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होट
( ९२९ )
होमरणो
होट, होटयो, . होठ, होशलो, होठको-पु०- , [स० पोष्ठ] || होनहार, भावी, होनी। • 'प्राणियों के मुह के किनारे के प्रवयव, प्रोष्ठ, दन्तच्छद । होता-वि० [सं० होत] १ यज्ञ करने वाला, 'पाहुति देने वाला। होड-स्त्री० [सं० होडु] १ बराबरी, समानता । २ प्रतिस्पर्धा ।। २ देखो 'होत' ।।
ईशतं, बाजी। ४ ईा, देष। ५ मुकाबला, सामना । होतासरण-देखो 'हुतासण'। होम्हाक-स्त्री० वीर ध्वनि ।
होती-कि० 'है' का भूतकालिक स्त्री रूप, थी.। -स्त्री०संभावना । होव्होड-देखो 'होडाहो'।
होतो-वि० 'हे' का भूतकालिक रूप. था। होडाहोड-क्रि०वि० १ देखादेखी, दूसरों के अनुकरण से। हाव-१ दखा।
२ प्रतिस्पर्धा या जिद्द के कारण। ३ ईर्ष्या, या द्वषवश होवळ-वि० कम्पित । ४ बराबरी में समता में, तुलना में। ५ शर्त या बाजी होवाय, होवो-देखो 'होदो'। लगाकर । ६ मुकाबले में, सामने ।
होनहार-देखो 'होणहार'। होगाहोगा (डी)-देखो 'होडाहोर्ड' ।
होफ, होफर-स्त्री० १ सिंह की दहाड़, गरजना। २ जोश पूर्ण होशि-देखो 'होड'।
प्रावाज, वीर ध्वनि । ३ पावाज, ध्वनि । होग-क्रि०वि० १ होने के लिये । २ देखो 'होली' ।
होकरडौह-वि० (स्त्री० होफरडीह) सिंह के समान दहाड़ने होगपदारब-देखो 'होणहार'।.
बाला, यरजने वाला। होणहार, होणहारी, होणार, होणी, होणेहार-स्त्री ऐसी घटना होफरणो (बी)-क्रि०१ गरजना, दहाड़ना । २ जोस में बोलना। या बात जो होकर रहे, होनहार, भवितव्यता, भावी । -वि०
३ क्रोध करना, रोष करना । अपने लक्षण, गुण या कर्तव्यों में जो योग्य लगता हो,
होफरळ-पु० सिंह, शेर।
होबड़-स्त्री. १ ठोड़ी, हिचकी। २ मुंह, मुंख । ३ पोष्ठ; भाग्यशाली, उदीयमान ।
अधर, होठ। ४ देखो 'थोबड़ो'। होणी (बी)-क्रि० [सं० भू, प्रा० होइ] १ स्वयमेव घटना, होना। २ अस्तित्व में माना, बनना। ३. उपस्थित या मौजूद्र
होबरही-पु० उबकाई, मतलो। । रहना। ४ निर्मित होना, रचा जाना। ५ काम बनना या | होम-पु० [सं०] १ हवन, यज । २ यज्ञ में पाहुति देने की सिद्ध होना । ६ पूर्ण होना, पूर्णता की स्थिति में माना।। क्रिया। ७निवत्ति की अवस्था में प्राना। बीतना, गुजरना । होमकाट (काठ)-पू० [सं० होम + काष्ठ] १ यज्ञ की ९ परिणाम, • नतीजा निकलना । १० असर या प्रभाव
लकड़ियां, समीधा । २ देखो 'होमकास्ठी'। पड़ना । हानि या क्षति पहुंचना। १२ भुगतना, बहन करना। १३ उचित क्रम या नियम से चलते रहना ।
होमकास्की-स्त्री० [सं० होमकाष्ठी] यज्ञ को अग्नि दहकाने की १४ परिवर्तित अवस्था में पहचना । १५ जन्मना, उत्पन्न | " फूकनी। होकर सामने पाना । १६ विशेष स्थिति या अवस्था में होम-पू० [सं०] वह गड्ढा या कुंड जिसमें यज्ञ की अग्नि पाना । १७ चमकना, प्रकाशित होना । १८ मिलना, प्राप्त
प्रज्वलित की जाती है। होना । १६ व्यापना, प्राना, छाना । २० किसी रोग या
होमछाळणा-स्त्री० विश्नोइयों में झगड़ा या विवाद तय करने प्रेत बाधा मादि का फैलना। २१ निकलना, प्रगट होना। २२ मिलना, मेंटना। २३ अवतरित होना । २४ विकार
___ सबंधी एक प्रक्रिया। सूचक क्रिया किया जाना । २५ काम निकलना, गरज होमणी-वि. (स्त्री० होमणी) १ होमने वाला, पाहुति देने सरना । २६ नाते-रिश्ते या मोह-ममता में बंधना निकट- बाला। २ नष्ट करने वाला, बरबाद करने वाला। वर्ती या घनिष्ठ बनना।
३ बलिदान करने वाला। होत-पु० [सं० होत्रं यज्ञ. हवन ।
होमणो (बो)-क्रि० [सं० होमम्] १ हवन करना, यज्ञ करना। होतब, होतम्य, होतब, होतभ्य, होतव्यता-स्त्री० [सं० भवितव्यता] | २ यज्ञ की भग्नि में सामग्री डालना, माहुति देना।
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