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सां
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( ७५४ )
वाले लोकगीत । २ पर्व दिन की संध्या को गाये जाने वाले लोकगीत । ३ देखो 'सध्या' । ४ देखो 'साझी' ।
३ संधि ।
सांझं देखो 'सध्या' - सांशी-देखो 'साझी' ।
सांट- देखो 'साट'
सार-देखो 'पार्ट'।
सांठगांठ स्त्री० किसी कार्य की सिद्धि या योजना की पूर्ति के लिये की जाने वाली साझेदारी समझौता मेल-जोल 1
।
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सांठि, सांठी स्त्री० १ तीर की डंडी । २ खान सांठी, साठी - पु० [सं० साष्टिक ] १ ईख, गन्ना
।
२ ज्वार के
पौधे का हरा डंठल । ३ ईख का डंठल ४ देखो 'सठौ' । सांड, सांड - पु० [सं०षण्ड ] १ गायों के संसर्ग के लिये छोडा हुआ, बछड़ा या बैल जिसे बिना खसी किये चिह्नित कर स्वतन्त्र छोड़ा जाता है ताकि घड़ी नस्ल के बढ़ते हों २ शिव का वाहन नंदी । ३ नर घोड़ा । वि० १ हृष्ट-पुष्ट, मोटाताजा । २ वीर बहादुर । ३ उन्मत्त, पागल । ४ बलवान, शक्तिशाली । ५ उद्दण्ड, उच्छ खल । ६ देखो 'सांढ' | सांड-देखो 'साई'।
साकसी स्त्री० [लड़की को दहेज में दिया जाने वाला एक सांड व बीस गायें ।
सांडाई
सांडियो - पु० १ संदेशवाहक, हरकारा २ मादा ऊट का सवार । ३] देखो 'साब'
सांडिल्य - पु० [सं० शांडिल्य ] धग्नि का एक नाम । साक्षी पु० [सं०] मांटिक १ गोधा की प्राकृति का एक जंगलो जानवर, जिसकी चर्बी एवं तेल घौषधि में काम माता है। २ कृषि कार्य में सामूहिक रूप से कार्य करने वाले मजदूरों ( किसानों) को खिलाया जाने वाला भोजन । ३ संग, साथ ४ देखो 'सांड' ।
सांडी- देखो 'सांडियो' ।
स्वी० मादा ऊंटनी
,
सांसद सांढ़ियो, सांढ़ियों, सांढ़ीउ (यो) -१ देखो 'संढ़ी' । २ देखो 'सांड' । ३ देखो 'सांडियो' ।
सांड • सांड के चरने के लिये खेत में छोड़ा जाने वाला
फसल का भाग । सांडो-देखो''।
सांडसउ - पु० [सं० सन्दशः] १ चिमटा, संडासी । २ जर्राही का सांतकुंभ - देखो 'सातकु'भ' । एक प्रौजार । ३ एक नरक का नाम ।
बाई-स्त्री० [पड़पन जबरदस्ती जोरावरी
का पत्थर या उपकरण । ८ चार माशे का एक तोल विशेष | 8 उत्तेजित करने वाले शब्द । १० गर्जन, ध्वनि । ११ देखो 'सांन' - वि० सन या पटसन का ।
ग्रह (घर)-५० [सं० शान गृह
शस्त्रपैने करने का
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स्थान । २ स्नानघर ।
सांजी, सांणजीब-पु० [सं० शान-जीव] सिकलीघर । सांणि-पु० [सं० शाणि] सन या पटसन ।
सोनो, साली पु० [सं० साधनिक १ घोड़ों के तबेलों का प्रत्यक्ष २ घोड़ों को शिक्षित करने वाला [सं०] ३ कसोटी । ४ पटसन का वस्त्र । ५ छोटी कनात या तम्बू । ६ फटा वस्त्र । ७ सान का पत्थर-वि० [सं० श्लक्ष्णक] कोमल नाजुक
सांगोर-पु० डिगल का एक छंद ( गीत ) विशेष । सांखो, सोलो पु० १ अनाज की कोठी के नीचे बनी मोरी। २ इस मोरी को बन्द कर रखने का उपकरण ।
सांत वि० [सं० शांत] १ दबाया हुआ । २ मरा हुधा, मृत । ३ पूर्णतः समाप्त ४ सतुष्ट, पधाया हुंघ्रा । ५ प्रावेग, चंचलता रहित, स्थिर । ६ सान्त्वना पाया हुप्रा । ७ शिथिल, ढीला । ८ प्रभावित । ९ शुभ मंगलकारी । १० चुप, मौन ११ जितेन्द्रिय १२ निस्तब्ध, नीग्न १३ सौम्य, गंभीर [सं० बान्त] १४ महाप्रा, स्वान्त १५. उष्णता रहित -पु० १ सुख, हर्ष, प्रानन्द । २ प्लक्ष
।
द्वीप का एक वर्ष ३ साहित्य में एक रस 1
सांताचारी
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सांत तो ० चिता, जाति, फिक
।
सतन पु० [सं०] शांतनय] भीष्म पितामह का एक नाम। सांतनु - पु० [सं० शान्तनु] कौरव पाण्डवों के प्रपितामह। राजा शान्तनु । -- सुत- पु० भीष्म । शांतनु का पुत्र । सतिपन वि० [सं०] दो दिन में पूर्ण होने वाला ० १ छः रात्रि तक किया जाने वाला एक उपवास । २ प्रथम दिन केवल पचगव्य पीकर दूसरे दिन रखा जाने वाला उपवास । सांतपनकच्छ ( ऋछ ) - पु० एक प्रकार का व्रत ।
सांतर, सांतर स्त्री० सामग्री सामान । वि० जिसके बीच में अवकाश हो ।
सप्तरी, सांतरी - वि० [सं० सत्तरम् ] ( स्त्री० सांतरी) १ उत्तम श्रेष्ठ बढ़िया । २ अच्छा, ठीक ३ स्वादिष्ट, जायकेदार । ४ स्वस्थ, तदुरुस्थ । ५ हृष्ट-पुष्ट, मोटा-ताजा । ६ उचित, वाजिब, उपयुक्त । ७ उपयुक्त, बढ़िया । ८ तेज, तीक्ष्ण । ९ ठीक स्थित १० सुन्दर खूबसूरत । सांता - स्त्री० [सं०] शान्ता] १ देवी का एक नाम । २ दूर्वा, दूब । ३ शमी । ४ एक श्रुति । ५ रेणुका ।
सांठी, सांढो-देखो 'सांडो' |
सांख पु० [सं० बाला भोजन २ कमल धनुष ४ सन का बना मोटा वस्त्र |
[सं० शारणं, शारण ]
५ कसौटी का पत्थर । ६ श्रारा । ७ शस्त्रों के धार लगाने | सांताकारी- वि० [सं० शान्तिकारिन् ] शांतिदायक ।
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