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सुलक्षणी
( ८२६ )
सुलेख
व्यवहार । -वि०१ विद्वान, पंडित, कवि । २ सुन्दर, मनोहर। ४ प्रत्यक्ष । ५ जिसमें कोई घेराव न हो, जो टेढा-मेढ़ा न हो। सुलक्षणी-वि० [सं० सुलक्षणं] (स्त्री० सुलक्षणी) १ भाग्य सुळणौ (बो), सुलगी (बी)-क्रि० १ लकड़ी या अनाज प्रादि
संबंधी पच्छे लक्षणों वाला, शुभ लक्षणा, भाग्यशाली । में कीड़े पड़ना, कीड़ों द्वारा खाया जाना । २ अधिक दिन २ अच्छे स्वभाव व गुण वाला। ३ चतुर, निपुण व तक पड़ी वस्तु का खराब होना, बेकार होना । ३ कमजोर व्यवहार कुशल । ४ सुन्दर, मनोहर । ५ विद्वान, पंडित ।। होना । ६ कवि । ७ सीधा, सरल ।
सुळताण सुलताण-पु० [फा० सुल्तान] १ बादशाह, सम्राट । सुलखण-देखो 'सुलक्षण'।
२ शासक। सुळखणु, सुलखरणो-देखो 'सुलक्षणों' । (स्त्री० सुलखणी) सुळतांणी, सुलतांणी-स्त्री० [फा० सुल्तानी] बादशाहत, सुलख्खण, सुलख्यण-देखो 'सुलक्षण'।
शासन । सलगणो-वि० (स्त्री० सुलगणी) १ शीघ्र जलने वाला, ज्वलन- | सुलता-देखो सलिता'। शील । २ भली प्रकार प्रकुरित होने वाला।
सुलप-वि० [सं० स्वल्प] सूक्ष्म, छोटा । सळगणी (बौ)-देखो 'सिळगणी' (ग)।
| सुळफ, सुलफ-वि० १ श्वेत, सफेद । २ साफ, सुन्दर । ३ देखो सुळगाणी (बो), सुळगावरणी (बो)-देखो "सिळगाणो' (बी)। | 'सुलफो' । सुलान, सुलग्नी-पु० [सं० सुलग्न] ज्योतिष के अनुसार श्रेष्ठ | सुळफसिला-स्त्री० स्फटिकशिला। ____ लग्न ।-वि० बेष्ठ लग्न वाला।
सुलफी-स्त्री० अर्दा या तम्बाखु पीने की चिलम । सुलच्छरण-देखो 'सुलक्षण'
सुलफेबाज-वि० [फा० सुल्फ-बाज] गाजा या चरस पीने का सुलच्छणो-देखो 'सुलक्षणो' ।
पादी। सुलछ, सलछण-देखो 'सुलक्षरम'।
सुलफो-पु० [फा० सुल्फ] तम्बाखू या गांजे की तरह चिलम में सुळस, सुळमण-स्त्री०१ सुलझने की क्रिया या भाव । २ उल. | भर कर पीने का एक नशीला पदार्थ । झन का विपर्याय ।
सुलभ, सुलभ-वि० [सं० सुलभ] १ ओ सहज ही उपलब्ध सळारणी (बी)-क्रि० १ किसी प्रकार की उलझन से मुक्त होना, हो, जो प्रासानी से मिल सके । २ सहज, पासान, सुगम ।
छुटकारा पाना । २ किसी प्रकार की गुत्थी, जटिलता या | ३ उपयोगी, लाभकारी। ४ सीधा, सयाना। पेचीदगी मिटना, समस्या का समाधान होना । ३ किसी | सुलभता-स्त्री० [सं०] १ सरलता, पासानी, सुगमता। गूढ़ विषय का प्राशय समझ में पाना, समझना । ४ भ्रम | २ उपयोगिता। का निवारण होना, भ्रम मिटना। ५ रस्सी डोरे, तार | सुलभौ-देखो 'सुलभ'। प्रादि की गुत्थियां मिटना, गुत्थी खुलना । ६ झगडे का | सुललित-वि० [सं०] अत्यन्त सुन्दर । निपटारा होना, फैसला होना। ७ किसी प्रकार के बधन सुललोतर-पु० शुभ लक्षण । से मुक्त होना ।
सुलव-पु० [सं० शुल्व] तांबा, ताम्र। -वि० सूक्ष्म, बारीक । सुळझाड़, सुळझाडी-पु. १ जब किसी प्रकार की उलझन न | सुळसुळ, सुळसुळाहट-स्त्री. १ कानाफूसी, फुसफुसाहट ।
हो, सुलझी हुई स्थिति । २ साफ-सफाई, स्पष्टता, २ अफवाह, जनश्रुति।।
३ फंसला, निपटारा । ४ किसी समस्या का समाधान । | सुलह-स्त्री० [फा०] १ संधि, समझौता। २ मेल-मिलाप । सळमाणी (बी), सुलझावणो (बी)-क्रि० १ किसी प्रकार की -नामो-पु. संधिपत्र ।
उलझन दूर करना, उलझन मिटाना। २ किसी प्रकार | सुलाणो (बो), सुलावरणौ (बो)-क्रि० १ शयन कराना, मुलाना, की गुत्थी, जटिलता या पेचीदगी मिटाना, समस्या का सोने के लिये प्रेरित करना। २ मधुन या संभोग के लिये समाधान करना । ३ किसी गूढ़ विषय के पाशय को साथ में लिटाना। समझाना, स्पष्ट करना, व्याख्या करना । ४ भ्रम निवारण | सुळावख-देखो 'साळाबक' । करना, दूर करना । ५ किसी तार, डोरे, रस्सी प्रादि में सुलितांण (न)-देखो 'सुळताण' । पड़ी गुत्थियों को निकालना, गुत्थियां खोलना, सुलझाना । | सुळियोड़ो-वि० १ जिसमें कीड़े पड़ गये हों, कीड़ों द्वारा खाकर ६ किसी प्रकार के बंधन से मुक्त करना । ७ झगड़ा निप- खोखला किया । २ निरर्थक, बेकार । टाना, फैसला करना।
सुलूक-देखो 'सलूक'। सुलटो, सुलट्टी-वि० (स्त्री० सुलटी) १ सीधा, सौंधा, भौंधे का सुलेक-पु० [सं०] एक मादित्य का नाम ।
विपर्याय । २ उचित, सीधा, ठीक । ३ उल्टे का विपरीत । | सुलेख-पु० [सं०] सुन्दर लिखावट, अच्छे प्रक्षर ।
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