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सिधुश्री
सिंधु- देखो 'सिंधु' ।
सिंधूप्रसूत-देखो 'सिंधुजात' ।
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राजा का नाम १० एक प्राचीन देश एक राग । १२ श्वेत सुहागा। १३ १४ नदी सरिता । १५ सात की संख्या । - वि० सिंधुप्रो - ०१ सिंधुदेशोत्पन्न घोड़ा । २ देखो 'सिंधु' । सिधुकन्या स्त्री० [सं०] लक्ष्मी
सिंधुकुला ( कुल्या) - स्त्री० [सं० सिधुकुल्या ] नदी । सड़क, सिपुड़ी-१ देखो 'सिंधु' २ देखो 'सिधी' । सिंधुचरी - स्त्री० [सं०] मछली, मीन । सिंधुज, सिंधुजन्मौ-पु० [सं० सिन्धुज, सिंधुजन्मा] १ चन्द्रमा, शशि । २ सेंधा नमक । वि० १ समुद्र या सिंधु से उत्पन्न । देश से उप ।
२
सिंधुजा स्त्री० [सं०] लक्ष्मी
सिधुजात - पु० [सं०] १ प्रश्व, घोड़ा । २ समुद्र मंथन से निकले चौदह रत्नों में से एक । ३ शराब, मदिरा । सिंधुदेस- देखो 'सिंधु' |
सिंधुवेभव पु० [सं० सिंधुदेशभव ] सेंधा नमक ।
सिंधुव० [सं०]] धगस्त्य ऋषि का एक नाम। सिंधुपुत्र सिधुसुत-देखो 'सिंधुजात' ।
सिंधुर - पु० [सं०] १ हाथी, गज २ नदी । ३ पाठ की संख्या सिवाड़, सिवाड़ी-देखो 'सीमाड़ी' । सिधुरवर पु० ष्ठ नर
श्रेष्ठ ।
( ७७८ )
११ वीररस पूर्ण कोई बड़ी नदी ।
सिंधूराग- पु० वीररस पूर्ण राग । सिंधूरी स्त्री० एक रागिनी विशेष ।
सिंधुरमणि पु० [सं०] गज मुक्ता ।
सिंधुरवचन पु० [सं०] गणेश गजानन
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सिंधुराग पु० वीररस पूर्ण राग ।
सिंधुवी- पु० युद्ध का वाद्य, वीररस का वाद्य
सिधुसुत पु० [सं०] १ चौदह रत्नों में से कोई एक । २ चन्द्रमा । ३ जलंधर नामक राक्षस जिसे शिव ने मारा था । सिंधुसुता स्त्री० १ लक्ष्मी । २ सीप ।
१०. सुन्दर ।
सिधूमव पु० [सं० सिधुव] १ सेंधा नमक २ समुद्र से उत्पन्न होने वाले चौदह रत्नों में से एक ।
सिध्या- देखो 'संध्या'
सिनेह देखी 'सनेह'
सिन्यास देखो संग्यास' |
सिपा- देखो 'संपा' |
सिवनी. फसी ।
सिबी स्त्री० [सं० शिम्बा या शिम्बिका ] फली । सिम देखो 'संधु'
सिमजियत, सिमीत (जीवत) - देखो 'जीयततंभ' | सिंभरि पु० सांभर ।
सिभु, सि. सिमी १ देखो 'भु' २ देखो 'संब' । सित-१ देखो 'समर' २ देवो 'स्म्रति'। सिति-देखो 'ति' ।
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वासर स्वी० कृषकों की इष्ट देवी। सियारी- पु० एक प्रकार की लोहे की छड़ ।
सिपाह पु० १ पारी के पानी की रोक लिये बनो मेड़ २ देखो 'स्रगाळ' |
सिंहनाव
सिटणी (बो) - देखो 'सिमटणी' (बो) । सवर (बी) देखो 'सुमरणी' (वो) |
सिबरी स्त्री० [भड़बेरी के काटों का बैलगाड़ी में भरने लायक ढेर, गोला ।
विल स्त्री० गाड़ी प्रादि के जुए के छोर में फंसाई जाने वाली खूंटी या छोटी लकड़ी । सिसो० थोड़े की गर्दन के दाहिनी घोर पीठ पर बनी भंवरो ।
सिवाई [स्त्री० १ कपड़े की सिलाई २ सिलाई का पारिश्रमिक
सिवाळ पुं० [सं० शैवाल] १ पानी पर फैलने वाला एक प्रकार का बारीक घास । २ फफूंदी।
सिपी - पु० [सं० शिशपा] १ शीशम का वृक्ष । २ प्रशोक वृक्ष । सिसार देखी 'ससार'।
सिंहगृहास्पी० सिंह की गुफा
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सिंधुसुधन पु० [सं० सिंधु सूनुः] १ चन्द्रमा, चांद २ समुद्र से सिहगोस पु० एक जानवर विशेष ।
निकलने वाले चौदह रत्नों में से कोई एक
सिसुमा स्त्री० [सं० शिशुमा ] श्रीकृष्ण की रानी सुकेशी का एक नामान्तर ।
सिसुपार पु० [सं० शिशुमार ] एक प्रकार का जल जंतु । सिंह- देखो 'सिहंड' ।
सिंह - पु० [सं०] १ राजा । २ हवा, पवन । ३ सिंह, मेर, बाघ । - वि० १ योद्धा, वीर । २ श्वेत । ३ श्याम ४ धु ंधला । ५ श्रेष्ठ, शिरोमणि । ६ देखो 'सिंध' । सिंहकेतु-पु० [सं०] वेदि देश का एक राजकुमार सिंहकेसर पु० सिंह की गर्दन के बाल
सिहच निसांसी स्त्री० निसाली इन्द का एक भेद विशेष सिंहचलो, सिहचाली-पु० डिंगल का एक गीत विशेष । सिहड - देखो 'सिड' |
सिंहली स्त्री० १ प्रार्या या गाथा छन्द का एक भेद २ सिंह की मादा, शेरनी
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सिंहदवार (दुवार, द्वार) - पु० [सं० सिंहद्वार ] मुख्य द्वार, तोरणद्वार । सिह्नाव स्त्री० [सं०] १ सिंह की दहाड़, गर्जना २ वीरों की हुंकार -पु० ३ रावण का एक पुत्र ।