Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 902
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हसतरणी हवड-पु० समय, वेला । -क्रि०वि० प्रब, अभी। हवालगी-स्त्री० खर्च के लिये दी गई कुछ अग्रिम राशि। हवडा, हवडा-क्रि०वि० [सं० अधुना] १ अब, प्रभी। २ इधर । हवालगीर-पु० [फा०] राज दरबार का एक पदाधिकारी। ३ कभी भी। हवालदार-देखो 'हवलदार'। हवडो-क्रि०वि० [सं० अधुना] १ मब, अभी। २.देखो 'हिवड़ो'। हवालात-स्त्री. १ कारागृह, कैद खाना, जेल । २ नजरबंदी। हवणार-देखो 'होणहार'। हवालीमुवाली-पु० परिग्रह। हवरणो-क्रि०वि० इस समय, पब । हवाले, हवाल-वि० [अ० हवाल:] १ सुपुर्द । २ वश में; हवरणी (बी)-देखो 'होणों (बौ). न काबू में। हवद (६)-१ देखो 'होज' । २ देखो 'होदो'। हवालो-पु० [अ० हवालः १ उल्लेख, वर्णन । २ उदाहरण, हवदौ (द्दो)-देखो 'होदी'। मिसाल, दृष्टान्त । ३ प्रमाण। ४ संदर्भ, प्रसंग। हवदाळी-वि० अंबारी युक्त, चारंजामा सहित । ५ हवलदार का कार्यालय। ६ अधिकार, कब्जा। हवन-पुं० १ यज्ञ होम । २ चढ़ावा, बलि, नैवेद्य । ३ माह्वान, ७ हस्तान्तरण, सुपुर्दगी। ८ खालसे का गांव । ९ कर, प्रामन्त्रण, प्रार्थना । ४ ललकार । लगान । १० भूमि का लगान वसूल करने वाला विभाग । हवनिया-स्त्री० चार मास की अवधि । हवास-पु० १ पुष्प, फूल । २ घोड़ा, अश्व । हवनीय-वि० हवन करने योग्य । -पु० घी, घृत। हवि, हवि-क्रि०वि० [सं० प्रथवा, प्रा० अहवा] प्रब, प्रभी। हवरु (रू)-क्रि०वि० अभी, इस समय । -स्त्री०१ अग्नि, प्राग। २ हवन सामग्री । ३ घृत, घी। हवलदार-पू०१ सेना या पुलिस का एक छोटा अधिकारी। हविख (स)-पु० [सं० हविष] १ घी, घृत । २ हवन करने योग्य २कर बसूली व फसल की निगयनी के लिये नियुक्त पदार्थ । अधिकारी। हविवाह हविवाहण (न)-देखो 'हव्यवाहन'। हवळे, हवल-देखो 'हळवं'। हविस्मती-स्त्री० [सं० हविष्मती] कामधेनु । हवल-हवल-देखो'हळवै-हळवं'। हविस्मान-पु० [सं० हविष्मन् यज्ञ कर्ता । हवल्ल-देखो 'हवाल'। हविस्यव-पु० [सं० हविष्यंद] विश्वामित्र के पुत्र का नाम । हवां-देखो 'हों'। हविस्य-वि० [सं० हविष्य१ हवन करने योग्य । २ जिसकी हवाभाव-देखो 'हावभाव'। माइति दी जाने वाली हो, बलि, हवि।। हवा-स्त्री० [४०] १ पंचभौतिक पदार्थों में से एक, वायु, | हविस्यांन्न-पु० [सं० हविष्यान] व्रत में खाने योग्य पदार्थ, पवन । २ झपट, झौंका। ३ वातावरण । ४ धुन, सनक । फलाहार, शाकाहार। ५ भूत, प्रेत । ६ मातृका का प्रभाव । हवी-देखो 'हवि'। हवाइ (ई)-पु. १ एक प्रकार का प्राग्नेयास्त्र । २ एक प्रकार | हवु-क्रि०वि० घब। की प्रातिशबाजी । ३ चार मास या दो ऋतुषों का समय । | हवे-देखो 'हव' । __ -वि० हवा का, हवा संबंधी। २ हवा में चलने वाला। हवेजो-स्त्री० चने की दाल डाल कर बनाई गई कढी। ३ हवा में छोड़ा जाने वाला। ४ व्यर्थ, निर्मूल, निरर्थक । हवेली-स्त्री० [अ०] दो मंजिला भवन, महल, प्रासाद। . . ५ असत्य । हवं-क्रि०वि० प्रब, अभी। -पु. १ स्वीकृति सूचक शब्द, हां। हवाई-जंत्र-पु० तोप। २ होना क्रिया। हवाईम'ल-पु. १ काल्पनिक महल । २ हवामहल । हव्य-पु० [सं०] १ घृत, घो। २ चढ़ावा, नैवेद्य । ३ हवन हवाचक्की-स्त्री०अनाज मादि पीसने की चक्की जो हवा के प्रभाव सामग्री। -वि० हवन करने योग्यः । से चलती है। हव्यवाह (वाहण, वाहन-स्त्री० [सं० हव्यवाहन] पग्नि, भाग। हवादार-वि० [40] जिसमें हवा के पावागमन की पर्याप्त हसंब, हसभ-देखो 'हसम'। गुजाइश हो, वातायनों से युक्त। हस-पु० [सं० हास्य] हंसी, विनोद, परिहास । हवामहल, हवामेल-पु. ऐसा महल या भवन जिसमें हवा के | हसरिण (पी)-स्त्री० हंसने की क्रिया या भाव, हंसी, मुस्कान । लिये खिड़की, झरोखे या वातायन अधिक हों। हसरणी-पु० हंसने की क्रिया या भाव, हँसो। हवाल-पु० [अ० हाल] १ दशा, अवस्था, हालत । २ दुर्दशा, | हसणी (बो)-देखो 'हंसणो'- (बी)। बुरा हाल, शोचनीय दशा । ३ हाल-चाल, हालात । | हसत-१ देखो 'हस्त'। २ देखो 'हस्ति'। ४ समाचार, खबर । ५ विवरण, विगत । ६ परिणाम । । हसतणी-देखो 'हस्तिनी' । For Private And Personal Use Only

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