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स्रोता
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स्रोता - वि० [सं० श्रोता ] सुनने वाला। -पु० १ सुनने वाला व्यक्ति [सं०] यो] २ नदी सरिता ३ जल पानी ४ चश्मा, सोता, जल प्रवाह ।
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खोज पु० [सं० खोज] १ कान, क २ वेदों का ज्ञान
( ८७० )
३ वेद । ४ तुषित देवों में से एक। त्रोत्र - पु० सोता 1
खो-देखो 'खोति ।
स्नेह-स्त्री० [१] चिडने पत्थर, लोह व गत्ते की बनी चौकोर तखती या पटरी जिस पर बच्चे लिखने का अभ्यास करते हैं । २ मलमल में तहें डालकर बनाई जाने वाली ढाल, ईरानी ढाल ।
स् पु० [सं० श्] १ ऐसा शब्द जिसके दो भिन्न प्रकार के २ साहित्य में एक प्रकार का अलंकार, जिसमें एक शब्द के दो या अधिक धयं हों ३ पालियन 1 मिलन |
स्लेसम- पु० [सं० श्लेष्म] १ लिसोड़े का वृक्ष । २ देखो 'स्लेस्म' |
स्व- सर्व० [सं०] स्वयं का अपना निजी जाति का सजातीय। २ स्वाभाविक १ नातेदार, रिश्तेदार २ जीवात्मा सम्पत्ति ।
स्लोक-पु० [सं० श्लोक] १ प्रशंसा, तारीफ २ यश, कीर्ति । ३ पुकार, ग्राहवान । ४ प्रशंसात्मक छंद, कथन ५ संस्कृत का पद्य, जो धनुष्टुप छंद में हो । ६ ध्वनि, ७ लोकोक्ति, कहावत ।
भावाज ।
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प्रकृतिगत
वि० १ प्रपनी पु० धन-दौलत
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स्वकीय पु० [सं०] १ स्वजन कुटुम्बी २ प्रपना निजी स्वकीया स्त्री० [सं०] ऐसी स्त्री या नायिका जो केवल अपने पति से ही धनुराम करती हो।
स्वगत- वि० [सं०] १ मन में आया हुआ । प्रव्य० २ स्वतः अपने आप
स्वच्छ स्व० [सं० स्वछंद] १ कार्तिकेय या स्कन्द का एक नाम। स्त्री० २ अपनी इच्छा या मर्जी। - वि० १ मनमौजी, स्वेच्छाचारी २ परम स्वतंत्र निरंकुश, नियत्रण या मर्यादा से मुक्त। ३ भय रहित । - क्रि०वि० १ अपनी इच्छानुसार, अपनी मर्जी से २ बिना किसी भय या संकोच के । स्वछवचारण, स्वछवचारणी, स्वछंदचारिण,
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स्वछंदचारिणीस्त्री० १ वेश्या, रडी । २ बदचलन स्त्री । ३ अपनी मर्जी मुताबिक चलने वाली ।
स्वछंदचारी- वि० स्वेच्छाचारी मनोनी
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स्वछंदता स्त्री० स्वछंद होने का गुण अवस्था या भाव। स्वच्छ वि० [सं०] १ जिसमें किसी प्रकार का मेल या गंदगी न हो, साफ, निर्मल । २ जिसमें कोई उलझन न हो, स्पष्ट । ३ सुन्दर मोहक ४ स्वस्थ तन्दुवस्त ५ पवित्र, शुद्ध ६ निष्कपट । ७ स्पष्ट ।
स्वजन पु० [सं०] १ प्राश्मोयजन २ रिश्तेदार, संबंधी।
स्वच्छता स्वी० [सं०] १ स्वच्छ होने की अवस्था या भाव। २ निर्मलता, सफाई । ३ स्पष्टता ।
परिवार के अपने लोग ।
• स्वजनता - स्त्री० [सं०] १ प्रात्मीयता । २ रिश्तेदारी । स्वजात-पु० [स०] पुत्र, बेटा वि० घपने से उत्पन्न । स्वजाति स्त्री०पनी जाति फोम या वर्ग
स्वपथ
स्वतंत्र वि० [सं०] १ जो किसी के नियंत्रण, दबाव या शासन में न हो स्वाधीन २ जो किसी प्रकार के बन्धन में न हो, प्राजाद । ३ जिसमें किसी अन्य का सहारा न लिया गया हो । ४ अलग, जुदा, भिन्न ५ नियम प्रादि के बंधन से रहित । ६ निरंकुश, स्वेच्छाचारी । ७ वयस्क, बालिग । - पु० अपना तन्त्र, शासन या राज्य |
स्वतंत्रता स्त्री० १ स्वतंत्र रहने या होने का भाव । २ प्राजादो । ३ स्वाधीनता ।
स्वतः प्रव्य० [सं०] स्वतस् ] अपने ग्राप स्वयमेव । स्वतिस्त्री- देखो 'स्वस्तिस्री' |
स्वधरम - पु० [सं० स्वधर्म ] प्रपना धर्म कत्तं व्य ।
"स्वकरमी वि० [सं० [स्वकमित्] १ स्वार्थी, मतलबी २ अपने स्वधा स्त्री० [सं०] १ पितरों के निमित्त दिया जाने वाला कर्त्तव्य या धर्म का पालन करने वाला ।
भोजन, पितृ श्रन्न । २ दक्ष की एक कन्या जो पितरों की पत्नी मानी जाती है। ३ अंगिरा ऋषि की पत्नी का नाम । ४ देवता या पितरों को हवि देते समय उच्चारण किया जाने वाला शब्द |
स्वत्व पु० [सं० स्वश्य] १ अधिकार, हक २ अपनापन । स्वदेस पु० [सं० स्वदेश] धरना देश, वतन
स्वध धिप, स्वधाधिपत ( पति, पती) - पु० [सं० स्वधा - अधिपति ] प्रग्नि, प्राग ।
स्वधानिय पु० स०] धाग, मग्नि
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स्वधोद पु० 'सूरज प्रकास' के धनुसार एक प्राचीन राजा । स्वनंवा स्त्री० दुर्गा ।
saनि ।
स्वन- पु० १ संस्य के एक पुत्र का नाम । २ शब्द, [सं०] श्वन्] कुत्ता, श्वान । स्वनचकर, स्वनचक्र - पु० [सं० स्वनचक्र ] एक प्रकार का रति बंध या संभोग का प्रासन स्वपच - पु० [स० श्वपचः] १ श्वान का मांस पकाकर खाने वाला व्यक्ति, चांडाल । २ पतित जाति का व्यक्ति ।
स्ववथ पु० स्वयं का मार्ग या रास्ता ।