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सो
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( ८५३ )
सो-देखो 'सोहणी' |
सोधी देखो 'सौटी।
सोणी (बी) १ देखो 'वो' (बो) २ देखो 'सोहणी' (बो) सोनंग. सोनंगर, सोनंगरी-देखो 'मोन । । सोत- स्त्री० १ जयपुर रियासत में बहने वाली एक नदी । २ देखो 'स्रोत' । ३ देशो 'सौत' ।
सोलपत (पति, पती) देखो स्रोतपति' ।
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सोदागर - देखो 'सौदागर' ।
सोबी-देखो 'सोदी' ।
सोध स्त्री० [सं० शोध] १ खोज तलाश और खबर । २ बुद्धि, संस्कार
धन्वगवेषणा दुवस्ती ५ छिपी हुई व रहस्यपूर्ण बातों की खोज -पु० ६ घर, मकान । ७ महल, प्रासाद ८ विचार । ९ देखो 'सोध' । सोपवि० [सं०]
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करने वाला २ नेपा तलाश करने वाला । ३ शोध करने वाला । ४ सुधार करने वाला । सोधी० [सं०] शोधनी] बुहारी झार सोधौ (ब) - क्रि० [सं० शोधनं] १ खोजना, ढूंढना, तलाश करना । २ साफ करना, शुद्ध करना । ३ ठोक घोर दुरुस्त करना, सुधारना । ४ विचार करना, सोचना । ५ प्रौषधियों का शुद्धिकरण करना। ६ छान-बीन या जांच करना । ६ गवेषणा, प्रन्वेषण करना ।
सोधन पु० [सं०] शोधन] १ शुद्ध या साफ करने को किया या भाव । २ दोष, भूल प्रादि का सुधार । ३ रहस्यमय नई बातों की खोज, प्रन्वेषणु । ४ प्रायश्चित ५ सजा, दंड । ६ जुलाब को किया विरेचन ७ नींबू घोषधियों का शुद्धिकरण ।
सोधागो (बी) - क्रि० १ खोज या तलाश करना, ढूंढाना । २ शुद्ध कराना, साफ कराना। ३ ठीक या दुरुस्त कराना, सुधराना । ४ विचार करने के लिये प्रेरित करना । ५ वैद्यक में का शोधन कक्षना छान-बीन कराना, जांच पड़ताल कराना । ७ प्रन्वेषण कराना, गवेषणा कराना
सोधी देखो 'सोबो' ।
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सोन स्त्री० [सं० स्रोस] १ एक नदी जो मध्य प्रदेश के अमरकंटक की प्रधित्यका से निकलती है तथा अंत में गंगा में मिलती है । २ एक सदाबहार पौधा ।
सोतो-देखो 'स्रोत' ।
सोनी पु० १ स्वर्णमुद्रा २ एक प्रकार की घास । सोनउ-देखो 'सोनो' ।
सोच स्त्री० [सं०] [को] सूजन
सोबच पु० पितरों के उद्देश्य से किया जाने वाला एक सोनगढ़-पु० १ जार का दुर्ग २ देखो 'स्वरागिरि'
संस्कार |
सोनगर- पु० जालोर नगर का प्राचीन नाम । सोनगरी पु० चोहान क्षत्रियों को सोन
सोवरी (बी) देखो ''बो
सोबर, सोबरज-पु० [सं० स उदर] एक हो माँ की कोख से सोनविर (गिरि गिरी ) देखो 'स्वरागिरि'
जन्मा भाई, भ्राता ।
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सोदरा, सोबरी स्त्री० [सं० सहोदरा ] १ सगी बहन, भगिनी । [सं०] सुभद्रा ] २ श्रीकृष्ण की बहन व अर्जुन की पहली
३ दुर्गा देवी का एक नाम ।
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सोनिक
शाखा
सोनचिड़ी स्त्री० [सफेद व काले रंग की एक चिड़िया जिसका शकुन देखा जाता है । सोनजर पु० पीली जुही।
सोनजाय, सोनजुही-स्त्री० [सं० स्वर्णयुधिका] पीले रंग के फूलों वाली जूही
सोनड़ी पु० एक प्रकार का घोड़ा।
सोनभद्र सोनभद्रा देखो 'सोन' ।
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सोनल वि० [१] खोने का स्वर्णमय सुनहरा २ गौर वर्ण ।
३ चमकदार, चमकीला ।
सोनम (ग) स्त्री० १ गति का एक कोट २ एक राजस्थानी लोक गीत ।
सोनळवौ, सोनळहलवी ( हलुवो) -देखो 'सोहनइलवो' । सोनलिया स्त्री० मार जाति का एक भेद विशेष । सोनवांगी - पु० वह पानी जिसमें सोना डुबोया गया हो । सोनहरी - पु० (स्त्री० सोनहरी ) ऐसा घोड़ा जिसके काले सुमों पर सफेद रेखा या सफेद सुमों पर काली रेखा हो । सोनागर, सोनागिर (गिरि) - देखो 'स्वरागिरि' ।
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सोभागेरू पु० [स० स्वर्णगैरिक] एक प्रकार की लाल एवं मुलायम मिट्टी विशेष ।
सोनानांमी पु०का भाई
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सोनामछी - स्त्रो० रेतीले मंशन में पाया जाने वाला एक विषैला जंतु
सोनामुखी स्त्री० [सं० स्वर्ण मक्षिका] १ एक प्रकार का खनिज पत्थर जो सोने के प्रभाव में भौषधियों में काम लिया जात है । २ एक पौधा विशेष जिसकी पत्तियां विरेचन के काम श्राती है, सनाय । ३ एक प्रकार का रेशम का कीड़ा । सोनार देखो 'सुनार'।
सोनारूपी पु० एक मारवाड़ी लोक गीत । सोनावेल स्त्री० एक लता विशेष । सोनाहरणी - स्त्री० वेश्या । सोनिक
क- पु० १ खटीक । २ कसाई ।