Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 928
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ९२२ ) हण हुस्तंड-देखो 'हुसंड'। हूँतउ-देखो 'हूंतो'। हुस्त-देखो 'हुस। हूँ तळ-क्रि०वि० शामिल, साथ । हुस्यार-देखो 'होसियार'। हूँ तां, हूं ता-देखो 'हंत'। हुस्यारी-देखो 'होसियारो'। हूँति हूँती-प्रव्य १ से। २ की। ३ थी। इहव-पु. एक नरक का नाम । हूंतू-सर्व० मैं व तू। हुहु, हुहू-पु० १ देवता। २ एक गंधर्व । ३ देखो 'हूहू' । | हूँते-क्रि०वि०१ से, द्वारा। २ होते हुए । ३ वाजिब, ठीक. हूँ-सर्व० [सं० अहम] मैं, मैंने, मुझे। -प्रव्य० १ से । २ द्वारा, मार्फत । ३ से, अपेक्षाकृत, तुलना में। ४ को। ५ के। हूतौ-प्रव्य० १ से । २ द्वारा, मार्फत, से। ३ के, को। ४ था। ६ हां: ७ वर्तमानकालिक क्रिया "है" का उत्तम पुरुष हूंफणी (बो)-देखो 'हांफणो' (गे)। एक वचन रूप । हूँ मड-पु० पंवार राजपूतों को एक शाखा । #करणी-स्त्री०१ किसी जानवर की बोली, पावाज । २ उमंग, | हूँ मणौ (बो)-देखो 'होमणी' (बी)। प्रबल इच्छा । हूँ स-स्त्री० [सं० उष्म] १ प्रबल इच्छा, अभिलाषा. उत्कण्ठा । हूँकरणो (बो)-क्रि० १ हुंकार भरना, हुंकारना। २ गर्जना, २ उमंग, उत्साह, जोश । ३ हर्ष, खुशी, प्रानन्द । ४ मोद, गर्जन करना। ३ सिसकना, रोना। ४ बोलना, पावाज गवं अभिमान । ५ हिम्मत, होसला । ६ प्रवृत्ति । ७ मौज, करना। मस्ती। ८ प्राभा, कान्ति, दीप्ति, चमक । हूंकर-देखो 'हुंकार'। हूंसनायक, हूँ सियो-देखो 'हसनायक' । हूँ कळ-पु० [सं० उत्कललनह] १ कोलाहल, शोरगुल । २ हुंकार, हू-स्त्री० शृगाल या सियार की बोलो। गर्जन । ३ घोड़े की हिनहिनाट। ४ शब्द, ध्वनि । ५ युद्ध हक-स्त्री. १ छाती या सोने में होने वाली तीव्र पीड़ा, दर्द । लड़ाई। ६ सिधु राग । ७ गायन, गाना । २ मन की कसक, वेदना, दुःख। ३ तड़प, पाह, कराह । हूँ कळचाळो-पु. उपद्रव, बखेड़ा, दंगा। ४ करुण, क्रन्दन। ५ शोक, समाचार । ६ धड़कन । हकळरणो(बी)-क्रि० १ कोलाहल या शोरगुल होना । २ गरजना, ७ पश्चाताप, खेद । ८ प्रभिलाषा, मनोकामना । हुंकारना। ३ हिनहिनाना। ४ शब्द, प्रावाज या ध्वनि | हुकणो (बो)-क्रि० १ छाती या सोने में तीव्र पीड़ा होना, दर्द होना । ५ सिंधु राग गाया जाना । होना। २ कसक उठना, वेदना या दुःख होना । ३ कराहना, हकार-स्त्री०१ स्वीकृति, सहमति, हो । २ देखो 'हुंकार। प्राह भरना, तड़पना । ४ करुण क्रन्दन करना। ५ शोक ह कारो-देखो 'हुंकारी'। समाचार फैलना । ६ घड़कना, धड़कन होना । ७ पश्चाताप हूँचकम्पो (बो)-देखो 'हुचकणी' (बी)। या खेद करना। हूँचणी (बौ)-देखो 'हुचणी' (बी)। हूकळ, हूकल-देखो 'हूंकळ । हूँचौ, हूँछ-पु० 'भुरट' नामक घास की बाल या बीज। हूकळणो (बौ), हूकलणौ (बी)-देखो 'हूकळणो' (बी)। हट, हूँठ-वि० [सं० पद्ध-चतुष्टय] तीन व माधा, साढ़े तीन । हूकळी-स्त्री. फौज के चलने से उत्पन्न ध्वनि, शोर, कोलाहल । -पु० साढ़े तीन को संख्या । हूकाधारी-देखो 'होकाधारी'। हूँटो, हूँठो-पु० साढ़े तीन का पहाड़ा। हूकारो-देखो 'हकारों'। हूँ-वि० लम्बा। हूको-देखो 'होको'। हडा-पु. चौपड़ के खेल में पासे निरस्त हो जाने की एक हूचक-पु० [सं० उच्चकन] १ युद्ध, समर, लड़ाई। २ भिड़त, अवस्था। टक्कर । ३ वीर गति । ४ प्रहार, टक्कर । हूँडी-स्त्री० १ नाभि । २ देखो 'हुंडी'। हूचकणी (बौ)-देखो 'हुचकणी' (बी)। हूँ डीवाळ-देखो 'हुंडीवाळ' । हूचको-देखो 'हुचको'। हू डौ-पु. एक प्रकार की डलिया। हूचटो-पु० १ झटका । २ धक्का । हूँणहार-देखो 'होणहार' । हूचणी (बो), हूछणौ (बो)-देखो 'हुचणी' (बो)। हू पी-देखो होणी'। हूड-देखो 'हुड'। हत-प्रव्य० १ तृतीया विभक्ति चिह्न, 'से'। २ तुलना में, से।। हण-पु० १ एक प्राचीन मंगोल जाति । २ इस जाति का व्यक्ति। ३ सहित, समेत, युक्त, से। ४ का, के, की। ५ द्वारा, ३ एक राजवश । ४ पवार राजपूतों की एक शाखा। मार्फत । ६ होना क्रिया। ५ देखो 'होणी'। For Private And Personal Use Only

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