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सुकविय
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( ८०१ )
सुकप्रिय सुकप्रिया स्त्री० [सं० शुकप्रिय ] धनार, दाम । सुळाकारी पु० एक प्रकार का शुभ हों वाला घोड़ा सुकमार - देखो 'सुकुमार' ।
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सुकमारता- देखो 'सुकुमारता' ।
सुकाळ (१) रुपाली (बी) देखो 'कोम' सुकमुख - वि० [सं० शुक्र-मुख] १ जिसका मुख तोते के समान हो । २ टेढ़ा, वन, कुटिल । पु० तोते का मुख । सुकर पु० १ दरी माला २ हाथ कर वि० १ सहन सरल । २ सहज, साध्य । ३ देखो 'सु' । ४ देखो 'सूवर' सुकरणी पु० [सं० सु-कर्मन् ] अच्छा कार्य शुभ कार्य सुरत देखो 'सूत'।
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सुकरतळ - पु० छप छन्द का ३५ वां भेद ।
सुति सुकरी-देखो 'क'
सुकरन - पु० [सं० सुकर्मन् ] अच्छा कार्य, सत्कर्म ।
सुरमा वि० [सं०] सुकमित्] प्रच्छा कार्य करने वाला कर्ता ०१ विष्कंभ यादि २७ योगों में से सातवां
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योग (ज्योतिष) २ विश्वकर्मा ३ विश्वामि । सुकरमी वि० [सं० सुकर्मी ] १ अच्छा कार्य करने वाला । २ जिसका कर्म या भाग्य अच्छा हो । ३ पुण्यात्मा, सदाचारी ।
देवो''।
सुकरवार पु० [सं० शुक्रवार]] शुक्रवार सुकरांणी- पु० १ किसी कार्य में सहयोग करने वाले के प्रति कृतज्ञता प्रगट करने का भाव या शब्द । २ कृतज्ञता के रूप में दिया जाने वाला धन ३ राजा मा जागीरदारों द्वारा लिया जाने वाला कर विशेष । ४ मकान की खिड़की या दरवाजे सबंधी कर विशेष ।
सुरि०वि० [१] शीघ्र जल्दी २ देखो 'कर' |
सुरिस्ट - go सूर्य, भानु ।
नंबर
सुकळ, सुकल- वि० [सं० सकल] १ कोमल, मधुर व प्रस्फुट शब्द करने वाला । २ प्रपने धन का सदुपयोग करने वाला। [सं० शुक्ल ] ३ साफ, स्वच्छ, उज्ज्वल । ४ श्वेत, सफेद, धवल । ५ चमकीला, चमकयुक्त । ६ पवित्र, उत्तम । ७ सत्त्व गुणों से संबंधित, सात्विक ८ दोष रहित, निर्दोष 8 शुभ लाभकर १० प्रकाशवान, प्रकाशयुक्त। - पू० १ ब्राह्मणों का एक वर्ग या पदवी । २ देखो 'कळप' । ३ घोड़े के तालू व कण्ठ में होने वाली भंवरी जो शुभ मानी जाती है।
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पांगदेखी 'सुयोग'
सुकळपक्ष (पख, पण ) - पु० [सं० शुक्ल पक्ष ] प्रत्येक मास का भ्रमावस्या के पश्चात् से पूर्णिमा तक का समय मास का उत्तराद्धं ।
सुकळांग, सुकलांग वि० [सं० शुक्ल अंग] १ गौर वर्ण ।
२ देखो 'सक्लांग' ।
सुळांवर कांदेवो''
सुळी सुकलो-देखो 'सुकुली' । कब देखो [कवि
देखो''।
सुकी स्त्री० [सं०] मी मीन
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सुकळी, सुकलीए, सुकळीणी, सुकळीणौ, सुकलीरणो सुकलीन देखो 'सुकुलीण' । को देख सुक्लाब
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सुकवाह, सुकवाहरण. सुकवाहन - पु० [सं० शुकवाहन ] तोते पर सवारी करने वाला, कामदेव |
सुखमा
सुकवि, सुकवी - पु० [सं० सुकवि] १ उत्तम काव्यकर्त्ता, प्रच्छा
कवि । २ चारण । ३ पण्डित |
अच्छा समय । ३ प्रचुरता, बहुतायत । सुकावरणी (बो) - देखो 'सुखाणी' (बो) । सुकित्ति - देखो 'सुकीरति' । सुकिय- देखो 'स्वकीय' । सुकिया - देखो स्वकीया' ।
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सुकसार स्त्री० महतो, मोन ससारिका स्त्री०यौ० तोता-मैना । सुकसारंकाप्रलापण, सुकसारिकाप्रलापण (न) - पु० [सं० शुकसारिका प्रलापन] १ तोता-मैना को पढ़ाने की क्रिमा | २ स्त्रियों की ६४ कलानों में से एक । सुकाअ - पु० [सं० सुकार्य ] १ भलाई, उपकार । २ यश, कीर्ति । ३ अच्छा कार्य । - क्रि०वि० लिए हेतु । सुकाणी (दो) देखो 'खाणी' (बो)। सुकात वि० नष्ट होने वाला, नश्वर ।
कालिज पु० [सं०] शुक्ति) मोती ।
का सुकाय-वि० १ बड़े धाकार का, दीर्घकाय । २ सुन्दर व श्रेष्ठ शरीर वाला । ३ दृढ़, मजबूत, सशक्त ।
सुकाळ, सुकाल-पु० [सं० मुकाल] १ दुष्काल का उल्टा, सुभिक्ष, प्रकाल का प्रभाव। २ कृषि उपज की दृष्टि से
सुकियाअरथ, सुकियारथ, सुकियारथी- देखो 'सुक्यारथ' । सुकिरत, सुकिरति, सुकिरिति-देखो 'सुकीरति' । सुकिल - पु० शुक्ल पक्ष । सुकीया- देखो 'स्वकीया' ।
"forget" () सकुन - देखो 'सकुन' |
सुकीरत, सुकीरति, सुकीरती स्त्री० [सं० सुकीर्ति ] १ मच्छी ति, सुयश, कीर्ति । २ सराहना बड़ाई । सुकुड़गो (बो), सुकुड़ाणों (बो), सुकुड़ावरणो (बो)- देखो
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