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सोमइयो
। ८५५ )
सौरजत्र
का रस । १ कपूर । १० जल, पानी। ११ पवन, वायु । सोमवरचा-पु० [स० सोमवर्चा] १ एक सनातन विश्वदेव का १२ कुबेर । १३ शिव का एक नाम । १४ मन । १५ एक नाम । २ एक गन्धव का नाम । प्रकार की प्रौषधि । १६ पाठ वसुप्रों में से एक । १७ पितर सोमवार-पु० [स०] प्रत्येक सप्ताह में रविवार के बाद पाने गणों का एक समूह । १८ मांड। १९ स्त्रियों का एक प्रदर वाला दिन ।
रोग । २० मालकोश राग का भेद २१ एक प्रकार का सोमवारी-वि०१ सोमकार का, सोमवार सबधी। २ सोमवार वक्ष । २२ मेवाड़ की एक नदी। २३ देवता । २४ यज्ञ को को पड़ने वाला या प्राने वाला। सामग्री। २५ एक प्रकार का यज्ञ। २६ प्राकाश' | सोमा-स्त्री० [सं०] १ एक प्राचीन नदी। २ एक अप्सरा २७ काजी २८ जैनियों के ८८ ग्रहों में से बारहवां ग्रह । का नाम । २६ एक अन्य ग्रह। -वि. १ श्वेत । २ लाल । ३ शांत, सोमायन-पृ० एक माह तक चलने वाला एक व्रत विशेष । निर्मल। -कर-वि० मधुर । -पुत्र-पु० चन्द्रमा का पुत्र बुध | सोमावती-स्त्री० [स] चन्द्रमा की माता का नाम । -पूर-पू० चन्द्रलोक । -प्रिया-स्त्री. रात्रि, चांदनी। | सोमिज-देखो 'सोमज'। -बधु-पु० बुध ग्रह । सूर्य । कुमुद । -भू-पु० बुध का | सोमोईयो-देखो 'सोमइयो'। एक नाम । चन्द्रवंशी। -राज-पु० चन्द्रमा। -राज्य- सोमेसर (सूर, स्वर)-पु० [सं० सोमेश्वर].१ महादेव, शिव । चन्द्रलोक । -वस-पु० चन्द्रवंश । युधिष्ठिर । -वसी-पु० २ काशी में स्थित एक प्रसिद्ध शिव लिंग।।
चन्द्रव शीय क्षत्रिय या व्यक्ति । --सुत= 'सोमपुत्र'। सोम्य-वि० [सं०] १ सोम-सम्बन्धी सोम, का। २ सुन्दर सोमइयो, सोमईउ, सोमईयो-पु० सोमनाथ नामक प्रसिद्ध शिव मनोहर । ३ सोम पान करने का अधिकारी । ४ यज्ञ में लिंग। . .
सोम की पाहति देने वाला । ५ पच्छा, सुन्दर । ६ शत.. सोमक-पु० [सं०] १ स्त्रियों का एक रोग । २ श्रीकृष्ण का एक गंभोर । पुत्र । ३ एक प्राचीन ऋषि ।'
सोयप्रभा-देखो 'स्वयंप्रभा'। सोमकांत-स्त्री० [सं०] १ चन्द्रकांत मणि । २ सौराष्ट्र देश का | सोय-स्त्री. १ जानकारी, ध्यान, समझ । २ ठीक सामने की एक प्राचीन राजा।
दिशा, सीध । ३ टोह,प्रदाज, पता। ४ रुख, इरादा ध्यान । सोमग्रह-पु० घोड़ों का एक रोग विशेष ।
-सर्व० १ वह, वे । २ उसे । ३ जो। ४ वही। ५ 'सो' । सोमज-पु. [सं०] दूध ।
सोयण-पु० [स० जन] चारण कवि। सोमधात-पु. सूर्य भानु ।
सोयम-वि. तीसरा, तृतीय। सोमनाथ-पु. १ काठियावाड़ में स्थित एक प्रसिद्ध शिव लिंग । | सोयली-स्त्री० साड़ी। २ वह स्थान जहां यह शिव लिंग स्थित है।
सोयली-पु० (स्त्री० सोयली) १ एक प्रकार का घास । सोमप-पु० [सं०] | पितरों का एक समूह विशेष । २ स्कन्द | २ देखो 'सोहिलो'।
का एक सैनिक । -वि० जिसने यज्ञ में सोमरस का पान | सोयसी-स्त्री० [सं०श्रेयसी हरीतकी, हर। किया हो।
सोरम-देखो 'सौरभ'। सोमपुरा-स्त्री० एक जाति विशेष जो स्थापत्य कला या शिल्प
सोरंभणी (बो)-क्रि० सुगंध युक्त होना, महकना । का कार्य करती थी।
सोरभमूळ-देखो 'सौरभमूळ' । सोमबल्लि-स्त्री० सोमलता ।
सोरंभी-देखो 'सौरभ'। सोमरोग-पु. स्त्रियों का एक रोग।
सोर-पु० [फा० शोर] १ कोलाहल, हल्ला-गुल्ला । ३ बारूद । सोमल-पु. १ शंखिया नामक विष का एक भेद । २ एक वृक्ष ।
३ तीखी व ऊंची पावाज, चीख । ४ मधुर या मोहक • -वि० कड़वा, खारा।
ध्वनि । ५ प्रातिशबाजी, पटाखा। सोमलखार-पु० मल्ल नामक विष ।
सोरको-पु० १ डर, भय, प्रातक । २ चिता, फिक्र । सोमलता-स्त्री० १ गिलोय । २ ब्राह्मी । ३ एक लता विशेष । सोमवंसपत-पु० [सं० सोमवश पति] १ युधिष्ठिर का एक
| सोरखांनो-पु० [फा० शोरखाना] बारूद बनाने या रखने का नाम । २ कोई चन्द्रवंशीय राजा।
स्थान बारूद कक्ष । सोमवसराजा-पु० युधिष्ठिर।।
सोरगर पु० [फा० शोरगर] बारूद व प्रातिशबाजी बनाने व सोमवतीपमावस (प्रमावस्या)-स्त्री० सोमवार को पाने वाली
बेचने वाला। अमावस्या तिथि जो पुण्य तिथि मानी जाती है। | सोरजंत्र-पु० [फा० शोर+सं० यंत्र] १ बन्दूक । २ तोप ।
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