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सोवनमाखी
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८५७ )
सौज
सम्मान सूचक शब्द । -वि० स्वणं के समान देह वाली। सोहणी-वि० (स्त्री० सोहणी) १ सुहावना, सुन्दर, मनोहर । सोवनमाखी-स्त्री० [सं० स्वर्ण-मक्षिका] १ सुनहरे शरीर वाली २ प्रिय, मधुर । ३ शोभा देने वाला । ४ देखो 'स्वप्न' ।
एक प्रकार की बड़ी मक्खी। २ देखो 'सोनामक्खी'। | सोहणी (बो)-क्रि० १ शोभा देना, शोभित होना । २ जचना, सोवनींगी-स्त्री० [सं० स्वर्णगी] सोने से मंडित सींगों फबना, सुन्दर लगना । ३ कीति, यश मादि फैलना, प्रसिद्ध बाली, सोने के सींगों वाली।
| होना । ४ सूप से अनाज साफ करना । गोवनो-वि० (स्त्री० सोवनी) १ स्वर्ण का, सोने का । २ सुन्दर,
सोहतो-देखो 'सोहितो'। सुनहला, सुनहरा।
सोहनचिड़ी-देखो 'सोनचिड़ी'। सोवरण-देखो 'स्वरण।
सोहनहलवी-पु० जमे हुए कतरों के रूप में घी से तर एक गोवरणगिर (गिरि, गिरी)-देखो 'स्वरणगिरि। ___ मिठाई विशेष । सोवन, सोवन (न्न)-देखो 'स्वरण' ।
| सोहबत-स्त्री० [५० सोहबत] १ संग, साथ । २ दोस्ती, मेल । सोवनौ-वि० स्वर्ण का, स्वणं युक्त।
___३ देखो 'सोबत'। सोस-पु० [सं० शोषः] १ अफसोस, खेद । २ जिसमें मन न सोहबरदिया-पु० सूफी मुसलमानों का एक सम्प्रदाय विशेष ।
लगता हो, अरुचिकर । ३ चिता, फिक्र, सोच । ४ सूजन । | सोहरौ-देखो 'सोरों'। (स्त्रो० सोहरी) ५ दबने का भाव या क्रिया। ६ देखो 'सूस'।
| सोहलाली-देखो 'सोलाळो'। सोसक-वि० [सं० शोषक] १ शोषण करने वाला, चूसने | साहला-स्त्र
| सोहली-स्त्री० ललाट पर धारण करने का, स्त्रियों का एक वाला। २ सुखाने वाला। ३ नाश करने वाला। ४ क्षीण पाभूषण विशेष । करने वाला । ५ दूसरे का धन हरने वाला । -पगरीबों | सोहळो-देखो 'सोळो । का शोषण करने वाला समाज का धनी वगं ।
सोहोन-देखो 'सारण' । सोसण-पु० [सं० शोषणं] १ सुखाने या शुष्क करने की क्रिया | सोहामणो-देखो 'सुहाणी'। (स्त्री० सोहामणी) या भाव । २ शोषण। ३ सोखने की क्रिया । ४ कामदेव
| सोहा-१ देखो 'सोभा' । २ देखो 'स्वाहा' । के पांच बाणों में से एक बाण।
सोहाग-पु०१ वृक्ष विशेष । २ देखो 'सुहाग' । सोसणकनी-स्त्री० एक प्रकार की, सिरोही की बनी तलवार। . सोहागण, सोहागणी, सोहागवति (ती) सोहागिरण-देखो सोसणी (बी)-क्रि० १ सुखाना, शुष्क करना । २ चूसना ।। 'सौभाग्यवती'।
३ किसी के धन या श्रम का शोषण करना। ४ किसी की | सोहागौ-देखो 'सुहागो' । पाता या नमी दूर करना, सोखना।
| सोहापति-पु० [सं० स्वाहापति] पग्नि, माग । सोसन-पु० १ वस्त्र । २ देखो 'सोसण' ।
सोहारद-पु० [सं० सौहाद] १ सहृदय होने की अवस्था या सोसनग्रह-पु. पारसी मतानुसार रात के १२ बजे से प्रात: तक भाव । २ सहानुभूति। ३ कृपा, अनुग्रह । ४ मित्रता, का समय।
दोस्ती। ५ मित्र, दोस्त । सोसनपता-स्त्री० एक प्रकार की तलवार, कृपाण । सोहावरसो (बी)-देखो 'सोहणो' (बी)। सोसनिया, सोसनी-वि० [फा० सौसनी] पासमानी, नीला। सोहितो-पू. बाजरी के खीच व गोश्त को एक साथ पकाकर -पु०.१ पासमानी रंग । २ प्रासमानी रंग का घोड़ा।
बनाया जाने वाला नमकीन, मांसोदन । सोह, सोहंग, सोहंगम-देखो 'सोपहम्'।
सोहिलउ-वि० सहज, शुभ। सोह-वि. १ सब, समस्त । २ सहित, युक्त । -पु० १ जोश, सोहिलो-वि० (स्त्री० सोहली) १ पासान, सुगम, सरल । उत्साह । २ कीति, यश । ३ तेज । ४ इज्जत, प्रतिष्ठा।।
२ सुखी । ३ सम्पन्न । -पु० पाराम, सुख। ५ शोभा। ६ सिंह, शेर।
सोही-वि० शुभचिंतक, हितैषी। -सर्व० वही, सो। सोहग-१ देखो 'सुभग'। २ देखो 'सोहाग' ।
सोहोड़-देखो 'सुभट' । सोहगी-१ देखो 'सुहागो' । २ देखो 'सोगी'।
सोह्रद, सोहिद-वि० [सं० सहृदय] १ मित्र, हितैषी । सोहड़, सोहर-देखो 'सुभट'।
| २ दयावान, कृपालु । सोहण-पु. १ डिंगल का एक गीत या छंद विशेष । २ देखो | सौ-स्त्री० शपथ, सौगंध । 'स्वप्न'।
सौज-पु० १ साज-सामान, साधन, सामग्री। २ भाला चलाने सोहणोनिसांणी-स्त्री० डिंगल का एक मात्रिक छन्द विशेष। की विद्या या खेल । ३ खेती, फसल । ४ राह, मार्ग ।
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