Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

View full book text
Previous | Next

Page 852
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सेवक सेवार उबाल कर खाया जाता है (रक्षाबंधन, ईद)। ३ कुशल संवति सेवती-स्त्री० [सं० सेमती] १ एक प्रकार का सफेद क्षेम, सुख-शांति, खुशहाली। ४ एक प्रकार का वृक्ष । गुलाब का फूल । २ इस फूल का पौधा । ५ देखो 'सेव'। सेवन-पु० [सं०] १ सेवा करने की क्रिया या भाव । २ उपासना, सेवक (सेवकर)-पु० [सं०] (स्त्री० सेवकरण, सेवकांरणी) १ सेवा प्राराधना, भक्ति । ३ उपभोग, भोग, इस्तेमाल । ४ स्त्री उपासना, माराधना करने वाला भक्त, दास व्यक्ति । संभोग, मैथुन क्रिया । ५ टहल, चाकरी, ६ सानिध्य, २ नौकर, चाकर, अनुचर । ३ पुजारी। ४ सिलाई करने संसर्ग । ७ संरक्षण, रक्षा। ८ मादा पक्षियों द्वारा प्रण्डों वाला दर्जी। ५ बोरा। -वि० १ सेवा शुश्रूषा करने वाला। का पोषण । ९ पौषधि प्रादि का खान-पान । १ २ पूजा, उपासना करने वाला, अनुयायी। ३ नोकरी- सेवनी-स्त्री. १ सिलाई, सोवन । २ टांका। ३ सूई । ४ संधिचाकरी करने वाला। ४ पगधीन । ५ सेवन करने वाला, स्थान । ५ दासी, सेविका । उपभोक्ता । ६ सहायक, मददगार। सेवभद्र-पु० कुशलता। सेवकरण, सेवकरणी-स्त्री० दासी, नौकरानी, सेविका । सेवमाण-वि० सेवन करने योग्य । सेवकाइ, सेवकाई-स्त्री० १ सेवक का कार्य, सेवा, चाकरी सेवर, सेवरडो, सेवरियौ, सेवरी-पु० [सं० शिखर] १ विवाह शुश्रूषा । २ धाव भगत । ३ नौकरी। ४ भक्ति । की एक रश्म जो विवाह मण्डप में कन्या के भाई या मामा .सेवक-देखो 'सेवक'। द्वारा वर के सामने 'सरवा' घुमाकर अदा की जाती है। सेवग-पु० [सं० सेवक] (स्त्री० सेवगण, सेवगरणी, सेवाणी) २ विवाह में भोवर के समय गाया जाने वाला मांगलिक १ ब्राह्मणों का एक वर्ग, शाकद्वीपी ब्राह्मणा । २ इस वर्ग | लोक गीत । ३ विवाह के समय शिर पर बांधा जाने वाला का व्यक्ति। ३ देखो 'सेवक' । सेहरा, शिर मौर। ४ पगड़ो में बांधकर मोर के नीचे दूल्हे सेवगर-देखो 'सेवक'। के मुह के धागे लटकाई जाने वाली फूल मालायें । सेंवगसाधार-पु. १ भक्तों का परिपालक ईश्वर, विष्णु | (मुसलमान) ५ माला, हार, विशेषकर रेशमी माला । श्रीकृष्ण । २ अपने चाकर या अनुयायियों का रक्षक । ६ द्वार के ऊपर लगाया जाने वाला एक कलात्मक पत्थर । स्वामी। -वि०१ उत्तम, श्रेष्ठ । २ शिरोमरिण। सेवगी, संवग्ग-देखो 'सेवक' । सेवलण (नी)-स्त्री० [सं० शैवलिनी] नदी, सरिता, तठनी। सेवग्रह-स्त्री० मेवा चाकरी, टहल बंदगो। सेवळो-देखो 'सेही'। सेवड़-पु. १ राजगुरु पुरोहितों का एक गोत्र । २ इस गोत्र का सेवळी-पु० १ सेमल वृक्ष । २ कलई पर धारण करने की एक - पुरोहित । ३ देखो 'सेवड़ो'। प्रकार की बलदार चूड़ी। ३ देखो 'सेळो'। सेवड़ा-स्त्री० दशनामी संन्यासियों की एक शाखा । सेवांजळि (ळी)-स्त्री० [सं० सेवा जलि] १ दोनों हथेलियों को जोड़कर प्यालानुमा बनाई एक मुद्रा । २ ऐमी मुद्रा बना सेवड़ो-पु० [सं० श्वेत-पट] १ जैन साधुनों का एक वर्ग व इस | कर अपने उपास्य को कुछ अर्पण करने की क्रिया। वर्ग का साधु । २ एक ग्राम्य देवता । सेवा-स्त्री० [सं०] १ देवतानों की पूजा, अर्चना । २ सेवासे वज-देखो 'सेवज'। शुभषा, तीमारदारी, टहल । ३ नौकरी। ४ प्रादरसेवट-क्रि०वि० [सं० सीमट्ट] अन्त में, प्राखिर, अन्ततोगत्वा : | सत्कार, प्रावभगत । ५ उपासना, माराधना, भक्ति । सेवरण-स्त्री० १ एक प्रकार की घास । २ उपासना, भक्ति या ६ प्रेम, प्रासक्ति । ७ माश्रय, शरण। ८ उपभोग, भोग । माराधना करने की क्रिया । ३ सेवा-चाकरी या टहल करने ९ श्रम, परिश्रम । १० समाज सुधार का कार्य, समाज को क्रिया । ४ मादा पक्षियों की प्रण्डे पकाने की क्रिया या सेवा । ११ चापलूसी, जी-हजूरी। भाव । ५ सेवन । सेवागर-देखो 'सेवक'। सेबग्गी (बी)-क्रि० [सं० सेवनं] १ पूजा करना, अर्चना करना । सेवाधरम-पु० [सं० सेवा-धर्म] सैवक का धर्म या कर्तव्य । २ वंदना करना, नमस्कार करना। ३ उपासना या भक्ति । संवाधारी-पु० [सं० सेवा-धारिन् पुजारी, सेवक । -वि० जिसके करना । ४ सेवा-शुश्रूषा करना, चाकरी करना। ५ उपभोग 1. मूर्ति पूजा या माला का नियम हो। करना, भोगना । ६ सानिध्य करना, संसर्ग करना । ७ मादा सेवापण (पणी)-पु. १ मेता वत्ति, टहल-बंदगी। २ नोकरीपक्षी का अण्डे पकाने के लिये बैठना। पोषण करना। चाकरी। ८ रहना, बसना । ९ कोई औषधि या पथ्य लेना। सवार, सेवाळ, सेवाल-स्त्री० [सं० शैवाल] १ पानी पर जमने १० लिप्त होना । ११ पालन करना । वाली चील, काई। २ जलाशयों के पानी पर जाल को For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 850 851 852 853 854 855 856 857 858 859 860 861 862 863 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884 885 886 887 888 889 890 891 892 893 894 895 896 897 898 899 900 901 902 903 904 905 906 907 908 909 910 911 912 913 914 915 916 917 918 919 920 921 922 923 924 925 926 927 928 929 930 931 932 933 934 935 936 937 938 939