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सुप्रटो
( ८०० )
सुपिच्छक
-पु०७ घोड़ा, अश्व । ८ नख, नाखून। ९ गधा । 'सूचि'। ४ देखो 'म.ति' । १० समूह, झुण्ड । ११ मोर की तेज आवाज, कुहुक । | सुए-देखो 'सो'। [सं० सु] १२ रवि, सूर्य । १३ ध्वनि, पावाज । सुऍन-पु० सूर्य, रवि । १४ कुल्हाड़ी, कुठार । १५ परशु । १६ तीर । १७ छेदन । सुऔ-देखो 'सूवो' । १८ सुथार, बढ़ई । १९ सुन्दरता । २० उन्नति, प्रगति । सुग्रीरोग-पु० सूतिका रोग। २१ मानन्द, प्रसन्नता । २२ समृद्धि । २३ पूजा, पर्चना। सुकट, सुकंठ-पु. [सं० सुकण्ठ] १ बाली के भाई सुग्रीव वानर २४ कष्ट, तकलीफ । २५ अनुमति, माज्ञा, सहमति । का एक नाम । २ सुरीली या मीठी पावाज । -वि० १ मच्छा, भला । २ अच्छा, बढ़िया । ३ श्रेष्ठ, सुकंठी-वि०१ सुरीली व मीठी मावाज वाला । २ देखो 'सुकंठ'। सर्वश्रेष्ठ। ४ उत्तम, पवित्र । ५ सुन्दर, खूबसूरत । सुक-पु० [सं० शुक:] (स्त्री० सुकी) १ तोता, कीर, सुग्गा । ६ सहज, सरल, पासान । ७ उचित, उपयुक्त । ८ अधिक, २ रावण का एक अमात्य । ३ सोच, फिक्र । ४ कई प्रत्यधिक, खूब । -सव० १ स्व, अपना । २ उन, उन्हें, सुगधित पदार्थो का मिश्रण । ५ फलित ज्योतिष का एक उन्होंने। ३ वह, वे, सो। -क्रि० वि० १ संज्ञावाची योग। ६ देखो 'सक्र' । ७ देखो 'सुखदेव' । ८ देखो सुक्र' शब्दों के साथ कर्मधारय भोर बहुव्रीहि समासों में एवं | देखो 'सुख'। विशेषणों के साथ काम में लिया जाने वाला एक प्रव्यय | सुकड़णी (बी), सुकड़ाणी (बी), सुकड़ावणी (बी)-देखो शब्द । २ भली भांति, अच्छी तरह। ३ सरलतापूर्वक, _ 'सिकुड़णों' (बो)। सहज ही। ४ इसलिये । ५ ही। ६ पादपूरक वर्ण। | सुकचरण-देखो 'संकुचरण' । ७ देखो 'सु' । ८ देखो 'इसु'।
सुकचाणो (बो)-देखो 'संकुचणो' (बी)। सुप्रटो-देखो 'सूबटो।
सुकच्छ, सुकछ-वि० [सं० सु+कच] १ पच्छे केशों वाली। सुपरसो (बो)-देखो 'सूवणों' (बौ)।
. [स० सु-कक्ष] २ सुन्दर कक्ष वाली । ३ सुन्दर वस्त्रों वाली। सुप्रन-पू० [सं० सूनु] पुत्र, बेटा।
सुकजारणी (बो)-देखो 'संकुचणी' (बी)। सुपर (ो)-देखो 'सूवर'।
सुकटि-वि० [सं०] जिसको कमर सुन्दर हो, पच्छी कमर वाली। सुपरवंती-पु. एक प्रकार का हाथी जिसके दांत नीचे की ओर -स्त्री० १ अच्छो कमर, सुन्दर कमर । २ सुन्दर कमर ___झुके रहते हैं।
वाली स्त्री। सुनामी-देखो 'सामी'।
सुकतज, सुकतिज-देखो 'सुक्तिज' । सुपागत-देखो 'स्वागत'।
सुकतड, सुकतुंड-पु० [सं० शुक्रतु'ड] । तोते की चोंच । सुपाड़ी-देखो 'सुवाड़ी'।
२ तांत्रिक पूजा में हाथ की एक मुद्रा। -वि० सुन्दर नाक सुमार-पु० १ नापित, नाई, हज्जाम । २ देखो 'संवार'। वाला। सुमारथ-देखो 'स्वारथ'।
सुकथ, सुकथन-पु. [सं० सुकथन] १ गुण-कथन, कीर्तिगान । सुप्रारथी-देखो 'स्वारथी'।
२ कीति, यश । ३ अच्छी बात, चर्चा । ४ कहने का सुधारव-वि० मधुर बोलने वाला।
सुन्दर ढंग। सुमाल-पु. [40] १ खांसी। २ देखो 'सवाल'। | सुकवायक-देखो 'सुखदायक' । सुप्रासन-पु० [सं०] १ बैठने का अच्छा प्रासन । २ बैठने का सुकदेव-पु० कृष्ण द्वैपायन व्यास के पुत्र, एक मुनि । पच्छा ढंग।
सुकन-वि० [म. सु+कर्ण] जिसके कान सुन्दर हों। -पु. सुमाहित-पू० [सं०] तलवार के बत्तीस हाथों में से एक हाथ। १ सन्दर कर्ण, कान । २ देखो 'सुगन'। तलवार का एक दाव ।
सुकनाई-देखो 'सृगन'. सह-१ देखो 'सूई'। २ देखो 'सुचि'। ३ देखो 'सति'। सुकनाधिप, सुकनाधिपत, सुकनाधिपति, सुकनाधिपती-पु. ४ देखो 'सो'।
. [सं० शकुन-अधिपति] पक्षिराज गरुड़ । सुइच्छा-स्त्री० [सं०] १ पच्छी भावना, सद्भावना । सुकनी-स्त्री० [सं० सुकन्या] १ पुत्री, कन्या । २ देखो सकुनि' । २ स्वेच्छा, अपनी इच्छा।
३ देखो 'सुगनी'। सुइणी (बी)-देखो 'सूवणो' (गे)।
सुकन्या-स्त्री० [स.] 1 राजा ययाति की पुत्री जो च्यवन सुइयो-देखो 'सूवौ' ।
ऋषि की पत्नी थी। २ शुभ गुणों वाली कन्या। सुई-पु० [सं० सूचिक] १ दर्जी। २ देखो 'सूई'। ३ देखो | सुकपिच्छक-पु० [सं० शुकपिच्छक] गन्धक ।
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