Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 834
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुबहू ( ९२८ । सुवेता सुबह-स्त्री० [सं० सुवधू] पुत्र वधू । सवाल-देखो 'सवाल'। सुवा-क्रि० वि० तक, पर्यन्त । सुवालख-देखो 'सवालख'। सुवागणी (बी)-देखो ‘सुवागो' (बो)। सुवाव-वि० उत्तम श्रेष्ठ । सुवारणी-स्त्री० [सं० स+वाणी] १ सरस्वती, शारदा । | | सुवावड़-पु. १ प्रसव के बाद खाये जाने वाले पौष्टिक पदार्थ । २ श्रेष्ठ व उत्तम वाणी। . २ प्रसव के बाद म्नान-शुद्धि तक का समय । सुवाणी-वि. (स्त्री. सुवाणी) १ सुवक्ता, अच्छा वक्ता। सुवावरणो-देखो ‘सहाणी'। २ मधुर भाषी, मदुभाषी। ३ देखो 'सुहाणों'। सुवावरणो (बी)-देखो 'सहारणो' (बी)। सुवान-पु० [स० श्वान] कुत्ता। सुवास-स्त्री० [सं० स-वास] १ सुगध, महक, खुशबू । २ पोशाक, सुवाई-स्त्री० [सं० सु+वायु] १ शुद्ध एवं शीतल हवा, मच्छी वेशभूषा । ३ निवास, पावास । ४ डेरा, पड़ाव । ५ स्थान, हवा । २ सुलाने की क्रिया या भाव । | जगह । ६ घर, मकान । ७अच्छा पड़ोस । ८ शिवजी का सुवाक्य-पु० [सं०] सुन्दर वाक्य । -वि० सुन्दर वाक्य बोलने एक नामान्तर । ९ श्वास सांस । वाला, सुवक्ता। सुवासरणी, सुवासणी-देखो 'सवासणी' (णो) सुवाग-देखो 'सुहाग'। सुवासमंद-पु० कदम। सुवागरण-देखो 'सुहागरण' । सुवासव-पु. चंदन । सुवागयाळ-देखो 'सुहागथाळ' । सुवासि-देखो सुवास'। सुवागो-पु. १ सुन्दर पहनावा, सुन्दर वेश । २ देखो 'सुहागौ। | सुवासिण-देखो 'सवासणी'। सुवाइणो (बो)-देखो 'सवारणो' (बो)। सुवासिणि (णी)-वि० १ खुशबूदार, सुगंधित । २ देखो सुवाड़ी-स्त्री० [सं० सूता] सद्य प्रसूता गाय, भैस मादि । 'सवासणी'। सुबाड़ीजान-स्त्री. दूध-पीते बच्चे की बारात । सुवासी-वि० [सं० सुवासिन] १ किसी अच्छे मकान या स्थान सुवाट-स्त्री. प्रच्छी राह, अच्छा मार्ग । | में रहने वाला । २ देखो 'सुवास' । सुवाणो-देखो 'सुहाणो'। सुवाह-पु० [सं०] अच्छा घोड़ा, मच्छो नस्ल का अश्व । सुवारणी (बो)-क्रि० १ सोने के लिये प्रेरित करना, सुलाना। सुवि-भब्य सभी, सब, समस्त । २ सुलाना, लिटाना। ३ बच्चे को धपकी देकर सुलाना। सुविख्यात-वि० [सं०] जो मच्छे गुण, योग्यता व चरित्र के ४ अपने साथ लिटाना, पास में लिटाना, हमबिस्तर | लिये प्रसिद्ध हो, प्रतिष्ठित । करना। ५ मार गिराना । ६ विश्राम या पाराम कराना। सुविग्य-वि० [स० सुविज्ञ] १ पंडित, विद्वान । २ अच्छा ७ पटकना। ८ देखो 'सुहाणी' (बी)। अनुभवो। ३ बुद्धिमान, चतुर । सुवाब-देखो 'स्वाद। सुविचार-पु० अच्छा व उत्तम विचार, नेक इरादा। सुवाद्य-पु. श्रेष्ठ व उत्तम वाद्य । सुविधा-स्त्री० [सं०] १ पाराम, सुख । २ काम करने या रहने सुवापी-स्त्री० जर्दे के साथ चूना मिला कर खाने योग्य बनाने | की ऐसी व्यवस्था जिसमें कोई कष्ट या दिक्कत मालूम न की क्रिया। पड़े। सुवायंत-स्त्री० शान्ति, तसल्ली। सुविनीत-वि० [सं०] १ विनम्र, बहुत ही नम्र । २ सुशिक्षित । सुवाय, सुवायो-देखो 'सवायो' । सुविसाल-वि० [सं० सुविशाल] जो प्रत्यन्त बड़ा तथा भव्य हो। सुवार-क्रि०वि० [सं० श्वः] १ पाने वाला कल, भागामी सुविसाला-स्त्री० [सं० सुविशाला] स्कन्द की अनुचरी एक दिवस । २ प्रातःकाल, सवेरा। ३ देखो 'संवार'। मातृका।। ४ देखो 'सवार'। सुविहारण-पु० शुभ सबेरा, उत्सम दिन । सुवारणो(बो)-क्रि. १ तराशना । २ देखो 'संवारणों' (बो)। सुविहि-स्त्री० [सं० सुविधि] अच्छी विधि, सुविधि । सुवारच-देखो 'स्वारथ' । सुविहित-वि० सुव्यवस्थित । सवारपी-देखो 'स्वारथी'। सुवीर-पु० [सं०] १ स्कन्द का एक नाम । २ शिव का एक सवारां, सुवारि, सुवारी, सुवारे, सुवारे-क्रि०वि० [सं० श्वः] नामान्तर । ३ उत्तम व श्रेष्ठ योदा । ४ देखो सौवीर' । कल । -पु. १ पाने वाला अगला दिन, कल । २ प्रातः सुवीरक-देखो 'सौवीरक' । काल । सुवेण-पु० सुन्दर व मृदु वचन । सुवाळ-स्त्री० सुन्दरबाला, सुबाला । | सुवेता-पु० [सं० सवित] सूर्य, सूरज । For Private And Personal Use Only

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