Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 921
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हीप । ९५ ) हीरणता हौंप, हींफ-स्त्री. शीतल वायु । बेगारी लोग। हीबाण-पु. एक जाति विशेष का घोड़ा। होड़ो-पु. १ सेवा, सुश्रुषा, बंदगी। २ चाकरी, नौकरी। हीमजी-पु. एक वृक्ष विशेष । ३ रोगी की सेवा या चिकित्सा । ४ पादर, सत्कार; हीमत-देखो 'हिम्मत'। स्वागत । ५ इज्जत, सम्मान । ६ मनोविनोद, क्रीड़ा । हीमती-देखो 'हीमती'। ७ बेगार में किया जाने वाला काम । ८ काम-काज, कार्य । हीयोड़ी, हीयोड़ो-देखो हिपोड़ी'। हीच-देखो 'हीच'। हीयो-देखो 'हिरदो। हीस-स्त्री० [सं० हेष:]१ घोड़े के बोलने का शब्द । हिनहिनाट । हीचड़णी (गे), होचणी (वी), होचवणी (बो)-देखो | 'हिचणी' (बौ)। २ देखो 'हूस'। होसरणी-पु० [सं० हेषण] घोड़े के बोलने का शब्द. हिनहिनाने | हीचाहीच-देखो 'हींचाहींच'। की क्रिया। हीज-प्रव्य. १ केवल, मात्र । २ तैयार, तत्पर, सन्नद्ध । हींसरणी (बौ)-क्रि० [सं० हेषणं] १ घोड़े का बोलना, | ३ करीब, प्रायः, लगभग । ४ किसी बात पर जोर देने के हिनहिनाना। २ उमंगित होना, उत्साहित होना, प्रसन्न पभिप्राय से बोला जाने वाला प्रत्यय शब्द । ५ निश्चय या होना। ३ तरसना, लालायित होना। दृढ़ता सूचक पव्यय ध्वनि । ६ मन्ततोगत्वा, पाखिरकार । होसळ, हीसल-पु० [सं० हेषिन् ] घोड़ा, अश्व । ७ अनन्यता सूचक अव्यय । ८ प्रल्पता या परिमितता हीसवणो (बो)-देखो 'होसणी' (बो)। सूचक अध्यय। ९ देखो 'हो'। होसारण, हींसार, हींसारव-स्त्री० घोड़े की बोली, हिनहिनाट। | होजर-पु. [ हिजार:] पाषाण, प्रस्तर, पत्थर । हीसी-पु० घोडा, प्रश्व। होजरणो (बो)-देखो 'हिजरणो' (बी)। हीस-पु. जमीन खोदने का प्रोजार विशेष । हीजरी-पु० वियोग जनित दुःख। हींसोड़ी-स्त्री. १ जुलाहों का एक उपकरण । २ देखो | होटो-वि० १ बंधन मुक्त, स्वतन्त्र, प्राजाद । २ रहित बिना। ___हिमोड़ी'। ३ ढीठ, धृष्ट । ही-हीं-स्त्री. १ हंसने की क्रिया, हंसी। २ हंसने की ध्वनि । होड-प० समह. भोर हो-अव्य० [सं०] १ भी। २ एक मात्र, केवल । ३ शोक, होडणी (बी)-देखो होंडणी' (बी)। विस्मय, निराशा सूचक ध्वनि। -भू.का.कृ० थी। -पु. होडवण-स्त्री० एक प्रकार को मिश्री। [सं० हृदय] दिल, हृदय, मन । होडोलणी (बी)-देखो "हिंडोळणो' (बी)। होम, होसउ-देखो 'हिरदो'। हीडोलाखाट (खाटणी)-स्त्री० झले की तरह बनी खाट, खाट हीमाहोण, हीमाहीन-देखो 'हियाहीण' । का झूला।. . होइ, हीमो-देखो 'हिरदौ । होडोलाट-देखो 'हीडोलाट'। होक-स्त्री० [सं० हिक्क] १ क्रोध की ज्वाला, क्रोध का प्रावेग।हीण-वि० [सं० हीन] १ निम्नस्तरीय, न्यून, घटकर, घटिया, २ तीव्र मानसिक व्यथा, कसक । ३ तीक्ष्ण दर्द, चीस, हल्का, पोछा । २ कायरतापूर्ण । ३ रहित; दिशाहीन, टीस । ४ कोई तीव्र गंध । ५ दाह, जलन । अभावग्रस्त । ४ प्रशक्त, कमजोर, क्षीण। ५ पतलाहोकरणो (बो)-क्रि० [सं० हिक्क] १ छाती ठोककर ललकारना, दुबला, क्षीणकाय । ६ तुच्छ, नगण्य, निरर्थक, महत्वहीन । चुनौती देना । २ मारना, वध करना। ३ चोट करना, ७ लघु, छोटा । ८ रिक्त, खाली। ९ छोड़ा हुमा, त्यागा प्राघात या प्रहार करना । हुप्रा । त्यक्त। १० दोषयुक्त, त्रुटियुक्त, पशुद्ध । ११ पल्पहोगमत-देखो 'हिकमत'। तर, कम । १२ वजित । १३ नष्ट । १४ कायर, डरपोक । होड़-पु० दीगवली की सध्या को बच्चों द्वारा मनाया जाने १५ साहित्य में खलनायक, अधम नायक । १६ धर्मशास्त्र वाला उत्सव । के अनुसार अविश्वसनीय साथी। १७ काव्य संबधी एक होड़कियो-देखो 'हिड़कियो' । दोष । १८ मूख। १९ नीच, पामर । -करम-पु. नीच होड़ाऊ-देखो 'हेड़ाऊ' । कार्य, बुरा भाग्य। -करमी-वि० कुकर्मी, भाग्यहीन, हीड़ाकढ़, होडागर-पु०१ चाकरी करने वाला, सेवा करने दुष्ट । -चरित-वि० दुश्चरित्र, चरित्रहीन । वाला, सेवक । २ बेगार का काम करने वाला वर्ग, ' होणता-स्त्री० [सं० होनता] १ होन होने की दशा या भाव । For Private And Personal Use Only

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