुध, प्रचेत।
५ साहित्य में एक प्रलंकार विशेष ।-वि० रहित, बिना। विमोहक-वि० [सं०] १ मोह उत्पन्न करने वाला, लुभाने |
-क्रि० वि० वियोग में, अलग । वाला, माकर्षित करने वाला । २ लोभ उत्पन्न करने वाला,
वियोगरण (रणी)-स्त्री० [स० वियोगिनी] वह स्त्री जिसका ललचाने वाला। ३ अचेत या बेसुध करने वाला।
पति से वियोग हो गया हो, विरहिणी। विमोहण (णो)-पु० [सं०] १ मोहित करने की क्रिया, प्राक
वियोगांत-वि० [सं०] दुःखमय अत वाला ।-स्त्री. दु:खांत षित करने की क्रिया । २ लुभाने या ललचाने की क्रिया।
कथा । ३ अचेत या बेसुध करने की क्रिया। ४ कामदेव के पांच बाणों में से एक । ५ एक नरक का नाम। ६ मोह रहित
वियोगिण (णि, रणी), वियोगिण-देखो 'वियोगण' । करने की क्रिया।-वि० १ मोहित करने वाला, आकर्षित
वियोगी, वियोगी-वि० [सं०] १ जो अपनी पत्नी या प्रिया से करने वाला । २ लोभ उत्पन्न करने वाला। ३ प्रचेत या
दूर हो, विरही। २ विरह से दुःखी । बेसुध करने वाला । ४ मोह रहित करने वाला। वियोगी-पु० १ वियोग । २ देखो "वियोगी'। विमोहरणो (बो)-क्रि० [सं० विमोहनम, मोहित होना, वियोजक-वि० [सं०] १ वियोग उत्पन्न करने वाला । २ अलग
मुग्ध होना। २ प्राकर्षित होना। ३ लालायित होना, या विलग करने वाला। ललचाना । ४ भ्रमित या भ्रान्त होना। ५ अचेत होना, वियोजरण-पु० [सं० वियोजन] १ वियोग कराने की क्रिया या बेसुध होना। ६ मोह रहित होना। ७ मोहित, अचेत या प्रयास । २ अलग या पृथक करने की क्रिया, भाव या बेसुध करना।८ मोह रहित करना।
तत्त्व । ३ गणित में घटाने की क्रिया, बाकी।
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