Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 892
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra हरकणी हरकणी (बो-देखो 'हरसी' (बी) हरकत ( ति, ती ) - स्त्री० ३. स्पंदन [अ०] १ गति, चाल । ४ उदण्डता पूर्ण कार्य 2 शैतानी । ५ खुशी, उत्साह । हरकबनोळी - पु० [देश०] विवाह संबंधी एक रश्म । हरकोकण महादेव का कल । हरकारचंद्रा स्वी० एक प्रकार की धौषधि हरकारी-देखो 'हलकारों । - www. kobatirth.org (६) हरकर रख देखो 'हरस' हरवखणी (बी) हरखरणी (बो) - देखो हरसणी' (बो) । हरकत देखो 'हरसित' २ देखो 'हरकत हरखमां वि० [सं०] हर्षमान] इषित, प्रसन्न, सुश हरखवत वि० प्रसन्न, हर्षित, हरखारणी (बौ), हरखावणो (बी) - देखो 'हरसाणी' (बो) । हरचित देखो 'इति' । हरखिलो, हरखोलो - वि० स्त्री० हरखोली ) हर्षित, प्रसन्न । हर-देखो 'इस' हरगौरीरस पु० एक धायुर्वेदिक रोषधि विशेष हरग्गिर - देखो 'हरगिर' । हरड़ देखो 'ह'। २ चेष्टा । बदमाशी, हरगज, हरगिज - धव्य० [फा० हरगिज ] कदापि, कभी भी । हरगिर (गिरि, गिरी ) - पु० [सं० हरगिरि] कैलाश पर्वत । हरगीता स्वी० एक मात्रिक छन्द विशेष हरड़कौ - पु० १ भैंस पादि के दौड़ने की क्रिया । २ दोड़ते समय भैंस के मुंह से निकलने वाली ध्वनि विशेष । हरड़ी पु० रंग विशेष का घोड़ा हरचंद - भ्रव्य० [फा०] १ कितना ही, कितना भी २ यद्यपि, धगरचे । ३ जितना कुछ, जिस कदर । ४ देखो 'हरिश्चंद्र' । हरचंदवारा पु० १ राजा हरिश्चन्द्र का शासन काल । २ धानन्द या सुख का समय । हरचंवि- देखो 'हरिश्चंद्र' । हर पु० [०] १ हानि, नुकसान २ उपद्रव, गड़बड़ । । ३ अड़चन, बाधा, रुकावट । ४ प्रापति, विरोध, ऐतराज हरजट वि० पीला पीत हरजस पु० [सं० हरि+बश] १ ईश्वर की महिमा या स्तुति हरड़ाट (टो) -पु० १ तीव्र प्रांधी या वर्षा से उत्पन्न ध्वनि । हरणांखु - देखो 'हिरण्याक्ष' | २] किसी भारी वस्तु के जोर से गिरने की ध्वनि ।' हरड़ी, हरड - स्त्री० [सं० हरीतकी ] १ एक पेड़ विशेष २ इस पेड़ का सूखा फल जो घोषध में काम आता है। शक्ति सामर्थ्य, प्रौकात । ४ गुदा के भीतर का एक अवयव विशेष | Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir का पद, गीत गायन, भजन, हरियश २ ईश्वर का यश या कीर्ति । हरजांशी (नौ)- १० १ क्षतिपूर्ति के लिये निर्धारित धन या वस्तु । २ नुकसान, हानि हरजाई ०१ उजाड़ करने वाली धारा २ व्यभिचारिणी स्त्री, वेश्या । हरजी पु० १ संगराह के काम का उपकरण, टांडी २ देखो । 'हरज' । 'हरज्ज-देखो 'हरज' । हरड, हरड, हरडि, हरडू- देखो 'हरड़' । हरणंक, हरणंक्ख, (ख, खुर) - १ देखो 'हिरण्याक्ष' । २ देखो 'हिरण्यकस्यप' हरण पु० [सं० हरणं] १ दूसरे की वस्तु की चोरी। २किसी का अपहरण ३ हटाने, मिटाने या दूर करने की क्रिया या भाव। ४ वंचित करने की क्रिया या भाव। ५ प्रपनी ओर खींचने की क्रिया या भाव। ६ पकड़ने की क्रिया । ७ संहार, नाश ८ विभाजन ९ वहन । १० विद्यार्थी के लिये दिया जाने वाला दान ११ यज्ञोपवीत के समय ब्रह्मचारी को दी जाने वाली भिक्षा १२ बाहु | १३ वीर्य १४ स्वर्ण, सोना । वि० १ चुराने वाला, चोरी करने वाला । २ मिटाने वाला दूर करने वाला । [२] देखो 'हिरा' | हरणकस्यप, हिराकुस ( कुस) - देखो 'हिराकस्यप ' हरसक्ख, हरणख- देखो 'हिरण्याक्ष' । हरमगरम देखी 'हिरण्यगर , हरणी हरलास, हरणास देखो 'हिस्स' हरण क्ष, हरणाक्ष्य, हरणाख - देखो 'हिरण्याक्ष' । हरणाची देवो'हरिणाक्षी' हरणट - स्त्री० १ नगाड़े की ध्वनि । २ कोई ध्वनि विशेष । २ देवो 'हिराहिणाट' | For Private And Personal Use Only हरणामछ - पु० १ एक रंग विशेष का घोड़ा । २ एक अन्य प्रकार का घोड़ा । हरा देखो 'हिरण्यास २ देखो 'हिरण' हरणी - वि० १ हरण करने वाली । २ देखो 'हरिणी' । हरणीयम वि० मन को हरने वालो, सुन्दर कति २ देखो 'मनहरण' | हरखौ वि० [सं०] हर] (स्त्रो० हरणी) १ हरण करने वाला चुराने वाला । २ छोनने या लूटने वाला । ३ मिटाने वाला, दूर करने वाला, इंटाने वाला । ४ नष्ट करने वाला । ५' खींचने वाला । ६ प्राकुष्ट करने वाला ।

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