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सुखमावसब
सुगंधधर
सुखमातसद-पु० [सं० सुषमाऽऽदर्शद] परम शोभा का दर्पण सुखावणी (बो)-देखो 'सुखाणों' (बी)। चन्द्रमा।
सुखावेस सुखावेसु (सू)-क्रि० वि० सुख पूर्वक । सुखमिण-देखो सुखमणा'।
सुखासण (न,नि)-पु०१ पालकी, डोली, सुखपाल । २ पारामसुखरम-पु० सं० सु-ख-रम] सूर्य, भानु ।
दायक पासन । ३ पालथी, कमलासन । सखरात (राति, रात्रि)-स्त्री० [सं० सुखरात्रि] कात्तिक मास | सुखि-क्रि० वि०१ सुख पूर्वक, पाराम से। २ देखो 'सखी'। की अमावस्या की रात्रि।
सुखिऊ-वि० सुखी। सुखरास (रासि, रासी)-वि० [सं० सुख राशि] सर्वथा सुखमय, | सुखिणी-देखो 'सुखी' । सखों का समूह। .
सुखिम-देखो 'सूक्ष्म'। सुखलापांग-देखो 'सुक्लांग'।
सुखियारो-वि० (स्त्री सखियारी) सुखी। सुखलिरणी-देखो 'सुकुलोणी'।
सुखियो-वि० १ सखी। -कि० वि० सुखपूर्वक, पाराम से। सुखलोया-पु० घोड़ों का एक रोग ।
सुखी-वि० [सं० सुंखिन्] १ जिसे किसी प्रकार का दु:ख, सुखवंत, सुखवत-वि० [सं० मुख वत्] सुखी, प्रसन्न ।
कष्ट या परेशानी न हो, दुःखों से पूर्णतया मुक्त । २ हर्षित सखवास-देखो 'सुखबास'।
खुश । ३ संतुष्ट। सुखवासी-देखो 'सुखबासो' ।
सुखीपो, सुखीयो-देखो 'सुखियो। सुखसज्या-देखो 'सुखसेज्या'।
सुखुपती सुखुप्ती-देखो ससृप्ती' । सुखसागर-पु० [सं०] १ ईश्वर, परमेश्वर। २ भागवत के | सुखेड़ी (गो)-स्त्री. हरी सब्जी जिसे सुखाकर साक बनाया - एक अनुवाद का नाम ।
जाता है। सुखसाजा-पु० सुख का सामान ।
| सुखेरण (न)-पु० [सं० सुषेण:] १ बालो का श्वसुर व धर्म सुखसाता-स्त्री० [सं० सुख-शांति] १ सुख की उपलब्धि, नामक वानर का पुत्र, एक वानर जो युद्ध-विशारद व वैद्यक
प्राप्ति, पानन्द, कुशल-क्षेम। २ प्रारोग्यता, स्वस्थता। का अच्छा ज्ञाता था।२ विष्णु का एक नामान्तर । सुखसार-पु.१ सुख का सार । २ पटारी, पट्टालिका ।
३ जमदग्नि एवं रेणु के पुत्रों में से एक । कर्ण का एक सखसिज्जा सुखसेज. (सेउजा, सेण्या) सुखसेझ-स्त्री० [सं० सुख- पुत्र । ५ श्रीकृष्ण का एक पुत्र ।
शय्या] १ किसी मृतक के पीछे ब्राह्मण को दिया जाने | सुखोपति-देखो 'सुसुप्ती' । वाला शय्या दान । २ पारामदायक शम्या ।
सुरुख-देखो 'सुख' । सुखसोरठ-पु. एक राग विशेष ।
सुख्खवाई-देखो ‘सुखदाई'। सुखस्यायक-पु. कल्प वृक्ष।
सुख्खम-देखो 'सूक्ष्म'। सुखहारी-वि० सुख का हरण करनेवाला, दुःखदायी । सुख्याति-स्त्री० [सं०] १ कीति, यश, प्रशंसा । २ प्रतिष्ठा । सुखांछक-पु० चन्द्रमा, चांद ।।
सख्यारत, सुख्यारथ-देखो 'सुक्यारथ'। सुखांत-वि. जिसका भन्त सुखमय हो।
सुगव, सगंध, सुगंधउ-स्त्री० [सं० सुगंध] १ मच्छी व प्रिय सुखाकर-वि० सुखदायक, सुखकर ।
गंध । महक । खुशबू । २ गंधक । ३ चंदन । ४ जीरा । सुखाणी (बो)-कि० १ किसी गीले वस्त्र, कागज या वस्तु को ५ नीलकमल । ६ गंधेज नामक घास, गंध तृण ।
धूप या हवा में फैलाकर रखना, सुखाना । २ पाद्रता दूर | ७ खुशबूदार चीज । ८ बना। मरुवा । १० माधवीलता करना। ३ सूखने के लिये डाल देना। ४ पानी सोखने के ११ सफेद ज्वार । १२ केवड़ा । १३ राल । १४ व्यापारी। लिये प्रेरित करना । ५ दुर्बल या क्षीण करना ।
१५ रुसा घास । १६ शिलारस । १७ देखो 'सगंधित' । सुखायत-पु० [सं०] प्रशिक्षित, सधा हुमाव शीघ्र वश में पाने | सुगधउर-पु०१ हिरण, मृग। २ कस्तूरिया हिरण । वाला घोड़ा।
सुगंधक-पु० [सं० सुगंधक:] १ चन्दन । २ लाल तुलसो । सुखारथी-वि० [सं० सुखार्थी] सुख की इच्छा या कामना ३ पुष्प, फूल। ४ नारंगी। ५गन्धक । -वि. जिसमें करने वाला।
खुशबू हो । खुशबूदार । सुखाळा-वि० १ प्रसन्न चित्त, खुश मिजाज । २ सखी। | सुगंधका-स्त्री० सोन जुही; कस्तूरी। सुखाळी-स्त्री०१ सुख की अवस्था या भाव । २ प्राराम, चैन, | सगंधता-स्त्री० फूल प्रादि खुशबूदार वस्तुमों का गुण-धर्म, महक । . खैरियत ।
| सुगंधधर-पु० केसर । -वि• सुगंध को धारण करने वाला, सुखाळो-वि० (स्त्री० सुखाळी) प्रसन्न, खुश, सुखी।
महकदार ।
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