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हिळवारणी
( ९१३ )
होग
हिळावरणी (बी)-देखो 'हिळाणी' (बी)।
हिवा, हिवि, हिवें, हिवे, हिवै, हिव-देखो 'हिव' । हिलावणी (बो)-देखो "हिलाणो' (बो)।
हिस-स्त्री० [सं०हिस] १ पशु-पक्षी प्रादि जानवरों को ताड़ने की हिळियो-मिळियौ-वि० घनिष्ठ परिचित ।
क्रिया या भाव । २ इस क्रिया के समय मुह से निकलने हिळीमिळी, हिळीमीळी-वि० घनिष्ठ प्रेम में बंधी हुई, स्नेह वाली ध्वनि । [अ० हिस] ३ संवेदन, एहसास, अनुभव ।
युक्त, प्रम युक्त । -स्त्री. धनिष्ठ प्रेम मय होने की अवस्था ४ संवेदन शक्ति। वा भाव।
हिसाट, हिसाटि-देखो 'हीस'। हिलूर-देखो 'हिलोर'।
हिसाब-पु० [अ०] १ संख्यामों का गुणाभाग करने या हल हिलूसणी (बो)-देखो 'हुलसणी' (बी)।
निकालने की क्रिया या विद्या, गणित विद्या । २ इस विद्या हिलोडणी (बी)-क्रि० [सं० उल्लोलनम्] १ जल या किसी से कीमत प्रादि का निर्धारण। ३ व्यापार या लेन-देन में
द्रव पदार्थ को हाथ, लकड़ी प्रादि से हिलाना, तरंगित पाय-व्यय का ब्योरा, विवरण। ४ लेन-देन का विवरण, करना । २ द्रव पदार्थ को मथना, विलोड़ित करना । खाता । ५ बकाया देनदारी। ६ गणना, शुमार. गिनती। ३ लहराना, डुलाना। ४ विचलित करना, तितर-बितर ७ वस्तु का मान या मात्रा का निर्धारण । ८दर, मूल्य,
करना। ५ तरंगित करना । ६ चलायमान करना, चलाना। भाव । ९ नियम, परिपाटी। १० रीति, युक्ति, तरीका । हिलोड़ो-देखो पहिलोळी'।
११ व्यवस्था, प्रबन्ध । १२ हृदय की प्रकृति की परस्पर अनुहिलोर-स्त्री. १ उमंग, प्रानन्द की लहर । २ तरंग, लहर।। कूलता । १३ मितव्ययता। १४ सम्मति, विचार। १५ पाय३ झौंका, झोला । ४ प्रवाह । ५ कल्लोल, क्रीड़ा ।
व्यय को जांच । १६ मूल्यांकन। -बही-स्त्री० ऐसी पुस्तक, हिलोरणो (बो)-देखो 'हिलोड़णो' (बी)।
बही, पंजिका या चौपड़ी जिस में लेन-देन का विवरण हो। हिलोरव-पु० १ डोलने, झूलने या झौंका खाने की क्रिया । | हिसार-पु. एक प्रदेश का नाम ।
२ चक्कर, भांवर। ३ तरंग, लहर । ४ समुद्र । | हिस्ट-वि० [सं० हृष्ट] हृष्ट-पुष्ट, मोटा-ताजा, स्वस्थ । हिलोळ, हिलोल-देखो 'हिलोर'।
-प्रव्य ० इट, धत् । हिलोळणी (बो)-देखो पहिलोडणी' (बो)।
हिस्ठ-पुस्ट-वि० [सं० हृष्ट-पुष्ट] स्वस्थ, मोटा-ताजा। हिलोळो-पु० [सं० हिल्लोल] १ प्रानन्द की लहर, उमंग। हिस्सावार, हिस्सेदार-वि• किसी काम, व्यापार, सम्पत्ति पादि
२ लहर, तरग। ३ उमग, जोश, उत्साह । ४ झौंका, में हक, अधिकार या दायित्व रखने वाला, भागीदार । झोला । ५ गति, चाल, प्रवाह । ६ प्राक्रमण के लिये | हिस्सादारी, हिस्सेदारी-स्त्री० किसो कार्य, व्यापार, सम्पत्ति बताई जाने वाली तैयारी। ७ घबराहट या भय का दोरा, प्रादि में हक, अधिकार या दायित्व होने की अवस्था, संचार । ८ धक्का, प्राघात । ६ प्रहार, चोट ।
भागीदारी, साझेदारी। हिळोहणो (बो)-देखो पहिलोडणी' (बो)।
हिस्सो-पु० [अ० हिस्सः] १ सम्पूर्ण कार्य, वस्तु या सम्पत्ति हिलोहळ, हिलोहिळ-पु० [सं० हल्लोघर] १ समुद्र स गर । मादि का कुछ अंश, भाग या हिस्सा । २ खण्ड, टुकडा, ___ २ मथन, विलोडन । ३ लहर, तरंग । -वि० पूर्ण, परिपूर्ण । अश। ३ विभाजन या बंटवारे के कारण बनने वाली हिल्लोळ-देखो 'हिलोर'।
इकाई। ४ छोर, अंश, भाग। ५ कार्य में योगदान । हिवं, हिब, हिवइ-क्रि०वि० [सं० अधुना] १ अब, प्रभी। ६ व्यापार में साझेदारी। ७ किसी कार्य में विशेषता २ इसके बाद, तदनन्तर ।
रखने का गुण। ८ मिश्रित वस्तुप्रों में प्रत्येक वस्तु का हिवके, हिवक-क्रि०वि० इस बार, अबकी।
एक निश्चित अंश । ९ कोई उप विभाग, शाखा। १० कृषि हिवड़उ, हिवड़लो-देखो "हिवडो'।
उपज में जागीरदार या भू-स्वामी का भाग। हिवड़ा, हिवड़ा, हिवडं-क्रि०वि० अभी, इसी समय ।
होकरणी-स्त्री० एक वनस्पती विशेष । हिवड़ो-पु० [सं० हृदय] १ मन चित्त, दिल, अन्त:करण । | हीकार, हींकारी-स्त्री० [स० ह्रीं कार] उपासना संबंधी किसो
२ वक्षस्थल, छाती, सीना। ३ वक्षस्थल के नीचे स्थित | बीज मत्र को ध्वान । अवयव जो शरीर में रक्त संचार करता है।
हींग-पु. [स० हिंगु] १ अफगानिस्तान व फारस में स्वा: होने हिवडा, हिवडा-देखो "हिवड़ा' ।
वाला एक पौधा । २ इस पौधे से निकलने वाला गोंद या हिवडो-देखो 'हिवड़ो'।
दूध जो सूखने के बाद शाक, पौषधि प्रादि में काम प्राता हिवार, हिवार, हिवारु, हिवारू, हिवारू-क्रि०वि० प्रभी, इसी | है। ३ पतंग में सीधो लगने वाली तोली, खपची। समय, प्रब।
४ देखो 'सींग'।
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