Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 912
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हासकारी हिाणी हासकारी-वि० [सं० ह्रास-कारक] १ ह्रास करने वाला, क्षीण हाहाठीठी-स्त्री० [पनु०] हंसी की पावाज । या कम करने वाला। [सं० हास्य-कारक] २ हंसी-मजाक हाहाहह-पु. १ व्यर्थ का हल्ला, शोर । २ व्यर्थ की हंसी । करने वाला, बिनोदी। ३ हंसने योग्य, हास्यास्पद । ३ जोर को हसो। हासकोड़ा,-स्त्री० [सं० हास्य-क्रीड़ा मजाक, दिल्लगी, हंसी । हाइळि, हाहुळी-पु० [देश॰] १ उदार, दातार । २ योद्धा, हासणी (बो)-देखो 'हंस' (बी)। । शूरवीर । हासपरिहास-पु० परस्पर की जाने वाली विनोद की बातें, | हाहूं, हाहू-पु० [अनु॰] शोर, हल्ला, हलचल, चिल्लाहट । मजाक । हाहूबोर-देखो 'हाऊबोर'। हासम-पु० [प. हाशिम] १ रोटी बनाने वाला, बावर्ची । | हि-देखो 'ही' । २ मुहम्मद साहब के वंशज, मुसलमान । ३ देखो 'हसम'। हिमोड़ी-स्त्री० [देश॰] एक प्रकार का कृषि उपकरण जो हासरस-पु० [सं०हास्य-रस] साहित्य में नौ रसों में से एक रस। अंग्रेजी के (V) प्राकार में, दो लकड़ियों से बनता है। हासल-देखो 'हासिल' । हिरोड़ो-पु० [देश॰] काष्ठ के मोटे डंडों का कैचीनुमा बना हासलीक-वि०१ हासिल का, हासिल संबंधी। २ हासिल के उपकरण जो बढ़इयों के मोटे लठे चीरने के काम पाता है। रूप में प्राप्त होने वाला। ३ हासिल देने वाला। हिंगरड़ी-स्त्री० किसी बात या कार्य के लिये लगातार ताकीद हासविलास-पु. प्रामोद-प्रमोद, हंसी मजाक, मनोविनोद। | करने की क्रिया या भाव । हासा-देखो 'हसी'। हिंगळाज-स्त्रो. सिंध व बलूचिस्तान की पहाड़ियों में स्थित दुर्गा हासारस-देखो 'हासरस'। । की एक मूर्ति । हासियो-पु० १ फैली हुई वस्तु का किनारा, गोट, मगजी। हिंगळू-पु० [सं० हिंगलू] इंपुर । २ लेखन के समय कागज के दायें-बायें छोडा जाने वाला हिंगळूढोलियो-पु० लाल रंग के पायों वाली चारपाई या पलंग। स्थान। ३ इस प्रकार छोड़े हुए भाग में लिखी जाने | हिंगाढेल-वि० प्रचुर, पर्याप्त । वाली टिप्पणी। हिंगुळा-स्त्री० वह प्रदेश जहाँ हिंगलाज' देवी की मूर्ति स्थित है। हासिल-पु० [अ०] १ राजा, सामंत, जमींदार, भू-स्वामियों | हिंगुलेस्वर-पु. ज्वर सम्बन्धी एक पायुर्वेदिक औषधि । द्वारा किसानों से वसूल किया जाने वाला कृषि उपज का हिंगू-देखो 'हींग'। कुछ निश्चित भाग । २ कृषि-भूमि से होने वाली प्राय । हिंगूण-पु० इंगूदी का वृक्ष । ३ उपज, पैदावार । ४ लाभ, जमा, फायदा। ५ लगान. | हिगूरिणयो-स्त्री. इगूदी वृक्ष का फल । कर । ६ नतीजा, परिणाम: ७ गरिणत में किसी संख्या हिगोट-पु० [सं० हिगुपत्र] मंझोले कद का, कंटीली झाडीदार का गुणफल या योग करते समय बचने वाला भाग जो| वृक्ष । इकाई मे दहाई व दहाई से सैकड़े प्रादि के अंकों में जुड़ता | हिंगोटियो, हिंगोटौ-पु० हिंगोट' वृक्ष का फल । जाता है। -वि० १ प्राप्त, उपलब्ध । २ वसूल किया हुमा।| हिंगोळ-देखो 'हिंगळ ज' । हासो-देखो 'हंसी'। हिचणी (बौ)-देखो 'हिचणी' (बी)। हासू. हासो-देखो 'हासो'। हिंचोळणौ (बो)-देखो 'हिचोळणो' (बी)। हास्य-वि० [सं० हास्यः] १ हंसने योग्य, उपहास करने योग्य । | हिजड़ो-देखो 'हीजड़ो' । २ देखो 'हास'। | हिजरणौ (बो)-क्रि० १ वियोग, विरह या किसी की याद में हास्यकथा-स्त्री० [सं०] हंसी की बात, मनोरंजक कहानी। निरन्तर रोना, करुण विलाप करना, शिर धुनना, झरना । हास्यकर-वि० [सं०] १ हंसी पाने लायक, हास्यास्पद । २ हंसाने २ वात्सल्य, प्रेम में विलाप करना। ३ किसी को भोर वाला । टकटकी लगाकर देखना। ४ किसी की शरण या पाश्रय हाहत-प्रव्य. प्रत्यन्त शोक सूचक शब्द । लेना। ५ घोड़ों का हिनहिनाना। हाहा-स्त्री० [धनु०] १ हंसी की प्रावाज । २ रोने की आवाज, | हिजीर-स्त्री० हाथी के पैर में बांधने की रस्सी या जंजीर । रुदन । ३ त्राहि-त्राहि । ४ अत्यन्त दु:खी होने पर मुह हिजोळियो-पु० हलवे के ऊपर तैरकर पाने वाला घी, घृत । से निकलने वाला शब्द हा, प्राह ।। | हिंडणी (बौ)-देखो 'होडणी' (बो)। हाहाकार (कारो)-पु० [सं०] १ करुण पुकार, क्रन्दन, त्राहि- | हिंडळणी (बी)-देखो 'हिंडळणो' (बो)। त्राहि. कुहराम, रुदन । २ किसी बात का तहलका, हो- हिंडळाट-देखो 'हिंडोळाट'। हल्ला, बड़ो गड़बड़ी। | हिडाणी (बी)-देखो 'हींडारणो' (बी)। For Private And Personal Use Only

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