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मुँहागरण
६ विवाह के अवसर पर गाये जाने वाले मंगल-गीत । | सुहेल-पु० [अ०] यमन देश में दिखने या उदय होने वाला। सुहागण (णि, रणी)-स्त्री. १ वह स्त्री जिसका पति जीवित |
| तारा विशेष । हो, सधवा, सुहागन, सौभाग्यवती । २ पति की प्रिया स्त्री, | सुहेलु, सुहेलू (लो)-देखो 'सोहिलो' । मानेती स्त्री।
सुहृत-पु० [सं० सुहृत्] १ मित्र, दोस्त, सखा । २ राज्य के सुहागथाळ-पु. भोजन का थाल जिसमें कुछ सुहागिनो स्त्रियां | सात अगों में से एक ।। नवागंतुक वधू के साथ भोजन करती हैं।
सुह्नद-वि० [सं०] प्रिय, प्यारा, मित्र । सुहागदार-बिड़लो (बीड़ो) -पु० दूल्हे के स्वागत के समय वधू-सू-क्रि० वि० १ही । २ क्या । ३ सहित । ४ देखो 'स"।
पक्ष की स्त्रियों द्वारा दी जाने वाली पान की गिलोरी। ५ देखो स्यू' सुहागि-देखो 'सुहाग'।
सूई-क्रि० वि० से, ही ।-वि० १ उल्टी का विपर्याय, सीधी, सुहागिण, सुहागिन, सुहागिनी-देखो 'सुहागन' ।
सुलटो । २ चित्त, सोधी । ३ देखो 'सूई'। सुहागौ-पु. १ एक प्रकार का क्षार जिससे स्वर्ण के प्राभूषण सूक सूक-स्त्री. रिश्वत, घूस ।
साफ किये जाते हैं । २ सुन्दर वेश-भूषा, पोशाक । सूकखोर, सूकखोर-वि० रिश्वत लेने वाला, रिश्वतखोर । सुहाणी-वि० (स्त्रो० सुहाणी) १ शोभा देने वाला, शोभायमान, सूकड़ो-१ देखो 'सुकड़ी' २ देखो 'सूक' ।
शोभित । २ सुवासित । ३ अच्छा, बढ़िया । ४ सन्दर, | सू केड़ी-वि. रिश्वतखोर ।
मनोहर । ५ स्वादिष्ट । ६ सुरुचिकर, मनभावन प्रिय।। सूखड़ी-स्त्री० १ एक प्रकार का प्राचीन कर । २ खलिहान से सहाणी (बी)-क्रि० १ अच्छा लगना मन भाना, रुचिकर ब्राह्मण, साधु मादि को दिया जाने वाला अनाज । ३ देखो
लगना, प्रीतिकर लगना । २ बरदाश्त होना, सहन होना। सूकडी' । ३ शोभायमान होना, शोभित होना ।
सूखलो-पु० गेहूँ या जो की भूषी (खाखला) । सुहाय-देखो 'सहाय' ।
तूंगरणी-देखो 'सांगणी'। सुहार-देखो 'सुवार'।
सूगा, सू गाकलाल-पु. एक वैश्य जाति जो धाराब बनाने व सुहारे, सुहार -देखो 'सुवारै'।
बेचने का व्यवसाय करती थी। सहाली-वि० सुन्दर, सुहावनी । -सेज-स्त्री० सुन्दर व मन | सूगी-वि० सस्ती, कम मूल्य की।-स्त्री० 'सूगा' जाति की स्त्री। भावती शय्या।
सूगीवाड़ी-पु. सस्तीवाड़ा, सस्तापन, व्यापारिक मंदी। सहावरण (पी)-वि० १ सन्दर, मनोहर । २ जो रुचिकर लगे, सू गौ सू'गौ-वि० [स० समर्घ] (स्त्री० सूगो) १ कम दामों मन भावन । ३ शोभित, शोभायमान ।
में प्राप्त होने वाला, सस्ता, । २ महत्वहीन, जिसकी सुहावरो (बो)-देखो 'सुहाणी' (बी)।
तबज्जा कम हो । ३ कम खर्च या सहज में पूर्ण होने वाला। सुहावी-वि० सुहावना, सुन्दर ।
४ सुलभ, मामान । सुहासरणी-देखो 'सवासणों'
सूध-स्त्री० रोचक वचन कहने की क्रिया । सुहाहीणी-वि० मूर्ख, नासमझ ।
सुघरणी-स्त्री. १ नाक में सूघने की तम्बाखू । २ देखो सुहिणइ, सहिरणउ, सुहिणी-पु. स्वप्न, सपना । -वि० प्रिय | सांगणी'। वल्लभ ।
| सूघणो (बो) -क्रि० [सं० शिधनम्] १ नाक (धारणेन्द्रिय) सुहित-पु० [सं० स्वहित] अपना हित या भला । स्वार्थ । द्वारा किसी गंध का अनुभव करना । सूचना । २ कोई
-वि०१ हितैषी, हितु । २ लाभदायक शुभ । ३ देखो गंध लेने का प्रयास करना। ३ कोई वस्तु सूधने के लिये 'सहित'।
नाक के समीप लाना । ४ गंध लेकर खोज लेना, 'ढना । सुहितो-देखो 'सोहितो'।
५ ध्यान या तवज्जाह देना, देखना। सुहित्त-देखो 'सुहित'।
| सघौ-वि० १ रोचक वचन कहने वाला । २ देखो 'सगो' । सहिद्रा-स्त्री० सुभद्रा।
सूज, सूझ-पु० विवाह के समय दहेज के रूप में तथा प्रथम सुहिलो-वि० सुलभ ।
प्रसव के बाद विदाई के समय, लड़की को दिया जाने वाला सुही-सर्व० १ वही, वह । २ देखो 'सुखी'।
वस्त्राभूषण पादि। सहुइ-देखो 'सुभट'।
सूट-पु. १ एक प्रकार का कीड़ा, कीट । २ देखो 'स'ठ' । सुहलू-वि० सुलभ ।
सू टी-स्त्री० [सं० सूस्थिता] नाभि । सुहेतल, सुहेल-वि० शुभ, मांगलिक सहज ।
| सूटो-पु० वर्षा के साथ चलने वाली तेज हवा ।
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