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सिवाळ
। ७९१ )
सिस्त
सिवाळ-देखो 'सिंवाळ'।
मण्डल सहित, सौर जगत । सिवालय, सिवाळी-पु० [सं० शिवालय] शिव का मन्दिर। सिसवदनी-देखो 'ससिवदनी' । सिवाळी-पु० [सं० शैवाल] कुछ हल्के रंग वाला एक प्रकार का | सिसर-१ देखो 'सुसिर'। २ देखो "सिसिर'। मरकत या पन्ना।
सिसलो-पु. खरगोश । सिवि-पु० [सं० शिबि] राजा उशीनर का पुत्र का एक राजा। सिसहर (हरि, हरी)-१ देखो 'ससधर'। २ देखो "सिसिर । -वि० [सं० सर्व] सब, समस्त ।
सिसहुर-पु. शंख, कबु । सिविका-स्त्री० [सं० शिविका] पालकी, डोली।
सिसि-देखो 'ससि। सिविता-देखो 'सविता'।
सिसिगोत (गोति, गोती)-देखो 'ससिगोती'। सिविर-पु० [सं० शिविर] १ डेरा, खेमा । २ सेना का पड़ाव, | सिसियो-देखो 'सस' । छावनी । ३ किला, कोट ।
सिसिर-स्त्री० [सं० शिशिर] १ माघ व फाल्गुन मास की ऋतु, सिविहि, सिवी-देखो 'सिवि' ।
षड्ऋतुप्रों में से एक । २ शीतकाल, जाड़ा । सिसंक-देखो 'ससांक'।
सिसिवदनी-देखो 'ससिवदनी'। सिस-१ देखो 'ससि'। २ देखो "सिसु' । ३ देखो 'ससा'। सिसिवौं-वि० १ धनाढ्य, पैसे वाला, अमीर, सम्पन्न । २ हृष्ट४ देखो 'सोसा'। ५ देखो "सिस्य' ।
पुष्ट, मोटा-ताजा। सिसकणो (ग)-देखो 'ससकरणो' (बी)।
सिसिसहोदर, सिसिसहोवर-पु० [सं० शशि-सहोदर] शंख । सिसकांनो-स्त्रो. एक प्रकार की बन्दूक ।
सिसिहर-देखो 'ससघर'। सिसकार-देखो "सिसकारी' ।
सिसी-देखो 'ससि। सिसकारणो (बी)-क्रि०१ सर्दी या पीड़ा के कारण मुह से सिसीहर-१ देखो 'ससधर' । २ देखो 'सिसिर' ।
सी-सी शब्द करना, सीत्कार करना। २ रतिक्रिया में | सिसु-पु० [सं० शिशु] छोटा बच्चा । नायिका का सीत्कार करना। ३ मुह से निश्वास छोड़ना। सिसुचांद्रायण-पु० [स• शिशुचांद्रायण] एक प्रकार का व्रत ।
४ ताड़ना या संकेत देने के लिये सी-सी करना। सिसुता, सिसुताई-स्त्री० बचपन । सिसकारी, सिसकारी-स्त्री. १ रतिक्रिया के समय, नायिका का सिसुनामो--पु. ऊंट।
सीत्कार । २ सर्दी, पीड़ा मादि के कारण मुंह से निकलने | सिसुनाग-पु. एक राक्षस का नाम । वाला 'सी-सी' शब्द । ३ विश्वास, सीत्कार । ४ ताड़ना या सिसुपाल-पु० [सं० शिलुपाल] चेदि का एक राजा, जो श्रीकृष्ण बुलावे प्रादि का एक संकेत ।
द्वारा मारा गया। सिसको-स्त्री०१ रुक-रुक कर रोने की क्रिया या भाव। सिसुमार-पु० १ जल मानस । २ मकर की प्राकृति वाला २ रोने स बंधने वाली गिग्गी। ३ सिसकारी।
नक्षत्र समूह। सिसट-१ देखो 'स्रस्टि'। २ देखो सिस्ट'।
सिसुमारचक्र-पु० सौर जगत । सब ग्रहों सहित सूर्य । सिसटाचार-देखो “सिस्टाचार' ।
सिसुमारमुखी-स्त्री० [सं० शिशुमारमुखी] स्वामि कार्तिकेय की सिसटी-देखो 'सस्टि'।
___ एक मातृका। सिसदा-पु. पक्षो विशेष ।
सिसू-पु. १ पौत । २ देखो 'सिसु' । सिसधर पु० [सं० शशधरः] १ चन्द्रमा । २ कर्पूर । सिस्ट-वि० [सं० शिष्ट] १ वह जो सभ्यता पूर्ण रहता हो या सिसपत (पति,पती)-पु० [सं० शशिपति] शिव, महादेव । व्यवहार करता हो, सभ्य, सज्जन । २ शिक्षित, बुद्धिमान । सिसपाळ-देखो 'सिसुपाळ' ।
३ देखो 'सस्टि'। सिसप्रिया-देखो 'ससिप्रिया' ।
सिस्टसभा-स्त्री० [सं० शिष्ट-सभा] राजसभा, शिष्ट सभा । सिसबीज-पु० शुक्ल पक्ष की द्वितीया का चन्द्रमा ।
सिस्टा-पु० [सं० सुष्टा] ब्रह्मा । सिसमत्य (मथ, माथ)-देखो 'ससिमाथ' ।
सिस्टाचार-पु० [सं० शिष्टाचार] १ सभ्य या शिष्ट पुरुषों सिसमाव, सिसमावचक, सिसमाध, सिसमाधचक्र-देखो 'सिख- का पाचरण, व्यवहार । २ सभ्यता, सज्जनता। नम्रता मारचक्र'।
४ प्रादर, सम्मान। सिसमार-पु० [सं० शिशुमार) १ सूस नामक एक जल जन्तु । | सिस्टी-देखो 'सस्टि'।' २ श्रीकृष्ण। ३ शिशुमारचक्र ।
सिस्त, सिस्ति-स्त्री० [फा० शिस्त लक्ष्य, निशाना। -बाजसिसमारचक्र-पु० [सं० शिशुमारचक्र] समस्त ग्रह, नक्षत्र, तारा पु० निशानेबाज, लक्ष्य साधने वाला ।
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