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हंगागौ
हंसपी
हंगाणी (बी). हंगावणी (वी)-क्रि० मल त्याग के लिये प्रेरित हंदी-प्रव्य० षष्टी विभक्ति के सम्बन्ध सूचक शब्द का स्त्री रूप । करना, टट्टी कराना।
हंदौ-पव्य. षष्टी विभक्ति का चिह्न का। हंगोड़ी, हंगोगे, गोरी-वि० (स्त्री० हंगोरी) बार-बार मल | हंफणी-देखो 'हांफणी'। त्याग करने वाला या शौच जाने वाला रोगी।
हंबाह-अध्य० हाँ, स्वीकृति सूचक ध्वनि या संकेत । हंचरणी (बी)-देखो 'हिचरणों' (बी)।
हम-देखो 'हम'। हंज-देखो 'हंस'।
हंयुक-पु. ४६ क्षेत्रपालों में से अन्तिम क्षेत्रपाल । हंजर-वि० सुन्दर, खुब सूरत ।
हंस-पु० [सं०] (स्त्री० हंसणी, हंसी) १बई-बड़े सरोवर या हंजरणी ()-देखो 'हिजरणो' (बी)।
झीलों के किनारे रहने वाला, बतख के पाकार का एक हंपलोमा-पु० । एक राजस्थानी लोक गीत । २ देखो। सफेद जल पक्षी। २ सूर्य, भानु, रवि । ३ शिव, महादेव । 'हंजामारू'।
४ ब्रह्मा। ५ विष्णु के चौबीस अवतारों में से एक। हंजा-स्त्री० [सं० हजे] । दासी, चेरी। २ पति, प्रियतम । ६ परमात्मा, परब्रह्म, ईश्वर । ७ विष्णु का एक नामान्तर।
३ प्रेमी। ४ लोक गीतों में एक लय । ५ ऊट का सीना। ८ मन । ९ जीवात्मा, प्राण। १. शरीरस्थ प्राण वायु । -क्रि०वि० ढंग से, उचित तरीके से।
११ ब्रह्मा का एक मानस पुत्र। १२ रजत, चांदो। हंजामाह-पु०१ पति, प्रियतम । २ रसिक, प्रेमी ।
१३ पर्वत, पहाड । १४ घोड़ा, प्रश्व । १५ कामदेव, प्रनंग। हंजीरी-पु० नाश, विध्वंस, विनाश ।
१६ सन्यासियों का एक भेद, एक सम्प्रदाय विशेष । हंजो-पु.१ पति, प्रियतम, प्रेमी। २ देखो 'हंस'।
१७ अनिरुद्ध का एक नाम । १८ ज्ञानी भक्त पुरुष । हंस, हंनि, हंझौ-१ देखो 'हंस' । २ देखो 'हजा' ।
१९ दाहा छंद का एक भेद । २० एक वणिक छन्द विशेष । हंडक-१ देखो 'हाडक' । २ देखो 'हंडियो।
२१ हस के पाकार का बनाया जाने वाला प्रासाद जिस हंब्वाई-देखो 'हांडी'।
पर शुग बना हो । २२ एक मंत्र विशेष । २३ ध्वनि रव । हरिजरपी (बी)-क्रि० भ्रमण करना, घूमना ।
२४ सफेद रंग * -वि० सफेद, श्वेत । हंडियो-पु. १ लकडी, धातु या हाथी दांत की बनी प्रफीम | हंसक-पु० [सं०] १ पैर की अंगुली का बिछुवा । २ नूपुर । रखने की डिबिया । २ देखो 'हांडी'।
३ देखो 'हिसक'। . हंडो-देखो 'हांडी'।
हंसग-पु० [स०] ब्रह्मा, विधाता। हळाहट-देखो "हिंडळाट'।
हसगत, हसगति (ती)-स्त्री. १ ब्रह्मत्व की प्राप्ति, सायुज्य की हंडो-पु०१ मिट्टी या धातु का बना जल पात्र । २ देखो
प्राप्ति । २ हंस के समान सुन्दर ब धीमी चाल, गति । 'हांडो' । ३ देखो 'हांडी'।
३ एक प्रकार का मात्रिक छंद । ४ हस की चाल । हंग-पु. हनुमान।
हंसगमण (गमणा, गमणि. गमणी), हंसगवरणी (गोमणि, हणे, हणे-देखो हरणां'।
गांमणी, गामिणी, गोणी)-स्त्री० [सं० हंसगामिनी] हंस हंत-प्रव्य. १दु:ख या खेद में बोला जाने वाला पोह, हाय ।
के समान धीमी चाल वाली सुन्दर स्त्री। २ उत्तेजना सूचक अव्यय शब्द । २ इसी तरह की ध्वनि | हंस हंसड़ी-१ देखो 'हंसी' । २ देखो 'हंस' । जो प्राश्चर्य, दया, रहम, सौभाग्य का सकेत देती है। हंसबर-वि. मांसाहारी, मांस भक्षो। -पु. मोती। ४ देखो 'हूं'।
| हंसजा-स्त्री० [सं०] १ सूर्य की पुत्री, यमुना। २ हंस की हतकार-स्त्री० पितरों के उद्देश्य से ब्राह्मण मादि को दी जाने
पुत्री। वाली रोठी।
हंसण (न)-स्त्री० हंसने की क्रिया या भाव, हंसी । हंता-देखो 'इंत'।
हंसणी-पु. हसना क्रिया, हंसी। हंती-१ देखो 'हूंतो'। २ देखो 'हांती'।
हंसरो (बी)-क्रि० [सं० हसें] १ खुशी, पानन्द प्रादि के पावेग हंतीया-देखो 'हता।
से चेहरा खिलना व मुह से 'इ-ह' की ध्वनि फूटना, हंसना, हंतोगत, हंतोगति-स्त्री० कृपा, दया, अनुग्रह।
खिलखिलाना । २ मुस्कराना, मुस्कान दिखाना। प्रसन्न, हंती-वि० [सं० हत] (स्त्री० हती) १ मारने, वध करने वाला। खुश होना। ४ खिलना; शोभा देना। ५ परिहास या २ देखो 'हूंतों।
मजाक करना । ६ व्यंग करना: खुशी में ताना देना। हंद-देखो 'हृद'।
हंसपदी, हसपादी-स्त्री० [सं० हंसपदिका] एक प्रकार की हंदह, हंबा-प्रव्य० षष्टी विभक्ति का सम्बन्ध सचक चिह्न। । पौषधि।
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