Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 929
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra महार हार- देखो 'होणहार' । हूणी (बी) - देखो 'होली' (बी) । हूत देखो 'हंसी' हूलद्रव्य - पु० [सं०] हवन सामग्री । देखो'ळ' हूतां हूता देखो 'हंत' । - हूनर, हूनर - देखो 'हुनर' । हूपड़ी पु० बैलगाड़ी के थाटे के धागे लगा त्रिभुजाकार तख्ता । बकरणी ( वो) - देखो 'ऊबकणी' (बी) । हूणी (बो) - देखो 'हुबली' (बो) । हूबहू वि० [फा०] १ बिल्कुल एकसा, समान सew 1 २ बराबर, तुल्य । ३ ज्यों का त्यों, जंसा का जैसा हूबी - स्त्री० ऊंट के तालू में होने वाला ग्रन्थि-रोग । हूबहूब, हूबहूब देखो 'हूबहू' । हर-रयो मुसलमानों के हित की परी २ स्वर्ग की प्रप्सरा, परी ३ वेश्या, रंडी, नगर वधू । ४ सुन्दर, स्त्री । हूरळ पु० १ पंने शस्त्र का जोरदार प्रहार । २ शूल, हूक । हूरब-पु० [सं० हूरव: ] शृगाल, गीदड़ । , हूरवर, हूरांवर पु० युद्ध में वीरगति प्राप्त करने वाला योद्धा । हूळ, हूल स्त्री० [सं० शूल] १ प्रहार, प्राधात वार २ भय श्रास ३ कोई भयंकर पीड़ा दर्द ४ दु:ख, कसक, वेदना - पु० ५ चौदहवीं वार उलटाकर बनाया हुधा, शराब ६ देखो 'हुल' 1 - www. kobatirth.org हूनगो (बौ) - देखो 'होगी' (बो) । स वि० [१] पटल २ शिष्ट, उज्जड़ मूखं । सनाइक (नायक) देखो 'क' ( ९२३ ) हलाहल स्त्री० निरन्तर उठती रहने वाली कसक, पीडा, वेदना । हूलियो - पु० [अ० हुलिय: ] १ प्रकृति, शक्ल, चेहरा । हूलिय] १ चाकृति शक्ल बेहरा २ रूपरंग, बनावट । ३ किसी मनुष्य की शक्ल-सूरत का ब्योरा । हेकड़ी-देखो हेकड़ीबाज हेकड़ीबाज' | हेंबर देखो 'वर' | हेयार पु० हय, घोड़ा, हेकंकार- वि० समान, तुल्य बराबर , कंबल, हेडियो-वि० विमूढ, प्राकृ हेकंड वि० जबरदस्त जोरदार हेंस, हँसो-देखो 'हिस्स' । हैं हैं [स्त्री० हंसी की धावाज हंसो हे - प्रव्य० [सं०] १ सम्बोधनात्मक धव्यय, घरे, प्रो २ दर्प, ईर्ष्या, द्व ेष या शत्रुता द्योतक अध्यय । ३ देखो 'है' । हेरिए हेली-देखो 'एक' हेकमन पु० १ मन मिलने की अवस्था ३ एकाग्रता , मर्तस्य सहमति अनुराग 1 हेकमहेक - देखो 'एक मेक' । हेकर - देखो 'एकर' । हेकरसां से देखो एकरसू" । (सू, से) हेकल - देखो 'एकल' । कलि, हेकली - वि० केली । हेकले, हेकलं वि० धकेले । बेदा हेलो हेलो-देखो 'एकली' हेकण देखी 'एक'। करणजमे - वि० इकट्ठा, एकत्रित । 1 हे कंपली (बी) क्रि० १ कंपायमान होना, कांपना, परांना २ भयभीत होना, डरना । ३ प्राश्चर्य चकित होना । हेक वि० [सं० एक]१ एक. एक मात्र २ करीबन दानिया अनुमानित ३ कई कुछ 1 हेकड़ वि० [सं० इकट्] १ एक २ महिल उ ३] देखो 'एकड़' | हेकड़ी - स्त्री० १ उद्दण्डता, घड़ियलपना | २ बलप्रयोग; जोरावरी, जबरदस्ती बलात्कार । ३ शेखी, शान; क्रुड़ ४ सर्व अभिमान मान ५ हठ बाज- वि० शेखी मारने वाला, गर्वीला, घमण्डी, बलवान । हेकड़ी वि० पला । , हेकट, हेकडा, कडा क्रि०वि० १ एकत्र होकर साथ-साथ २ मिल-जुल कर सम्मिलित होकर । ३ एक ही जगह या स्थान पर । कहेको वि० केला, केवल एक । - Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हेकहेकोन वि० एक हो, धकेला, कदयों में एक - हू- हल्लौ पु० शोरगुल, कोलाहल । करणी वि० १ एक । २ प्रकेला । ३ एक बार । हूहू - पु० [सं०] १ गन्धवं विशेष । २ देवता । ३ प्रग्नि के हेकांणवइ (ई) - वि० नब्बे तथा एक, इक्याणवे, इकरावे । जलने का शब्द, धू-धू धांय धांय । हेका वि० १ एक ही २ धकेला क्रि०वि० १ एक मोर; एक तरफ । २ इधर-उधर । ३ देखो 'एका' । काहेक हेकाहेकी देखो 'एकाएक' । हे, हेकै देखो 'एकै' । खारव या भाव। २ एकमत; ४ प्रेम, प्यार, स्नेह, कारु कारू - क्रि०वि० एक बार एक समय । 10 For Private And Personal Use Only हे कोहिक. हे कोहेक क्रि०वि० एक-एक करके, बारी-बारी से । हेको पु० १ एक की संख्या या अंक २ देखी 'एको' - क्रि०वि० एक बार । खारव - पु० [सं०] ह्रस या हेष ] शब्द या छावाज ।

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