Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 931
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org हेतई ( ९२५ ) हेतई-देखो 'हेतु' । हेम-पु. [सं० हेमिन्] १ स्वर्ण, सोना, कंचन । २ वह वस्त्र हंतभाव-पु. प्रेम भाव । जिस पर सुनहरा कार्य किया हुमा हो। ३ हेमंतऋतु । हेतव-पु. १ चारण कवि । २ कवि । ३ देखो 'हितु' । ४ सुमेरू पर्वत । ५ पानी, जल । ६ धतुरा । ७ केसर का फूल । हता-देखो 'हेत'। ८ गौतम बुद्ध का एक नाम । ९ बादामी रंग का घोड़ा। हेतारच-देखो हितारथ'। -वि०१ शीतल, ठण्डा । २ श्वेत सफेद है। ३ पोत, हताळ, हेताळु, हेताळू-वि० । हित चाहने वाला, हितैषी।। पीला । ४ देखो "हिम'। २ प्रेमी, स्नेही। हेमभद्र, हेममनड़-पु० [स० हेम-प्रति] १ हिमालय, पर्वत । हेति-स्त्री० [सं०] १ पस्त्र, हथियार । २ वज । ३ भाला। । २ सुमेरु पर्वत । ४ पाघात, चोट, प्रहार । ५ प्रकाश. चमक । ६ अगारा, | हेमअरि-पु० [सं०] स्वर्ण का शत्रु, सोसा। शोला। ७ मधु या चैत्र मास में सूर्य के रथ पर रहने हेमकार-पु० [सं०] १ स्वर्णकार, सुनार । २ सोना, स्वर्ण । वाला प्रथम राक्षस राजा । हेमकूट-पु० [सं०] हिमालय के उतर में स्थित एक पर्वत । हेतिकरण-देखो हितकारी'। हेमकेस-पु० [सं० हेमकेश] शिव का एक नामान्तर । हेती-१ देखो 'हेत' । २ देखो 'हेतु'। हेमगढ-पु० [सं०] १ सोने का गढ़ । २ लका । हेतु पु० [सं०] १ कारण, वजह, उद्देश्य । २ उद्भव स्थल, | हेमगर, हेमगिर (गिरि, गिरी)-पु० [सं० हेमगिरिः] १ सुमेरू निकास, उत्पत्ति । ३ साधन, जरिया। ४ अभिप्राय, पर्वत । २ हिमालय पर्वत। उद्देश्य कारक या उत्पादक विषय । ५ वह व्यक्ति या वस्तु हेमचंद हेमचंदर, हेमचंद्र-पु० [सं० हेमचंद्र] इक्ष्वाकुवंशीय एक जिसके होने से कोई बात हो, प्रमाणित करने वाली बात । राजा । २ कलिकाल सर्वज्ञ के नाम से प्रसिद्ध एक ६ ज्ञापक विषय । ७ तर्क, विज्ञान व न्याय दर्शन में वर्णित | जैनाचार्य । प्रमाणों में से कोई प्रमाण। ८ एक पल कार विशेष । हेमजा-स्त्री० [सं. हिमजा] १ हरीतको, हरड़ । २ पार्वती, -कि०वि० १ लिये, वास्ते, निमित्त । २ देखो 'हितु'। उमा। हेतुभेद-पु० [सं०] ज्योतिष में ग्रह-युद्ध का एक भेद । | हेमजाळ (जाळक)-पु० एक प्राभूषण विशेष । हेतुमान-वि० [स० हेतु मत्] जिसका कुछ कारण हो, हेतु हो। हमता-वि० सोने का। हतुवाद-वि० [सं०] १ तर्क विद्या, तर्क शास्त्र । २ कुतर्क । हमतुला-स्त्री० [सं०] १ सोने का तुलादान, तराजू । २ वह ३ नास्तिकता। तराजू जिसमें सोना तोला जाता है। हतुवादी-वि० [स०] १ उक्त सिद्धान्त को मानने वाला, हमदंता-स्त्री० [सं०] एक अप्सरा विशेष । ताकिक । २ नास्तिक । हमदिस, हेमविसा (दिसि)-स्त्री० [स० हिम-दिशा] हिमालय हेतुविद्या-स्त्री० [स०] तर्क शास्त्र । या उत्तर दिशा। हे नुहे तुमद भाव -पु. [सं०] कारण और कार्य का संबध । हेमपंथ, हेमपथ-पु० [सं० हेम-पथ] १ हिमालय पर्वत । हतू-१ देखो हितु' । २ देखो 'हेतु'। २ उत्तर दिशा का मार्ग। हते-देखो 'हेतु'। हेमपरवत-पु. [सं० हेमपर्वत] १ सुमेरू पर्वत । २ स्वर्ण को वह हे तो-वि० १ हतप्रभ, निराश, हतोत्माह । २ देखो 'हत' । राशि जो दान में दी जाय । ३ हिमालय पर्वत । हनाळ-स्त्री० घोड़े के सुम की नाल, खुरताल । | हेमपुसप (पुस्प)-पु० [सं० हेमपुष्प] १ चम्पा का पुष्प । हेप हेफ-देखो 'हैफ'। ! २ गुलाब का पुष्प विशेष । हेमक-पु० [स.] १ विष्णु । २ ब्रह्मा। ३ गरुड़ । ४ शेर, हेमकूल, हेमकुलिका-स्त्रो० सोनजुड़ी का पौधा । सिंह । ५ सुमेरु पर्वत । ६ हिमालय पर्वत । ७ बर्फ, हिम । हेममाळ (माळा)-पु० [सं० हेममालिन्] १ सूर्य, रवि । ८ स्वरण, सोना, कंचन । ६ चंपक वृक्ष । -वि० १सुनहला। २ एक राक्षस विशेष । २ शीतल। हेमर-देखो 'हयवर'। हेमंत, हेमंतरित (रितु)-स्त्री० [सं० हेमन्त, हेमन्त ऋतु] | हेमलब-पु. विष्णु वोसो का ग्यारहवां वर्ष । (ज्योतिष) १ छः ऋतुषों में से एक ऋतु जो मिगसर व पौष मास में हेमळ -पु० [स० हमलः] १ स्वर्णकार, सुनार । २ कसोटी। रहती हैं। २ शीतकाल । ३ एक छन्द विशेष । ३ गिरगिट। हमंत, हेमतो, हेमंतु-देखो 'हेमंत' । हेमवत-पु० हिमालय पर्वत । हेमसु हेमसू-देख। हिमासु'। हेमवतो, हेमवती-स्त्री० [सं० हेमवती] १ पार्वती, गोरी। For Private And Personal Use Only

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