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स्त्रीकंठ
( ८६७ )
स्त्रीपत
११ शोभा; सौन्दर्य । १२ सरस्वती । १३ सिद्धि। स्त्रीखंडसेल-पु० [सं० श्रीखंडशैल] मलयगिरि पर्वत । १४ गिरिजा, पार्वती। १५ सोता। १६ धूप। १७ हाथी | स्त्रीखांवर, स्त्रीखांविद, स्त्रीखावंद, स्रोखाविद-पु० [सं०श्री+फा. के मस्तक का प्राभूषण विशेष । १८ त्रिवर्ग-धर्म, अर्थ और खांविद] १ विष्णु । २ श्रीरामचन्द्र। काम । १९ साल वृक्ष । २० पैर के तलुए की एक रेखा | स्त्रीगरणेस-पु० [सं० श्रीगण-ईश] १ किसी ग्रंथ, पत्र प्रादि के (सामुद्रिक)। २१ एक राग। २२ स्त्रियों के मस्तक का | प्रारंभ में लिखा जाने वाला मांगलिक शब्द । २ प्रारंभ प्राभूषण विशेष । २३ बुद्धि, प्रतिभा । २४ स्त्री, पत्नी।। शुरूपात । २५ अलौकिक शक्ति । २६ सजावट। २७ बेल का वक्ष। स्रोगरण, स्रीगरणा, स्त्रीगरणिक, स्रोगरणीक, स्रोगरिणिक२८ कमल । २९ सफेद चंदन । ३० एक प्रौषधि विशेष । देखो 'सीकरणिक' । ३१ अधिकार । ३२ उच्च पद । ३३ किसी के नाम के प्रागे | स्त्रीगिर, स्त्रीगिरि स्त्रीगिरी-पु० [सं० श्रीगिरि] हिमालय पर्वत (पूर्व) लगने वाला प्रादर सूचक शब्द । ३४ धर्म ऋषि की एक चोटो का नाम । को पत्नी का नाम । -पु० ३५ ब्रह्मा । ३६ विष्णु। श्रीचकर, स्त्रीचक्कर, स्रोचक्र-पु० [सं० श्रीचक्र] भगवान विष्णु ३७ कुबेर । ३८ सम्पूर्ण जाति का एक राग । ३९ एक का दिव्य प्रायुध सुदर्शन चक्र । वैष्णव सम्प्रदाय विशेष । ४० मंगल सूचक शब्द । -वि० स्रीजी-पु० प्रतिष्ठित व्यक्तियों के प्रति एक सम्मान सूचक १ बुद्धिमान । २ श्रेष्ठ, सुन्दर । ३ शुभ, उत्तम । सम्बोधन । -मर्व अपने स्वयं के।
स्त्रीजुकत, स्रीजुक्त, स्त्रीजुप्त-वि० [सं० श्रीयुक्त श्री से युक्त, स्रोकंठ-पु० [सं० श्रीकष्ठ] शिव, महादेव । -सखा-पु. श्री सहित । कुबेर।
स्रोतळ, स्त्रीतल-पु० [सं० बोतल] एक नरक का नाम । स्त्रीकठो-स्त्री० [सं० श्रीकण्ठी] कर्नाटक पद्धति की एक स्त्रीतीरथ-पु० [सं० श्रीतीर्थ ] एक तीर्थ का नाम । रागिनी ।
स्रोद-पु० [सं० श्रीदः] १ कुबेर । २ विष्णु । स्त्रीकंत-पु. [सं० श्रीकांत] लक्ष्मीपति विष्णु ।
स्रोवत-पु० [सं० श्रीदत] १ कुबेर । २ पृथ्वी, जमीन । स्त्रीकमळ-पु० [सं० श्रीकमल] मुख ।
स्रीवांम, स्त्रीदांमरण, स्त्रीवांमन-देखो 'सुदामो'। स्त्रीकर-पु० [सं० श्रीकर] १ विष्णु। २ लाल कमल । -वि० स्त्रीदेवियांण, स्रीदेवीयारण-स्त्री० १ बीज मंत्राक्षरों में से एक । शोभा बढ़ाने वाला।
२ बीजाक्षर । ३ ईश्वरदास बारहठ कृत देवी की स्तुति स्रोकरण, स्रीकरणा स्रोकरणिक, स्रीकरणीक, स्त्रीकरिणिक-वि० का छोटा ग्रंथ ।
[सं० श्रीकरण] १ खजाने की देख-रेख करने वाला, स्रीधर-पु. १ भगवान विष्णु, ईश्वर, परमेश्वर । २ श्रीराम । कोषाध्यक्ष । २ वैभव की वृद्धि करने वाला। ३ धन एकत्र
| ३ श्रीकृष्ण । ४ जैनियों के एक तीर्थकर का नाम । करने वाला।
५वेता युग का एक राजा विशेष । स्रोकरी-स्त्री० [स० पीकरी] कर्नाटक पद्धति की एक रागिनी। स्त्रीधांम-पु० [सं० श्रीधाम] १ लक्ष्मी का निवास स्थान । स्रीकांत-पु० [सं० श्रीकांत] १ विष्णु । २ श्रीरामचंद्र भगवान । । २ स्वर्ग, वंकुण्ठ । ३ श्रीकृष्णा । ४ महादेव, शिव ।
स्त्रीनंवरण, स्त्रीनंदन-पु० [सं० श्रीनंदन] १ कामदेव, मनोज । स्रोकार-वि० [सं० श्रीकार] १ श्रेष्ठ उत्तम, कल्याणकारी। २ श्रीराम । ३ विष्णु । ४ श्रीकृष्ण।
२ श्री प्रक्षर का प्राकार, बनावट । ३ एक छन्द विशेष । सोनाथ-पु० [सं० श्रीनाथ] । लक्ष्मीपति विष्णु । २ श्रीकृष्ण । नीकास्ट, स्त्रीकास्ठ-पु० [स० श्रीकाष्ठ] नल राजा द्वारा विजित ३ श्रीराम । ४ शिव, महादेव । एक प्रदेश
स्रोनितंबा-स्त्री० [सं० श्रोनितम्बा] राधिका । नीकिसण (न)-देखो 'सीक्ररण'। .
स्त्रीनिध, स्त्रीनिधि, स्रीनिधी-पु० [सं० श्रीनिधि] भगवान विष्णु स्त्रीकोरत, स्रोकीरति (ती)-पु० ताल के पाठ भेदों में से का नाम। एक। ..
स्त्रीनिवास-पु० [सं० धोनिवास] विष्ण, का एक नामांतर। सीक्रसण, स्त्रीकरण, स्रीक्रिसरण, ब्रीक्रिस्ण-पु० [सं० श्रीकृष्ण] | स्त्रीपंचमी-स्त्री० [सं० श्रीपंचमी] माघशुक्ला पंचमी तिथि। भगवान कृष्ण, वासुदेव, नंद नन्दन ।
बसंत पंचमी। स्रीखंड श्रीखंडस-पु० [सं० श्रीखण्ड:] १ चन्दन । २ दही, स्रीपत, स्त्रीपति, स्त्रीपती-पु० [सं० श्रीपति] १ विष्ण ।
चीनी, केसर, मेवे पादि के मिश्रण से तैयार किया एक २ श्रीकृष्ण । ३ ईश्वर, परमेश्वर । ४ श्रीरामचन्द्र । पेय पदार्थ ।
__ ५ कुबेर ।
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