Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 917
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हियाफूट हिरण्याक्ष झिझक, संकोच; हतोत्साह। २ डर, भय । ३ शंका, के चारों प्रोर लगाई जाने वाली लकड़ी। संदेह । | हिरणियो-पु. १ गरीब व्यक्ति । २ देखो 'हरिण'। हियाकूट, हियाकूटोड़ो, हियाकूटो-वि० (स्त्री. हियाफूटी, हिरणी-स्त्री० १ मादा हरिन, मगी। २ सोन जुही। ३ स्वर्ण की हिया फूटोड़ी) १ मूर्ख, नासमझ, बेवकूफ, शिर-फिरा। | चमक । ४ मृगशिरा नक्षत्र । ५ देखो 'हिरणीखूटो'। २ खिन्नचित्त, उदास । हिरणोखू टो-पु० गाड़ी में लगाया जाने वाला लकड़ी का डंडा हियाळी, हियाली-स्त्री० [सं० हृदय+प्राली] १ वात्सल्य, विशेष । प्रेम, स्नेह । २ तसल्ली, धैर्य, ढाढस । ३ हंसी, मजाक । हिरण्ण-देखो "हिरण्य' । ४ बदतमीजी, अभद्र व्यवहार । हिरण्मय-पु० [सं०] १ ब्रह्मा । २ जंबू द्वीप के नौ खण्डों में से हियाव-पु. लगाव । एक । ३ एक प्राचीन ऋषि । -वि. १ स्वर्ण का। हियाहीण (न)-वि० [सं० हृदयहीन] १ मूर्ख, प्रज्ञानी। २ सुनहरा। २ कायर, डरपोक । ३ क्रूर, दयाहीन, हृदयहीन । | हिरण्य-पु० [सं०] १ ब्रह्मा । २ एक प्राचीन ऋषि । ३ जम्बू हियु', हियु, हियू, हियो-देखो 'हिरदो' । द्वीप के नौ खण्डों में से एक । ४ सोना, स्वर्ण । ५ ज्योति, हिरणंखी-देखो 'हरिणाक्षी'। प्रकाश । ६ वीर्य, शुक्र । ७ अमृत । ८ धतूरा । हिरण-पु. [सं०हिरण्य] १ स्वर्ण, सोना। २ द्रव्य, धन, हिरण्यकसिप, हिरण्यकसिपु, हिरण्यकस्यप-देखो 'हिरणकसिपु'। सम्पत्ति । ३ देखो 'हरिण' । ४ देखो 'हरण' । हिरण्यकामधेन, हिरण्यकामधेनु-स्त्री० [सं० हिरण्यकामधेनु] हिरणउपवन-पु० ब्रह्मा । दान के निमित्त बनाई स्वर्ण की कामधेनु । हिरणक, हिरणकस-१ देखो 'हिरण्याक्ष'। २ देखो 'हिरण- | हिरण्यकार-पू० [सं० हिरण्यं+कृ] स्वर्णकार, सुनार । कस्यप'। हिरण्यकेस-पु० [सं० हिरण्यकेश] भगवान् विष्णु का एक नाम । हिरणकसप (कसिपु, कस्यप)-पु० [सं० हिरण्यकशिपु] १ एक हिरण्यगरम-पु० [सं० हिरण्यगर्म] १ वह ज्योतिर्मय अंड जिससे दानव राजा जिसने शिव के वरदान से एक प्रबुद वर्षों के ब्रह्मा एवं सृष्टि की उत्पत्ति हुई। २ ब्रह्मा, विरंची। लिये सारे देवतापों का ऐश्वयं प्राप्त किया। २ कश्यप ३ विष्णु । ४ प्रात्मा, जीव । ५ ईश्वर । ६ शुक्र ग्रह । एवं दिति का पुत्र एक सुविख्यात दैत्य जो प्रहलाद का ७ शुक्राचार्य। पिता था। हिरण्यनाभ (नाभि)-पु० [सं०] १ भगवान विष्णु । २ मेनाक हिरणखुरी-स्त्री० १ वर्षा ऋतु में उगने वाली एक लता जिसके पर्वत का एक नाम । पत्ते हिरन के क्षुर की तरह होते हैं। २ रात्रि में हिरन के हिरण्यपुर (पुरो, पुरी)-पु० [सं०] समुद्र पार वायुमण्डल में बैठने का स्थान । स्थित असुरों का एक नगर । हिरणसिख-देखो 'हरिणाक्षी'। हिरण्यवाह (बाहु)-पु० [सं० हिरण्यबाह] १ शिव का एक हिरणगरम-देखो 'हिरण्यगरभ' । नाम । २ सोन नदी का एक नाम । ३ वासुकी के वंश का हिरणचबी-पु. एक प्रकार का घास । एक नाग। हिरणजंप (झंप)-पु. १ डिंगल का एक छंद (गीत) विशेष । हिरण्यबिंद (बिंदु)-पु० [सं० हिरण्य-बिन्दु] एक तीर्थ विशेष । २ मृग की छलांग। हिरण्यव-पु० [सं०] १ देव मंदिर या देव प्रतिमा के भागे हिरणदा-स्त्री० [सं० हिरण्यदा] पृथ्वी, धरती। ___ चढ़ाया जाने वाला द्रव्य । २ स्वर्ण का गहना । हिरणरेत-पु० [सं० हिरण्यरेतस्] १ अग्नि, प्राग। २ शिव, हिरण्यवती-स्त्री० [सं०] कुरुक्षेत्र की एक नदी। महादेव । ३ सूर्य, रवि । ४ बारह पावित्यों में से एक । हिरण्यवसतर (वस्तर, वस्त्र)-पु० [सं० हिरण्यवस्त्र] सुनहरे हिरणलो-देखो 'हिरण' । तारों का बना एक प्रकार का कपड़ा। हिरणाक, हिरणाकस (कुस)-१ देखो "हिरण्याक्ष' । २ देखो हिरण्यवीरथ-पु० [सं० हिरण्यवीय] १ प्रग्नि, प्राग । २ सूर्य', ___ हिरणकस्यप'। हिरणाख-देखो 'हिरण्याक्ष' । | हिरण्यनग-पु० [सं० हिरण्यग] कैलाश के समीप एक पर्वत हिरणाखि, हिरणाखी-१ देखो हरिणाक्षी'। २ देखो | जिसमें रत्न की खाने हैं । हिरण्याक्ष'। हिरण्याक्ष, हिरण्याख-पु० [सं० हिरण्याक्ष] १ हिरण्यकश्यप का हिरणायख-देखो "हिरण्याक्ष'। भाई एक दानव जो वराह अवतार (विष्णु) द्वारा मार हिरणावटियो-पु० झोंपड़े के मध्य बड़े स्तम्भ के ऊपरी शिरे | गया। २ एक यादव । For Private And Personal Use Only

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