________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www. kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
साधदेव
( ७६६ )
साफ
साधदेव-देखो 'स्राद्धदेव'।
साधुमति (ती)-स्त्री० तांत्रिकों की एक देवी। साधन-पु० [सं०] १ किसी कार्य को पूरा करने को क्रिया या | साधुव-देखो 'साधु'।
भाव । २ कार्य को पूरा करने का माध्यम, सहायक उप- साधुवाद-पु० [सं०] १ अच्छे कार्य के प्रति धन्यवाद । २ प्रशंसा, करण । ३ किसी कार्य को सम्पादित करने में प्रयुक्त होने | तारीफ । ३ यश। वाला सामान. सामग्री। ४ कोई चीज बनाने का साधू, साधौ-देखो साधु'। सामान, कच्चा माल । ५ क्षति पूर्ति या त्रुटि सुधार का | साध्य-पु० [सं०] १ बारह देव गणों का एक समूह विशेष । उपाय । ६ युद्ध सामग्री। ७ सेना, फोज। ८ उपाय, २ ज्योतिष शास्त्र के २७ योगों में से एक । ३ गुरु से लिए तरकीब । ९ साधना, उपासना। १० मदद, सहायता ।। जाने वाले चार प्रकार के मंत्रों में से एक (तंत्र)।
११ धन-दौलत । १२ संधान । -वि० धनाढ्य, मालदार । ४ देवता । ५ चाक्षुक मनु के पुत्रों में से एक । -वि. साधना-स्त्री० [सं०] १ कार्य सम्पन्न करने की क्रिया । १ सिद्ध करने योग्य । २ जिसकी चिकित्सा की जा सके। २ पारधना, उपासना।
३ सहज, सरल । साधनी-देखो 'साजणी'।
साध्यता-स्त्री० [सं०] साध्य होने की अवस्था या भाव । साधम्मिय-वि० समान धर्मी।
साध्र-देखो 'साध'। साधवी-स्त्री० [सं० साध्वी] १ भली तथा शुद्ध आचरण वाली साध्वी-देखो 'साधवी'।
स्त्री। २ पतिव्रता, सती स्त्री। ३ जैन साध्वी, मार्या। सानंद-वि० प्रानन्द पूर्वक, प्रानन्द सहित । साधस-पु० [सं० साध्वस] भय, डर।
साप-पु० [सं० सपं] (स्त्री० सापण, मापणी) १ एक प्रसिद्ध साधार-वि० १ रक्षा करने वाला, रक्षक। २ पनाह व प्राश्रय रेंगने वाला विषंला जन्तु, नाग, सर्प । [सं० शाप] २ दुरा
देने वाला। ३ प्राधार, सहारा । ४ भरण-पोषण करने शीष, बद्द प्रा। -वि०१ काला, श्याम ४ । २ क्रूर । वाला, पालन-पोषण कर्ता। ५ सहायक, मददगार । ३ देखो 'सराप'। ६ करने वाला, देने वाला।
सापनसत, साफ्नस्त-वि० [सं० शापग्रस्त] १ शाप से पीड़ित या साधारण-वि० [सं०] १ जिसमें कोई विशेषता न हो, जिसे शाप दिया गया हो, शापित । [सं० सर्पग्रस्त] २ सर्प
सामान्य । २ जो सर्व-साधारण के समझने योग्य हो, सरल, का काटा हुप्रा, सर्प दंशित । सहज । ३ रक्षक, प्राश्रयदाता। -पु. रुद्रवीसी का चौथा | सापचेत-देखो 'सावचेत' । वर्ष (ज्योतिषी)।
सापण, सापणी, सापिण, सापिणी-स्त्री० १ पाग, अग्नि । साधारणधरम-पु० [सं० साधारण धर्म] १ वह धर्म (गुण) जो २ नागिन, सपिनी। ३ बरछी, भाला । ४ देखो 'नागण' ।
एक ही प्रकार से सब पदार्थों में पाया जाय । २ सार्वजनिक सापणो (बो)-क्रि० शाप देना बद्द.पा देना। धर्म।
सापतेयक-पु० [सं० स्वापतेयक] धन-दौलत । साधारणी (बो)-क्रि० [सं० साऽऽधारम्] १ बचाना, रक्षा |
करना । २ पाश्रय देना शरण देना। ३ सहायता करना, | सापरीछतरी, सापरीढाळ-स्त्री० वर्षा ऋतु में होने वाला एक
मदद करना। ४ भरण-पोषण या पालन-पोषण करना । छातानुमा छोटा पौधा ।। साधि-देखो 'साध्य'।
सापरोमासी-स्त्री. एक प्रकार का जन्तु विशेष । साधिक-देखो 'साधक'।
| सापुरख, सापुरस-पु० [सं० सत्पुरुष] १ सत्पुरुष, सज्जन । साधिका-स्त्री० [सं०] दुर्गा देवी का एक नाम ।
२ वीर एवं बहादुर पुरुष । ३ भला, सज्जन । साधित-वि० [सं० साधित] १ सिद्ध किया हुमा । २ तैयार | सापुरसाई-स्त्री. १ सज्जनता, भलमनसाहत । २ वीरता, किया हुमा । ३ प्राप्त किया हुप्रा । ४ धुला हुपा।
बहादुरी। साधु (डो)-पु० [सं०] १ श्रेष्ठ कुल का व्यक्ति, कुलीन व्यक्ति। सापूर-देखो 'सेंपूर'।
२ सज्जन व्यक्ति । ३ संत-महात्मा। ४ धार्मिक व परोप- सापो, सापी-पु. १ मृतक के पीछे बारह दिनों तक भूमि पर कारी पुरुष । ५ सांसारिक बंधनों से मुक्त, विरक्त या | सोने की एक रश्म । २ देखो 'साफो' । वैरागी प्राणी । ६ व्यापारी, वणिक । ७ जैन यति, साधु । साफ-वि० [अ०] १ गन्दगी रहित, स्वच्छ, निर्मल । २ दोष, ८ भक्त । ९ जिसको साधना पूरी हो गई हो। १० एक | विकार प्रादि से रहित । ३ शुद्ध, खालिस । ४ जिसका जाति या वर्ग विशेष । -वि० १ सुन्दर, मनोहर । २ श्रेष्ठ | तल सपाट हो। ५ जिसकी रचना में दोष, श्रुटि प्रादि न कुल का, कुलीन। ३ सज्जन ।
हो। ६ छल, कपट रहित । ७ स्वच्छ, निर्मल । ८ स्पष्ट ।
For Private And Personal Use Only