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सून्यवाद
। ८३७ )
सरज
३ जिसका अस्तित्व न हो। ४ जो वास्तविक न हो, सूभग-वि• सुन्दर । असत् । ५ जो खाली हो, रीता, रिक्त । ६ निजन एकान्त । सभमद्र-पु० कुशल मंगल, खैरियत । ७ अनासक्त, विरक्त, निर्विकल्प । ८ उदास रंजीदा सूभर-वि० १.सुन्दर । २ सुख, मय सुखरूप । -पु० १ पुष्कर । ९ सीधा सादा, सरल । १० अर्थ शून्य । ११ नगा, नग्न । | २ छोटा तालाब । ३ देखो. 'सूबर'। १२ प्रचेत, बेहोश, विमूढ़। -मंडळ --पु० सौर मण्डल, समरा-वि० सुन्दर ।। माकाश । मस्तक ।
सभाव -देखो 'स्वभाव'। सन्यवाब-पु० [सं० शून्यबाद] बौद्धों का एक सिद्धान्त । सूम-वि० [अ० शूम] (स्त्री० मूमरण) कृपण, कंजूस । -पु. सन्या-स्त्री० [सं० शून्या] १ बध्या स्त्रो। २ नलिका नामक १ पुष्प, फूल । २ देखो 'सुम'। गध द्रव्य ।
सूमड़ापरण-पु. कमी, कृपणता । सून्यागार-पु. [सं० शून्यागार १ पाकाश , नभ । २ सूना घर या | सूमड़ो-देखो 'सूम'। मकान । ३ सूना कक्ष ।
सूमपण सूमपणी-पु. कृपणता, कंजूसी। सन्याइ-स्त्री०१ सुनसान जगह, एकान्न स्थान, निर्जन स्थान । सममन-वि० कठोर *। २ खाली या रिक्त होने की प्रवस्था, रिक्तता।
सूमि-देखो 'सुम'। सूपंखो-वि० सूत्रा पंखो रंग का, हरे रंग का ।
मूमो-पु. १ प्राकाश । २ दूध । ३ जन । ४ देखो 'सूम' सूप-पु० [सं०] १ पकी हुई दाल, भाजो । २ रमदार, सब्जी। सूयंभू -देखो 'स्वयंभुव' । ३ सब्जी का रस, शोरबा। ४ कढ़ी। ५ चटनी। ६ तीर. |
।। ५ चटनी। ६ तीर. | सूपटौ-देखो 'सूो। पाण। [सं० शूर्प, सू:] ७ अनाज को फटक कर साफ | सूयर-देखो 'सूवर'। करने का उपकरण विशेष । [सं० सूप ] ८ रसोईया। | सूयावड़ि-देखो 'सुवाड़ी'। ९ करुणरस पूर्ण राग विशेष । १० एक नायिका विशेष । | सूर-पु० [सं० शूर, सूर] १ शूरवार, बहादुर, याद्वा । २ मय, ११ एक प्रकार का वस्त्र । १२ देखो 'सुपनखा।
रवि, सूरज । ३ सिंह शेर । ४ चीता । ५ श्रीकृष्ण के सूपकनौ-वि० [मं• सूर्प-कणं] १ सूप के समान बड़े-बड़े कानों पितामह का नाम । ६ विष्णु का एक नाम । ७ सूरदास, वाला । -पु. हाथी।
अधा । ८ नाक का दाहिना छिद्र । ६ भूरे रंग का घोड़ा । सूपकार -पु० सं० सूपकार] भोजन बनाने वाला, रसोईया। १० पठानों को एक जाति । ११ उत्तर पोर वायव्य के सूपड़ो-देखो 'सूप'।
मध्य. सप्तर्षि के प्रस्त होने की दिशा (ऊंध)। १२ पाक, सूपनखा सूपनिखा. सानेखा-देखो 'सुपनखा'।
मदार । १३ साल वक्ष । १४ छप्पय छन्द का एक भेद । मपरसन-श्रो० मि० स्पर्शन] वायु, हवा ।
१५ देखो 'सरि'। -वि. १ तप्त ।२ देखो 'सूवर'। सूफजर-पु० वह ऊनी वस्त्र जिस पर स्वर्ण का काम किया ३ देखो 'सुर। . हुप्रा हो।
सू किरण -पु० छाते के पाकार का राज चिह्न। सूफी-पु० [अ० सूफी] १ संसार से अनासक्त, ब्रह्मजानी व सरखनोलो-पु. एक प्रकार का शुभ रग का घोड़ा।
सभी धर्मों के प्रति प्रास्था रखने वाला एक मुसलमान | सुरगुर -वि० [सं० शूर गुरु] १ श्रेष्ठ वीर २ देखो सागुरु । सम्प्रदाय । २ इस सम्प्रदाय का फकीर । ३ इस सम्प्रदाय सूरगुलू-पु. एक प्रकार का पुष्प । का अनुयायी मुसलमान ।
सूरडो-देखो 'सूवर' । (स्त्री० सूरड़ी) सूब-देखो 'सूम'।
सूरज-पु० [सं० सूर्य: १ सर्य, रवि, दिनकर । २ नाक का . सूबर-त्री गर्भवती घोडी या मादा ऊंट।
दाहिना स्वर स्थान । ३ प्राक का पौधा । ४ टगण के सूबादार. सूबायत, सूबेदार-पु० [फा० सूत्रः दार] १ किमी |
तृतीय भेद की छः मात्रा का नाम । ५ बारह की प्रान्त या सूबे का अधिपति, अधिकारी। २ कोज या
मख्या * । -वि०१ श्वेत, सफेद ४ । २ रक्त वणं । -काळ सेना में एक प्रोहदा या पद। ३ इस पद पर कार्य करने
-पु० दिन का समय फलित ज्योतिष का एक चक । वाला व्यक्ति।
-कुळ-पु. एक प्रमित क्षत्रिय वग, सूर्य वश। -ग्रह-पु० सूबेदारी-स्त्र' [फा०] १ सूबेदार का कार्य । २ सूबेदार का पद ।
सूर्य, रवि । सूर्य का ग्रहण । -ग्रहल-पु. सूर्य ग्रहगा। इठ सूब-देखो 'सुबह' ।
योग की एक प्रक्रिया । -नारायण-पू० सूर्य देव । ---पख सूची-पु० [फा० सबः] १ किमी राम का कोई प्रान्त. जिला -स्त्री० सूर्य किरगा सूर्य प्रभा। -पुत्र-पु० यम । शनि । ___ या मूज्ञा । [५० शुबहा].२ शक, संदेह ।
कर्ण । सुग्रीव । -पुत्री-स्त्री• यमुना । विद्युत, बिजली ।
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