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सैनाणी
( ८५० )
संलोट
३ स्मृति चिह्न । ४ धब्बा, दाग खराच । ५ प्रतीक। स'रपना, सरपनाह, सै'रपनी, सरपनाह, सरपनो-देखो ६ संकेत । ७ झण्डा, पताका । .
। 'सहरपनाह'। सनांगी. सैनांगी-स्त्री. १ यादगार के रूप में मानी जाने वाली सैरसपाटा-पु० भ्रमण पर्यटन ।
वस्तु, स्मृति चिह्न। २ पहचान, शिनाख्त । ३ लक्षण से'रसारणी-स्त्री० [फा० शहर+सं० सारणी] शहर के गुण । ४ नमूना।
समस्त व्यक्तियों को दिया जाने वाला सामूहिक भोज । सनाई, सैनाय-स्त्री० [फा० शहनाई) शहनाई, नफीरी, बाजा। सैरि-स्त्री० [सं०] १ कात्तिक मास । २ एक प्राचीन जनपद । सैनिक-पु०स०] १ सेना या फोज का प्रादमी, सिपाही। ३ देखो 'सेरी'। २ सुभट, योद्धा । ३ प्रहरी, संतरो।
सरियो, सरी-देखो 'सहरी'। सनी-पु. १ नाई, हज्जाम । २ देखो 'सन' ।
सैलग-देखो 'सलग' सनीचर-देखो 'सनिस्चर'।
सल (सैलड़ौ)-पु० [स० शैल] १ पहाड़, पर्वत । २ कोई बड़ा संन्या-देखो 'सेना'।
पत्थर, चट्टान। ३ हिमाचल का राजा व पार्वती का सैपाठी-पु० सहपाठी, साथ पढ़ने वाला, साथी।
पिता ।-वि०१ पत्थर का, पत्थर संबंधी। २ कड़ा, कठोर । संपोड़ो-वि० निरन्तर दर्द या पीड़ा बना रहने वाला, कष्टमय । ३ देखो 'सर । ४ देखो 'सेल'। -कन्या, कुमारी -स्त्री. संप्रत, सैप्रत्त-देखो 'सांप्रत' ।
उमा, पार्वती । -गुर, गुरु-पु०बड़ा पर्वत, हिमालय या सुमेरु संफळ, सैफळो-देखो 'संफळो' ।
पर्वत। -जा-स्त्रो० उमा, पार्वती।-धन्वा-पु. शिव, सैफौ-पु० [अ० सैफा] जिल्दसाजी में काम पाने वाला एक महादेव । -धर-पु. श्रीकृष्ण, बजरग । --नदनी; नदिनी प्रौजार विशेष ।
-स्त्री० पार्वती। --पत, पति, पती-पु. हिमालय या सेबास-देखो 'साबास'।
सुमेरु पर्वत । -पुती, पुती, पुत्री-स्त्री. पार्वती, दुर्गा संबुलबुल-स्त्री. 'श: बुलबुल नामक पक्षी।
पाठ विशिष्ट देवियों में से एक । -राज--पु. सैमळ, समल-१ देखो 'सेमळ' । २ देखो 'सामल'।
हिमालय, सुमेह । -सुत-पु० स्वर्ण, सोना । -सुता-स्त्री. समान-देखो 'सामान'।
पावती, उमा। समात-स्त्री० शतरंज के खेल में एक प्रकार की शिकस्त । सेल-देखो 'सहल' । सम्वो,समूदो, सैमूदो-देख। 'सेमूदी'। (स्त्री० समुदी, समूदी) | सैलगंगा-स्त्री० [सं० शैल-गंगा] गोवर्द्धन पर्वत से निकलने सम-देखो 'समय'।
_ वाली एक नदी। संय-पु० पक्ष ।
सैलसपाटा, सैलसिकार-पु. पामोद-प्रमोद व मनोरजन के संयव-पु० १ मुगलमानों के चार वर्गों में से एक वर्ग।।
यजमानों के चार वर्षों में से एक वर्ग के लिये किया जाने वाला भ्रमण, सैर। २ मुसनमान । -जादौ-पु. 'सैयद' वर्ग का मुसलमान। | सैलाण-वि०१ सैर करने वाला,भ्रमणशील । २ देखो सेनांणी'। सैयां-स्त्रो० (च.व.)१ सखियां सहेलियां। -पु० २ प्रियतम, पति । ३ देखो 'सलाणी'। सय्यद-देखो संयद'।
सैलान-पु०१ नग, नगीना । २ देखो 'सेनांण' । संय्यां-देखो 'सैयां'।
सलाइ-पु० १ एक साथ, परस्पर गर्दन से बंध हुए दो बैल पादि सरधिका, सरधी-स्त्री० [सं० सैन्ध्री] १ द्रौपदी का वह चौपाये । २ इस प्रकार बाधने को रस्सी या किया ।
नाम जो उसने अज्ञातवास के समय रखा था। २ दूसरे के घर ३ दो पशुषों का जोहा।देवी को चढ़ाये जाने वाले में रहने वाली स्वाधीन शिल्पकारिणी स्त्री । ३ अन्तःपुर दो बकरे, बकरों का युग्म । में काम करने वाली दासी, विशेष । ४ दासी, सविका, सैलाड़णी (बो)-क्रि० बैल, बकरे प्रादि के युग्म को एक ही परिचारिका । ५ नीच जाति की चाकरानी । ६ वर्ण रस्सी से परस्पर गर्दन से बांधना ।। संकर जाति ।
सैलात्मजा-स्त्री० [सं० शैलात्मजा] पावती। सैर, सैर-स्त्री० [४०] १ मनोरंजन के लिये की जाने वाली सळी-देखो 'सेही' ।
यात्रा, पर्यटन, भ्रमण। २ मौज, मस्ती, मनोविनोद। पेली-स्त्री० [सं० शैली] १ वाक्य-रचना का हंग, लिखने का ३ शिकार मृगया। ४ देखो 'सहर'।
ढग । २ चाल, ढंग, तरीका। ३ परिपाटी, प्रणाली। सैरगाह-स्त्री० [अ०] पर्यटन-स्थल, सैर करने का स्व न ।
रीति, रिवाज, प्रथा । ५ पाचरण, चाल-चलन । सैरडो-देखो 'सहर'।
| सैलोट-पु. १ ध्वंस, नाश, विनाश । २ समतल ।
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