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सीघ्र
। ७६४ )
सीतलास्टमी
सीघ्र-वि० [सं० शीघ्र] १ पविलम्ब, तुरन्त, शीघ्र। २ फटाफट, ३ सर्दी, शीत । ४ शरद ऋतु। ५ लताओं का कुज।
चटपट । -क्रि०वि० तेजी से। -पु० १ पृथ्वी के दो भिन्न- -वि. १ ठंडा, शीतल । २ मुफ्त, निःशुल्क । ३ देखो भिन्न स्थानों से ग्रहों को देखने में भाने वाला अन्तर । 'सीता' । ४ देखो 'सीतजुर'।' २ एक सूर्यवंशी राजा।
सीतअंसु-देखो 'सीतांसु' । सीघ्रकारी-वि० [सं० शीघ्रकारिन] १ शीघ्रता करने वाला। सीतकटिबंध-पु० [सं० शोतकटिबंध] पृथ्वी के उत्तर व दक्षिण २ फुर्तीला । ३ शीघ्र प्रभाव करने वाला।
के भूखण्ड विशेष (भूगोल)। सीप्रकोपी-वि० [सं० शीघ्रकोपिन] १ शीघ्र क्रोधित होने | सीतकर-पु० [सं० शीतकर] शीतल किरणों वाला, चन्द्रमा । वाला । २ चिड़चिड़े स्वभाव वाला।
. -वि० १ ठंडा करने वाला । २ ठंडदायक, शीतल । सीघ्रता, सीघ्रताई-स्त्री० [सं० शीघ्रता] जल्दबाजी, उतावली, सीतकाळ-पु० [सं० शीतकाल] शीतकाल, हेमत ऋतु। शीघ्रता ।
सीतजुर (जुबर, ज्वर)-पु० [सं० शीतज्वर] जूड़ी लगकर पाने सौघ्रपान-पु० [स० शीघ्रपतन शीघ्र स्खलित होने की अवस्था, वाला बुखार, ठंडा ज्वर, मलेरिया। म्तभनशक्ति का प्रभाव ।।
सीतता-स्त्री० शीतलता, ठंडक । सोड-स्त्री० १ बकरी के बालों को बनो पतलो डोरी। -पु० सीतनाथ-देखो 'सोतानाथ' । २ सांड, बल।
सीतपत (पति, पतो)-१ देखो 'सीतापति' । २ देखो 'सीतपित्त'। सोचारण (न)-देखो "सिंचांणो'।
सीतक्ति, सीतपित्त-पु० [सं० शीतपित्त] एक प्रकार का सीचारणी-पु० १ एक प्रकार का घोड़ा। २ देखो 'सिचाणो'। भयंकर रोग । सीजणी (बी), सीझरणी (बी)-क्रि० [सं० सिद्ध] १ प्राग की । सीतप्रसाद-पु० किमी साधु भादि के भोजन का उच्छिष्ट भाग ।
प्रांच पर पकना, परिपक्व होना। २ तपस्या करना, सीतभारण (भान, भानु)-पु० [सं० शीतभानु] चन्द्रमा का तपना। ३ सिद्ध होना, सकल होना। ४ जलना, भस्म | एक नाम। होना। ५ कमजोर होना, बलहीन होना। ६ कष्ट, दु:ख सीतरित, सीतरितु-स्त्री० [सं० शीत ऋतु] हेमन्त ऋतु । प्रादि सहन किया जाना । ७ झुलसना ।
सीतरू ख. सीतरूख-पु० चन्दन । सोमाणी (बो)-क्रि० १ पकाना, परिपक्व करना, कराना। सीतळ, सीतल-पु० [सं० शीतल] १ चन्दन । २ मोती।
२ तपस्या करने के लिये प्रेरित करना । ३ सिद्ध करना, ३ चन्द्रमा । ४ कपूर। ५ पदकाठ। ६ बर्फ। ७पीत सफल करना। ४ जलाना, भस्म करना । ५ कष्ट देना। चंदन । ८ एक प्रकार का व्रत। -वि० १ ठंडा, शीतल । झलसाना।
२ जिसमें जोश का प्रभाव हो । ३ प्रसन्न, खुण । ४ संतुष्ट । सीमातर-देखो 'सम्यातर'।
५ देखो 'सीतलनाथ'। सीट-स्त्री० [अ०] १ बैठने का स्थान, जगह । २ प्रासन, मद्दी। सीतळचोरणी-स्त्री० कबाब चीनी। सोटकी-स्त्री० पतली, टहनी ।
सीतळता, सीतळताई-स्त्री० [सं० शीतलता] १ ठंडक, तरी, सोटी-स्त्री० [सं० शीत] १ जीभ को सिकोड़ कर मुह से हवा नमी । २ शांति, संतोष । ३ जड़ता।
फेंकने पर उत्पन्न महीन तेज ध्वनि । २ इसी तरह की | सोतळनाथ-पु० [सं० शीतलनाथ] जैनियों के वर्तमानकालीन प्रावाज से बजने वाला खिलौना या बाजा। ३ किसी दश तीथ कर।। विशिष्ट क्रिया से उत्पन्न होने वाली ऐसी ही ध्वनि । सोतळपुहरण-पु० [सं० शीतला-प्रवहण] रासभ, गधा । ४ निर्धारित समय पर नियमित रूप से बजने वाला भोंपू । सीतळप्रसाद-देखो 'सीतप्रसाद' । [अ०] ५ नगर, शहर ।
| सीतळप्रहण-देखो 'सीतळपुहण' । सीडी, सोढ़ी-स्त्री० [सं० निश्रेणी] १ जीना, सोपान, निसनी, सीतळरूख-पु० चदन वृक्ष ।
पेडियां। २ जीने की तरह बना लकड़ी प्रादि का उप- सीतळा-स्त्री० [सं० शीतला] १ विस्फोटक रोग विशेष, चेचक । करण। ३ बास ब खपचियों की बनी अर्थी, शवयान । २ उक्त रोग की अधिष्ठात्री देवी। ३ नीली दूब ।
४ क्रमशः विकास या उन्नति की अवस्थाएँ (लाक्षरिणक)। सीतळावाह, सीतळावाहरण-पु. [स. शीतला-वाहनं] शीतला सीणो-पु० १ सीने का कार्य, सिलाई। २ देखो 'सीरणो'। देवी का वाहन, गधा। (स्त्री० सीणी)
| सीतलास्टमी-स्त्री० [सं० शीतलाष्टमी] चैत्र मास के कृष्ण पक्ष सोतंसु, सीतंसू-देखो "सितासू' ।
की अष्टमी तिथि, जिस दिन शीतला देवी की पूजा की सीत, सीत-पु. १ पागलपन, सनक । २ सन्नोपात रोग।। जाती है।।
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