Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 918
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हिरण्यासव ( ९१२ ) हिलारी हिरण्यासव, हिरण्यास्व-पु० [सं० हिरण्याश्व] दान के लिये स्थिर न रहना, हिलना, डुलना। ३ चलना, जाना, बनाई गई घोड़े की स्वर्ण प्रतिमा। सरकना, अपने स्थान से टलना, इधर-उधर होना, हिरद, हिरदय-देखो 'हिरदो'। खिसकना। ४ कांपना, धूजना। ५ झूमना, लहराना । हिरवावळ-पु० [सं० हृदावर्त] घोड़े की छाती पर होने वाली ६ जमकर न रहना, विचलित होना, डिगना, चंचल होना। भौंरी। ७ कोई हरकत होना। ८ चंचल होना । ६ फिरना, हिरदेगंम-पु० [सं० हृदयंगम] १ किसी विषय या बात को घूमना। चित्त में अच्छी तरह बैठा लेने की अवस्था या भाव ।। हिलब-स्त्री. एक गुफा विशेष । २ कोई शिक्षा या विद्या कंठस्थ हो जाने की स्थिति । | हिलम-स्त्री० [सं० हिल्म] १ भल मनसाहत, भलाई। -वि० हृदय या चित्त में समाहित । २ गभीरता, धीरता, शान्ति । ३ सहिष्णुता, सहनशीलता। ४ विवेक। हिरदे, हिरदो-पु० [सं० हृदय] १ प्राणियों के वक्षस्थल में हिळमिळ-स्त्री०१ मिलने-जुलने की अवस्था या भाव । २ परस्थित प्रमुख प्रवयव जिससे शरीर में रक्त संचालन एवं स्पर सहयोग के उद्देश्य से साथ होने की दशा । ३ प्रेम या श्वास क्रिया होती है। दिल । २ चेतना शक्ति, अन्त:करण, मित्रता से रहने की दशा । ४ स्नेह, प्रेम । ५ घुल-मिल चित्त, मन । ३ ज्ञानेन्द्रिय । ४ वक्षस्थल, छाती, सोना । जाने की अवस्था या भाव । ५ मुख, जबान । ६ किसी वस्तु का सार, मर्म, मूल तत्त्व । | हिळमिळणी (बी)-क्रि० १ प्रेम से हिलमिल जाना, भेद भाव ७ अत्यन्त प्रिय वस्तु या प्राणी। ८ जीवन, प्राण । रहित प्रेम होना, एकाकार होना। २ मित्रता या दोस्ती ६ प्रेम, प्यार । १० स्मरण शक्ति । होना। ३ परस्पर सहयोग के लिये एकत्र होना। ४ मिलहिरन-१ देखो 'हरिण' । २ देखो 'हिरण्य' । जुल कर चलना। हिरनकस्यप-देखो 'हिरणकस्यप' । हिलमोचिका, हिलमोची-पु० [सं० हिलमोचिका] १ एक प्रकार हिरनहीरनाछी-पु. वह घोड़ा जिसका प्राधा शरीर हरे रंग का का पौधा । २ एक प्रकार का शाक । तथा प्राधा श्वेत हो। हिनराणो (बी)-देखो 'हुलराणो' (बौ)। हिरनाख्य-देखो 'हिरण्याक्ष' । हिळवळणी (बो)-देखो 'हळवळणी' (बी)। हिरमच, हिरमची-देखो 'हिड़मच। हिलवारण-स्त्री० एक प्रकार की बन्दुक । हिरळवत-पु० [सं० हिरण्यवत् ] सूर्य, रवि । हिळवाळियौ-वि०१ उत्तेजित, उतावला। २ घबड़ाया हुमा, भयभीत । ३ त्वरा युक्त । हिरस-स्त्री० [स० हिस] १ तृष्णा, वासना, लोभ, लालच । २ ईर्ष्या, द्वेष, विद्वेष । ३ डर, भय, खतरा। ४ हविस, हिलवी-पु० १ हलब जाति का मुसलमान । २ हलब देश का ख्वाहिस । ५ कार्य करने की स्पर्धा । निवासी । ३ एक प्रकार का दर्पण विशेष । -वि० १ हलब देश का, हलब देश संबधी। २ हलब का। हिराती-पु. एक जाति विशेष का घोड़ा। हिळा-देखो 'इळा' । हिराबोल-पु. एक प्रकार का पौधा । हिळाणी (बो)-क्रि० १ चस्का लगाना, लगाव पैदा करना, हिराळी-देखो 'हरियाळो'। लगाना । २ प्रादी करना, वशीभूत करना । ३ अनुरक्त या हिरावळ-देखो 'हरावळ'। प्राशक्त करना । ४ घुसाना, पंठाना । हिरासत-स्त्री० [म.] १ कैद, हवालात, कारावास । हिलाणी (बी)-क्रि०१ चलायमान करना, चलाना । २ स्थिर २ निगरानी, पहरा, चौकीदारी । ३ नजरबंदी, नजर कैद । न रहने देना, हिलाना-डुलाना। ३ चलाना, भेजना, हिरिण-१ देखो 'हरण्य' । २ देखो 'हिरण'। ३ देखो 'हरिण' ।। सरकाना, इधर-उधर करना, खिसकाना। ४ कपाना, हिरिदो-देखो 'हिरदो'। धूजाना । ५ झूमने या लहराने के लिये प्रेरित करना । हिरिम-वि० [स० ह्रीमान्] १ लज्जावान, लज्जाशील । ६ जमकर न रहने देना, विचलित करना, डिगाना, उद्विग्न २ शिष्ट, सभ्य । करना । ७ कोई हरकत करना, हिलाना । ८ चचल करना। हिळणी (बो)-क्रि० [स० हिल] १ चस्का लगना, लगाव होना, ६ फिराना, घुमाना। लगना । २ प्रादी होना, निर्भर होना। ३ एक ही तरफ | हिनारियो (हिलारी)-पु० बबूल की फनो । झुकाव होना। ४ अनुरक्त या प्राणक्त होना: ५ घुसना, हिलारी-पु० १ किसी वस्तु को एक बार में ढोई जाने वाली पैठना । मात्रा । २ ढोवाई का क्रम । ३ ढोवाई के प्रत्येक क्रम का हिलणी (बी)-क्रि० [सं० हिल्] १ चलायमान होना, चलना।। पारिश्रमिक। For Private And Personal Use Only

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