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-स्त्रीपाळी
। ८६८ )
बत
स्रोपाळी-स्त्री० सोंठ
स्त्रीराज, नीराज्य-पु० [सं० श्रीराज्य] वह प्रदेश जिसे राजा स्त्रीपूज, स्त्रीपूजनीय, स्रीपूज्य-पु. १ जैन धर्मानुसार सम्प्रदाय के | नल ने विजय किया था।
अधिपति, संघनायक, प्राचार्य । २ यतियों के प्राचार्य। स्रीवंति, स्रीवंती-स्त्री० नदी, सरिता । स्रीफळ, स्त्रीफल-पु० [सं० श्रीफल १ नारियल । २ प्रांवला। स्रीवक्खस्थळ, स्त्रीवक्षस्थळ, स्रीवखस्थळ-पु० [सं० श्रीवक्षस्थल] ३ बेल का वृक्ष।
१ श्रीकृष्ण । २ श्रीविष्णु । ३ ईश्वर, परमात्मा । स्रीबंध, स्रीबंधव, स्त्रीबंधु-पु० [सं० श्रीबंधु १ चंद्रमा, चांद। स्त्रीवच्छ, त्रीवछ स्रीवत्स-पु० [सं० श्रीवत्स] १ भगवान विष्णु २ अमृत ।
का एक नाम। २ विष्णु की छाती पर लगा भृगु ऋषि का स्रीभरतार-पु. [सं० श्रीभर्तृ'] १ विष्णु । २ श्रीरामचन्द्र । चरण चिह्न। ३ श्रीकृष्णा ।
। स्रीवर, स्रीवलभ, स्रीवल्लभ-पु० [सं० श्रीवर, श्रीवल्लभ] स्रीभारण, स्त्रीभांशु, स्त्रीभानु-पु० [सं० श्रीभानु] श्रीकृष्ण व १ भगवान-विष्णु। २ श्रीरामचन्द्र । ३ परमेश्वर, ईश्वर । सत्यभामा के एक पुत्र का नाम।
४ श्रीकृष्ण । स्त्रीभ्रात, स्त्रीभ्राता-पु० [सं० श्रीभात] १ चन्द्रमा, चांद । स्रीवास-पु.[सं० श्रीवास:] १ श्रीविष्णु भगवान। २ शिव, २ घोड़ा. प्रश्व । ३ अमृत, सुधा।
महादेव · ३ कमल। स्रोमंडळ स्त्रीमंडळ-पु० [सं० श्रीमंडल] १ एक वाद्य विशेष । स्रोतक्ख, स्रोतक्ष, स्त्रीव्रख-पु० [सं० श्रीवृक्ष] १ पीपल का वृक्ष । २एक राग विशेष ।
- २ बेल का वृक्ष । ३ घोड़े के माथे या छाती पर होने स्रीमत-पु० [सं० श्रीमंत] १ एक प्रकार का शिरोभूषण । वाली भवरी। २ किसी के प्रति सम्मान सूचक संबोधन ।
स्रोतखक-पु० [स० श्रीवत्सकिन्] छाती पर भौंरी वाला घोड़ा। स्रीमति, स्त्रीमती-स्त्री० [स० श्रीमती) १ परिणिता स्त्रियों के | स्त्रीव्रत-पु० [स० श्रीव्रत। चैत्र शुक्ला पचमी को किया जाने
नाम से पूर्व लगने वाला सम्मान सूचक शब्द । २ सुन्दर | वाला व्रत। स्त्री। ३ एक गंधर्व कन्या। ४ सजय राजा की कन्या स्रीसंग-पु० [सं० श्रीसंज्ञ] लौंग, लवग। दमयन्ती का नामान्तर।
स्त्रीसंघ-पु० [स० श्रीसंघ] १ जैन धर्मानुसार-श्रावक, श्राविका, स्रोमांण, स्त्रीमान-पु० [सं० श्रीमान] १ प्रादरणीय व्यक्तियों के |
साधु व साध्वियों का समूह । २ ऐसा स्थान जहां उक्त नाम के पहले लगाया जाने वाला प्रादर सूचक शब्द ।
चारों का मिलन या सगम हो। २ श्रीकृष्ण व सत्यभामा का एक पुत्र । -वि० १ धनाढ्य,
स्त्रीसंप्रदाय-पु० वैरागी साधुनों का एक सम्प्रदाय विशेष ।। वैभवशाली । २धी से युक्त ।
स्त्रीसंभूता-स्त्री० ज्योतिष में कर्ममास श्रावण) की छठी रात्रि ।
स्रीसमाध (धि, धी)-पु० [स० श्रीसमाधि) १ भविष्यत् काल के स्रोमात, स्त्रीमाता--स्त्री० [सं० श्रीमाता] एक देवी विशेष ।
सत्रहवें तीर्थ कर का नाम । २ एक राग विशेष । स्रीमाळ-पु० [सं० श्रीमाल] १ भीनमाल कस्बे का एक प्राचीन
स्रीसहोदर-पु० [सं० श्रीसहोदरः] १ चन्द्रमा, चांद । २ मोती। ____ नाम । २ जनमतावलम्बी एक वैश्य जाति। .
३ समुद्र मंथन से निकले चौदह रत्नों में से एक । स्रीमाळी-पू० (स्त्री० स्रीमाळण) १ एक प्रसिद्ध ब्राह्मण वर्ग । त्रीसाप, स्रीसाफ-१० एक प्रकार का बहमूल्य कपड़ा। २ इस वग का ब्राह्मण। .
स्रीसुत, स्त्रीसुतण-पु० [सं० श्रीसृतः] कामदेव, मनोज । स्रीमुख-पु०१ विष्णु का मुख वेद । २ सन्त-महात्मा, राजा- | स्रीसुपास-५० [स. श्रीपाश्र्वनाथ] पार्श्वनाथ का एक नाम ।
महाराजा तथा प्रतिष्ठित व्यक्ति के 'स्वयं' के लिये प्रयुक्त खीस्थांम-प० [स. श्रीश्याम] १ विष्णु भगवान । २ षीराम । किया जाने वाला शब्द। ३ ब्रह्मवीसो का सातवां वर्ष ।
___ ३ श्रीकृष्ण । ४ शिव, महादेव । ५ ईश्वर, परमेश्वर । -सर्व० अपने, स्वयं के ।
स्रीहजूर-पु. एक प्रकार का प्राचीन कर। स्त्रीय, स्रीया-देखो 'सी'।
स्रीहर, नोहरि-पु० [स० श्रीहरि] १ विष्णु । २ शिव, महादेव । स्रीयुत-देखो 'स्रीजुत'।
क-देखो 'सुक' । सारग-पु० [सं० धीरंग] १ भगवान विष्णु का एक नामान्तर । | स्त्र ग, न गि, सगी-देखो 'स्वरग'। २ श्रीकृष्ण । ३ ईश्वर, परमेश्वर । ४ श्रीरामचन्द्र ।
खरण, स्त्रणि, स्रणी-१ देखो 'सोणित' । २ देखो 'स्रोण' । सौरमण, स्त्रीरवण-पु० [स० श्रीरमण] १ एक संकर राग ३ देखो 'स्रोणि' । .
विशेष । २ भगवान विष्णु । ३ श्रीकृष्ण । ४ श्रीराम। | सत-पु० [सं० श्रुत] १ राजा भगीरथ के एक पुत्र का नाम । खोरांमालय-पु० हनुमान, पवनसुत । । ।
। २ श्रीकृष्ण का एक पुत्र । ३ वेद, श्रुति ।
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