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सुखिम
सूखिम-देखो 'सूक्ष्म'।
सूचिका-स्त्री० १ सूई । २ हाथी की सूड । सूखेड़ो-पु. १ शुष्क वातावरण या प्रांगन । २ घाईताहीन | सूचिमुख -पु. मूसा, चूहा । -वि. जिसका मुह तेज व मौसम ।
तीक्ष्ण हो। सखो-वि० [स० शुरुक] (स्त्री० सूखी) १ माता, नमी या सूचियो-देखो 'सूचक'
तगवट से रहित, शुष्क । २ चिकनाई से रहित, फरका । सूची-पु० [सं० सूचि] १ सैन्य व्यूह रचना । २ इशारा, सैन । ३ उदास, विरक्त । ४ कोमल, भावो से रहित कठोर हृदय । ३ भेदन । ४ हावभाव । ५ छेदन । ६ नृत्य विशेष । ७ गुप्त .५ कोरा, केवल, निरा -पु. १ अनावृष्टि, अकाल, वर्षा का दूत, भेदिया । ८ चुगलखोर । ९ दुष्ट खल । १० कपड़ा सोने प्रभाव । २ पानी के प्रभाव वाला क्षेत्र । ३ तम्बाखू का की सूई । ११ किरण, प्रामा। १२ दृष्टि । १३ अप्सरा। सूखा पत्ता।
१४ विगत, तालिका, फहरिश्त । १५ सूई की नोक । सूखोडा-वि० शुष्क, सूखा हुप्रा।
१६ विषयानुक्रमणिका। १७ माठ प्रत्ययों में से एक सूखौसपाक-वि० बिल्कुल सूखा, शुष्क ।
(पिंगल शास्त्र) ।-वि० [सं० शुचि] १ उजला, शुभ्र । सूग-स्त्री० घृणा, नफरत ।
२ सफेद, श्वेत, । ३ पवित्र, शुद्ध । सगरणी-वि० शुभ लक्षण।
सूचीकरम-पु० [सं० सूचि-कर्म] सूई पिरोने व सीने की कला । सुगती-स्त्री० [स० शूक्तिः] सीप, शुक्ति ।
सूचीमुख-देखो 'सूचिमुख'। सगतीज-पु० [सं० शूक्तिज मौक्तिक, मोती।
सूची-वि० [सं० शूचि स्वच्छ, निर्मल, शुद्ध, पवित्र । सूगलवाड़ो-पु० गंदगी।
सुछम-देखो सूक्ष्म'। सुगलियो-पु० १ वर्षा ऋतु में मवेशियों के मुह में होने वाला सूजणी (बो)-क्रि० १ किसी चोट या विकार के कारण किसी एक रोग विशेष । २ देखो 'सूगलो' ।
अंग पर शोथ माना, सोजन प्राना, फूलना । २ देखो सूगलो-वि० (स्त्री० सूगली) १ गंदा, घरिणत, घिनौना । सूझणो' (बी)। २ बुरा, खराब । ३ भद्दा, कुरूप ।
सूजन-स्त्री० १ चोट, प्राघात या रोग के कारण किसी अंग पर सूगावणो (बी)-देखो 'सुगारणो' (बी)।
पाने वाली शोथ । फुलाव । २ सोजन प्राने की अवस्था या सई-पु. १ खेत में होने वाली कंटीली झाड़ी या घास के | भाव।
पौधे । २ ऐसे पौधों को काटकर सफाई करने की क्रिया । सूजनम-स्त्री० [सं० सूर्यनवमी] आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की
३ नाश, ध्वंस । ४ सफाई। सूउ-देखो 'सूर्ती' ।
सूजाण-देखो 'सुजाण'। सडि-देखो 'सूड' ।
सूजाउ-देखो 'सुजाव' । सड़ी-१ देखो 'सूवी । २ देखो 'सूड' । ३ देखो 'सूवर'। सूजाक, सूजाग-पु० [फा० सूजाक] मूत्रेन्द्रिय का प्रदाह युक्त रोग सूचक-वि० [सं०] १ सूचना देने वाला, सूचित करने वाला, । विशेष । बताने वाला । २ बोधक, ज्ञापक । ३ दिखलाने वाला,
वाला, सजाणो (बी)-क्रि० १ मार-मार कर या पीट कर शरीर या बतलाने वाला, मुखबिर । ४ सिद्ध करने वाला। ५ छेद
अंग को सुजा देना, फुला देना । २ रो-रो कर प्रांखे फूला करने वाला ।-पु. १ शिक्षक । २ किसी नाटक का प्रधान
लेना। ३ रूठ कर मुंह फुला लेना। नट, सूत्रधार । ३ दर्जी। ४ कुत्ता, श्वान । ५ काग, कोना
सूजाव-पु. १ शोथ, सूजन । २ देखो 'सुजाव' । ६ सिद्ध । ७ दुष्ट, गुण्डा । ८ राक्षस, शैतान । ९ सई।
| सूजावणी (बो)-१ देखो 'सूजाणो' (बी) । २ देखो सूझा१० बिल्ली। . सूचना-स्त्री० [सं०] १ किसी घटना की जानकारी, बात का
___ वो ' (बी)। परिचय । २ किसी योजना, अभियान, षड़यंत्र का सूजी-सर्व० वह, वही ।-पु० [सं०सूचिक] १ दर्जी।-स्त्री० पूर्वाभास, जानकारी । ३ संदेश, समाचार । ४ विज्ञापन,
२ सूजन, शोथ । ३ दानेदार मेदा जिसका हलवा बनाया विज्ञप्ति, इश्तिहार । ५ राजाज्ञा का प्रसारण । ६ दुर्घटना जाता है। प्रादि का विवरण । ७ टोह
सूझ-स्त्री०१ सोचने-समझने की क्रिया या भाव । २ दृष्टि, सूचनिका-स्त्री० १ सूची, विगत, विवरणिका । २ एक प्रकार नजर । ३ बुद्धि, समझ, पक्ल । ४ वह बौद्धिक-शक्ति जिसके का छन्द ।
द्वारा कोई अद्भुत बात, नई उद्भावना जागृत होती है, सूचि-स्त्री० किरण।
समस्या सुनझाने की शक्ति। ५ समझदारी, दूरशिता।।
नवमी।
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