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सुसोळ
। ८३० )
सुहाग
ससीळ, सुसील-वि० [सं० सुशील] १ उत्तम स्वभाव वाला, बुद्धि तीव्र न हो, मंद बुद्धि । ७ भाभा या कांति से रहित,
सज्जन, भला। २ उत्तम चरित्रवाला, चरित्रवान, निस्तेज। रोगी। सच्चरित्र । ३ सरलचित्त, सीधा-सादा, भोला-भाला। सुस्ताई-देखो 'सुस्ती' । ४ विनीत, नम्र।
सुस्ताणी (बी) सुस्तावणी (an)-क्रि० १ थकावट मिटाने के सुसीलता-स्त्री सुशील होने की अवस्था या भाव, सज्जनता । लिये विश्राम करना, श्रम दूर करना । २ किमी कार्य को सुसोला-स्त्री० [सं० सुशीला] १ श्रीकृष्ण की पाठ पटरानियों करन के लिए कुछ रुकना ठहरना। ३ धंय म्सना,
में से एक । २ यमराज की पन्नी का नाम । ३ सुदामा की | धीरज धरना । ४ प्रतीक्षा या इतजार करना । मालस्य
पत्नी का नाम । ४ देको, दुर्गा । ५ एक नदी का नाम । या सुस्ती फैलाना । ६ नींद लेना । सुसुक्षा-स्त्री. प्राग।
| सुस्ती-स्त्री० [फा०] १ भालस्य, प्रमाद । २ शिथिलता, सुसुपत-वि० [स० सुषुप्त] १ प्रगाढ़ निद्रा में सोया हुमा, ढीलापन । ३ दुर्बलता, कमजोरी । ४ ममिमता, उदासो ।
निद्रित । २ अचेतन, बेहोश ३ लकवा मारा हुमा, सुन्न । ५ गति मांद्य, दीर्घसूत्रता। ६ बुद्धि माद्य। ७ काम शक्ति सुसुपति, सुसुपती, सुसुप्ति, सुसुप्ती-स्त्री० [स.. सुषुप्ति] १ गहरी का प्रभाव । ८ निम्तेजावस्था। ९ रुग्णावस्था ।
नींद, प्रगाढ़ निद्रा। २ प्रचेतनता, जडता, अज्ञानता। सुस्थित-पु० घोड़े का एक ग्रह या रोग विशेष । ३ पातंजल दर्शन के अनुसार चित्त को एक अनुभूति। सुस्वाम-वि० [सं० सुम्याम सुन्दर एवं श्याम । ४ वेदान्त के अनुसार जीव की प्रज्ञानावस्था ।
सुलो-मो. [सं० सुश्री] १ सन्दर-शोभा। २ कुमारी, मिम । सुसुमण-स्त्री० [स० सुषुम्णः] १ सूर्य की मुख्य किरणों में से सुन सा-स्त्री० [सं शुश्रूषा] १ सेवा-चाकरी, टहल बदगी। एक । २ देखो सुखुमणा'।
२ देखभाल, संभाल, सुरक्षा। सुसुमणा-स्त्री० [स० सुषुम्पा] १शरीर को नौ प्रमुख नाड़ियों सुस्रय-पु० [सं० सुखेय] १ कुशल-क्षेम । २ यश, प्रशसा । में से एक । २ देखो 'सुस मणा' ।
सुस्वधा-स्त्री० [सं०] कल्याण, मगल, सौभाग्य । सुसुरुत-वि० [सं० सुश्रुत] १ प्रच्छी तरह सुना हुपा । २ वेद सुस्वप्न-पु० [स०] अच्छा सपना, शुभ सपना । विद्या में निपुण । ३ प्रसिद्ध ।
सुस्वर-पु० मधुर व मीठा स्वर, मीठी मावाज । वि०-जिसका सुसेण-पु० [सं० सुषेण] १ भगवान विष्णु का एक नाम । स्वर मधुर हो सुरीला। २ सुग्रीव का वंद्य एक वानर।
सुहंगो -देखो 'सू गो'। (स्त्री० सुहंगी) सुसेत-वि० [सं० सु-श्वेत] श्वेत, उज्ज्वल, शुभ्र, चमकीला। सुह-१ देखो 'सुख' । २ देखो 'सुम' । सुसंघको-स्त्री० [सं०] सिंध देश को मच्छो छोड़ी।
सुहगुरु-पु. सद्गुरु । सुसोभित-वि० [स० सुशोभित] १ शोभायमान, शोभित । सुहम्गा-देखो 'सुहागरण' । २ सुन्दर, मनोहर।
सुहड़ (डी), सुहट-देखो 'सुभट' । सुसोहणी (बी)-कि० शोभायमान होला, मोभित होना । सुहटौ-देखो 'सूर्यो। सुसोहत, सुसोहित-देखो 'सुसोभित' ।
सुहरणउ, सुहगो-पु० स्वप्न । सुसो-पु. शशक, खरगोश।
सुहबोलु (लो'-पु० मधुर भाषी। सुसोम-स्त्री० [सं० मुशोमा शोभा, मामा, कास्ति, छवि। सुहा-पु० यम । सुस्क-वि० [सं० शुष्क] १ जिसमें किसी प्रकार की नमी न सुहद्रागिर-पु० [सं० सुभद्रागिरी] भाद्राजून (जाधपुर म) नामक
हो, तरसता न हो, खुश्क, सूखा। २ जिसमें कोई रस न गांव के पास की पहाड़ी। हो. नीरस । । विरक्त, उदास । ४ भुना हुमा। सुहर-पु० सूपर, वराह। ५ कृश, दुबला । ६ झूठा, बनावटी। ७ रीता, खाली। सुहाणी-क्री०१ लोहे का नुकीला मोजार विशेष । १ देखो ८ व्यर्थ, निरर्थक । ९ कटु, कर्कश । १० जीर्ण-शीर्ण सुहावणी'। पुराना ।
सुहागो-देखो 'सुहायो' । सुस्कार, सुस्कारो-देखो 'सुसकार'।
सुहामणउ, सुहामरणो-देखो 'सुहावणो'। (स्त्री० सुहामणी) सुस्त-वि० [फा० सुस्त] जिसमें तत्परता या स्फूति न हो, सुहा, सुहाग-पु० [सं० सौभाग्य] १. किसी स्त्री के मयका सने
पालसो, प्रमादो। २. दुर्बल, कमजोर, अशक्त, शिथिल । की पवस्था। सौभाग्य । २ स्त्री के शरीर पर धारित ३ खिन्न, मलिन, उदास । ४ मंद गति वाला, धीमा, सौभाग्य सूचक चिह्न । ३ पति को भायु । ४ पति का दीर्घसूत्री। ५ जिसमें कार्य शक्ति कम हो। ६ जिसकी। संसर्ग, सौभाग्य सुख, पति का प्रेम । ५ यश, प्रशसा ।
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