Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 910
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हारद ( ९०४ ) हालर-हूलर वस्तु का सदुपयोग न होना, व्यर्थ खोदेना। ६ जबान वृत्तान्त, बयान । ५माख्यान, कथा। ६ व्यवस्था । ७ चलने खाली जाना। का ढंग, गति, चाल । ८ सुख, चैन । ९ वर्तमान काल । हारव-पु० [सं० हादं] १ प्रेम, स्नेह प्यार । २ कृपालुता, १० वर्तमान से कुछ पहले का समय । [सं० हाल:] दयालुता । ३ कोमलता, नाजुकता। ४ अभिप्राय, इरादा, ११ हल। १२ हल का हरिसा। १३ बलराम का एक मन की बात । ५ दृढ़ संकल्प । ६ प्रेमी, मित्र । नाम । १४ शालिवाहन का एक नाम । १५ एक प्रकार का हारदा-पु० [सं० हृदय] हृदय, दिल, मन।। पक्षी। -प्रव्य० [फा०] १ अभी, इसी समय । २ तुरन्त, हारविक-वि० [सं० हार्दिक] १ हृदय का, हृदय से संबंधित, तत्काल । ३ अभी तक, अब तक। ४ शीघ्र, जल्दी। हृदय से निकला हुआ। २ सच्च, वास्तविक । ५ फिलहाल। हारबंद, हारबंध-पु० [सं० हार-बंध] एक प्रकार का हारनुमा हालक-पृ० [सं०] बादामी या भूरे रंग का घोड़ा। -वि. चित्र काव्य । पीला, हरा। हारमेल-देखो 'हमेल'। हालड़ौ-पु० [देश॰] हेंगा नामक एक कृषि उपकरण । हारमोनियम-पु० [अ०] सन्दूक से प्राकार का एक प्रसिद्ध हाल-चाल-पु० १ दशा, हालत, अवस्था, स्थिति । २ रंग-ढंग, स्वर वाद्य। ३ समाचार, खबर। ४ विवरण, वृत्तान्त । ५ रहन-सहन हारमोर-वि० १ गायब, प्रलोप, लुप्त । २ अदृश्य, मोझल । का ढंग। ३ नष्ट । हालण-स्त्री० १ चलने की क्रिया या भाव । २ गतिमान होने हारल-स्त्रो० एक प्रकार की चिड़िया । की क्रिया या भाव। हारवणी (बौ)-देखो 'हराणी' (बी)। हालग-डोलण-स्त्री० १ हिलने-डुलने की क्रिया या भाव । हारवल्ली-स्त्री० माला। २ साधारण या फुटकर कार्य । हारसणगार (सिंपार, सिंगार)-पु० [सं० हार + शृगार] | १ एक प्रकार का वृक्ष, पारिजातक वृक्ष । २ वस्त्राभूषणों हालणसींगौ-पु० (स्त्री. हालणपींगो) वह बैल (पशु) जिसके सींग हिलते हों। से किया जाने वाला शृगार। हालगो (बी)-क्रि० [सं० हल्लनं] १ गतिमान होना, चलना । हारहूर-पु० [सं०] एक प्रकार का मद्य। २ रास्ते चलना, आगे बढ़ना, जाना। ३ कहीं जाना; हारहूरा-स्त्री. १ मुनक्का दाख, द्राक्षा । २ अंगूर । चलना। ४ प्रस्थान करना, रवाना होना । ५ घूपनाहाराड़-रत्री० १ लड़ाई, झगड़ा । २ युद्ध, जंग । फिरना, टहलना, विचरण करना । ६ हिलना-डुलना, हारावरणों (बो)-देखो 'हराणी' (बौ)। झोले खाना । ७ कांपना, धूजन।। ८ उड़ना । ९ होना, हारि-देखो 'हार'। चलना । १० पाना, चलना । ११ व्यभिचार की दृष्टि से किसी से लगना । १२ प्रचलन, व्यवहार या जारी रहना। हारिक-देखो 'हारक' । १३ ठीक उपयोग होते रहना । १४ चलना । हारिख-पु. एक प्रकार का रोग। हालत-स्त्री० [अं०] १ दशा, अवस्था । २ घर की अवस्था हारित-पु० [सं०] १.एक प्रकार का कबूतर । २ हरा रंग । माथिक स्थिति। ३ वातावरण, स्थिति । ४ वृत्तान्त, -वि० १ हारा हुअा, पराजित । २ भेंट किया हुआ। हाल । ५ समाचार, खबर । हारीत-पु० [सं० हारीतः] १ एक कबूतर विशेष । २ धूर्त या । हालतसींगौ-पु. (स्त्री० हालतसींगी) वह बैल जिसके सींग झुके कपटी व्यक्ति। ३ जाबाल ऋषि के पुत्र का नाम ।। हुए तण हिलते हुए हों। ४ विश्वामित्र ऋषि का एक पुत्र । ५ देखो 'हारित' । हलताई-क्रि०वि० अभी तक, अब तक । हारु, हारू-वि० १ कायर, डायोक । २ कमजोर, अशक्त । ३ हार मानने वाला । ४ देखो 'हार'। ५ देखो 'हारोहाळबोळ-देखो 'हळा बोळ' । हारी-प्रत्य० क्रिया शब्दों के पीछे लगकर विशेषण बनाने वाला हालमकर-पु० अनार, दाडिम । एक प्रत्यय । -पु० १ चूहा । २ देखो 'हार'। हालर-देखो 'हालरियो'। हालदियो, हालंदौ-वि० (स्त्री० हाल दी) चलने वाला। हालस्कालर-पु. चापलूसी, खुशामद । हाल-पृ० [१०] १ दशा अवस्था, हालत । २ रंग-ढंग, हालर-हूलर-पु. १ व्यर्थ का प्रलाप । २ व्यर्थ कार्य. अंझट । स्थिति । ३ समाचार, खबर, संवाद । ४ ब्यौरा, विवरण, ३व्यर्थ का हंसी-ठट्ठा For Private And Personal Use Only

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