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सूरजकांतमारण
( ८३८ )
सूरवीरता
-पुराण-पु० एक अन्य जिसमें सूर्य की महिमा का वर्णन मरतन-देखो 'सूरातन' । है। -प्रकास-पु. सूर्य का प्रकाश, उजाला। धूप। सूरता, सूरताई-स्त्री० [सं० शूरना] १ शूरवीर होने की दशा, --मंडळ -पु. सौर मंडल । सूर्य की परिधि । ----मणि- अवस्था या भाव। २ शोर्य, पराक्रम । स्त्रो० सूर्य कान्त मणि । - लोक-पु० सूर्य लोक ।-वस- | सूरति, सूरती-देखो सूरत'।। पु० मूर्यवंश- (भत्रिय)। -वसी-पु० सूर्यवंशी क्षत्रिय । सूरद-पु० [सं० सुहृद] १ मित्र सखा । २ वोर, बहादुर । -सुत='सूरजपुत्र'। - सुता= 'सूरजपुत्रो' ।
सूरदांत -पु० सूपर या वराह का वह दांत जो पोठों से बाहर सूरजकांतमरिण स्त्रो० सूर्यकान्त मणि । -वि० श्वेत, सफेद ।। रहता है। -वि० कुटिल, टेढ़ा *। सरजक-पू०१ धाबू का एक तीष स्थान । २ श्मशान भूमिका | सूरदास पु० १ मंधे व्यक्ति का एक प्रादरयुक्त संबोधन । २ ब्रज जलाशय या तालाब।
____ भाषा के प्रसिद्ध कवि । सूरजग्रह-पु० सं० सूर्य-ग्रह] १ सूर्य, रवि । २ सूर्य का ग्रहण । | सरपंच-पु० [सं० सर्य-पथ] प्राकाश, नभ । ३ राहु व केतु । ४ जल घट की तली।
सूरपकार-पु० कामदेव, मदन । सूरज छट--स्त्री० कात्तिक शुक्ला षष्टी।
सूरपरण, सूरपणी-पु. शूरत्व, शौर्य, पराक्रम, पौरुष । सूरजपुर-पु० [सं० सूर्य पुर] काश्मीर का एक प्राचीन नगर । . सूरपत सूरपति (पती)-पु० राजा नप । सूरजमंडळभिव-पु. वीर, योद्धा।
सूरपथ-देखो "सूरपंथ'। सूरजमथबा-पु० सूर्यावर्त नामक शिर शून जो सूर्योदय से सूर्यास्त | सरप्रभ-पु० जैनियों के नौवें विहरमान का नाम । तक रहता है।
सूरबीरतन-वि० कठोर * । सूरजमल-पु. १ लोक गीतों में दूल्हे के प्रति संबोधन । २ पति । सूरभि, सूरभी-देखो 'सुरभि'। ३ राजस्थानी के प्रसिद्ध कवि सूर्य मल्ल मिश्रण।
सूरभूमि-स्त्री० [सं० शूरभूमि] १ उग्रसेन की एक कन्या का सूरजमाल-पु० [सं० सूर्यमाल] शिव का एक नामान्तर।
नाम । २ वीर भूमि । सूरजमुखी-पु. [स० सूर्यमुखी] १ पीले रंग के पुष्पों वाला | सूरमंडळ-पु० [स० सूर्य-मण्डल] १ सूर्य का वृत्त, घेरा या
एक प्रसिद्ध पौधा । २ इस पौधे का पुष्प जिसका मुख हर परिधि । २ सूर्य व उसकी परिक्रमा करने वाले ग्रह-उपग्रहों समय सूर्य की तरफ ही रहता हैं। ३ राजा-बादशाह का | का समूह ।
राजछत्र, राज्य चिह्न। ४ एक प्रकार का रोग । | सूरमंडळ भिव-वि० युद्ध में पदभुत वीरता दिखाकर वीरगति सूरजमुखौ-पु. स्वर्णकारों का एक प्रौजार विशेष ।
प्राप्त करने वाला जो सूर्यमंडल को भेदकर उच्चलोक में सूरजरोटो-पु०१ चैत्रमास के रविवार को किया जाने वाला जाता है।
एक व्रत विशेष । २ इस व्रत के दिन सूर्य को चढ़ाया जाने सूरम-देखो 'सरमो'। वाला नैवेद्य ।
सूरमटो (ठो)-वि. कायर, डरपोक । सूरजा-स्त्री० [स० सूर्य-जा] १ यमुना । २ विद्युत, बिजली।। सूरमण-देखो 'सूरपरम' । सूरजालोक-पु० [सं० सूर्यालोक] १ सूर्य का तेज, प्रकाश । सूरमांनी-वि० [सं० शूरमानिन्] अपने शौर्य पर गर्व करने वाला। २ देखो 'सूरजलोक'।
सूरमाई, सूरमापण (परणो)-स्त्री० वीरता, बहादुरी । सूराज, सूरज्ज, सूरज्जि-देखो 'सूरज' ।
सूरमू, सूरमो-वि० वीर, बहादुर, पराक्रमी।। सूरज्या-स्त्री० [स. सूर्या] १ सूर्य की पत्नी संज्ञा। २ देखो सूरय-देखो 'सूरज'। . 'सूरजा'।
सरयौ-पु० सप्तर्षि के अस्त स्थान से चलने वाला पवन जो सूरझटकाकरण-स्त्री० तलवार, खङ्ग ।
श्रावण मास में वर्षा का सूचक माना जाता है। सूरण-पु० [स० शूरण] जमीकंद, सूरन, मोल ।
| सूरलोक-पु० [सं० सूर्यलोक] १ सूर्यलोक, सौरजगत । २ वीर सूरत, सूरतड़ी-स्त्री० [फा०] १ मुखाकृति, चेहरा, शक्ल । गति प्राप्त योद्धापों को मिलने वाला लोक, सुरलोक ।
२ रूप सौन्दर्य । ३ दशा, हालत, स्थिति । ४ चित्र, तश्वीर, | सूरवादी-पु. योद्धा, सुभट, वीर, बहादुर। फोटो। ५ उपाय, युक्ति, तरकीब । ६ रूपरेखा, डोल । सूरवाळी-पु. एक प्रकार का घास । ७ इच्छा, विचार । ८ शोभा, छबि, पाभा । ९ चित्त वृत्ति सूरविद्या-स्त्री० युद्ध विद्या।। बुद्धि ।-वि० [स. सूरत] १ सुहृदय, दयालु, कृपालु । सूरवीर-वि० [सं० शूर-वीर] १ वीर, बहादुर, योद्धा । २ कोमल, नाजुक । ३ शान्त, स्थिर । ४ अनुकूल । ५ देखो २ ताकतवर,बलवान । ३ साहसी,हिम्मतवार । ४ पुरुषार्थी । 'सुरत'।
| सूरवीरता-स्त्री. वीरता, शूरत्व, बहादुरी।
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