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सिल्लांम
( ७६० )
सिवाराति
का नाम । (जन)
सिल्लांम-देखो 'सलाम' ।
कुबेर। -सुबरी-स्त्री. दुर्गा। -सुत-पु. गणेश, सिलावटी-१ देखो 'सिलावटी'। २ देखो सिलावट'।
स्कन्द।-सेखर-पु० चन्द्रमा । धतूरा । शिव का मस्तक । सिल्ली-स्त्री० शस्त्र, चाकू मादि की धार तेज करने का पत्थर, सिवकर-पु० [सं० शिवकर] प्रतीतकाल के चौबीस जिनों में से सारण का पत्थर।
एक । (जैन) सिल्हाड़-देखो 'सिलाई।
सिवकरणी-स्त्री० [सं० शिवकर्णी] स्कन्द की अनुचरी एक सिल्है-देखो "सिल्ह।
- मातृका। सिल्हैखांनौ-देखो 'मिलहखांनो' ।
सिधका-देखो 'सिविका'। सिल्हेबंध-देखो 'सिलहबंध' ।
सिवकाई-स्त्री० सेवा का कार्य या भाव, सेवकाई । सिव-पु० [सं० शिवः] १ सनातन धर्म के मुख्य तीन देवों में से सिवकीरतरण (न)-पु० [सं० शिवकोतंन] भंगी का नाम ।
अन्तिम देव, महेश, शिव । २ सत्य, सांच। ३ वेद । सिबगत (गति, गती)-पु० [सं० शिवगति] भूतकाल के चौदहवें ४ वसु, देव । ५ मोक्ष । ६ सियार, गीदड़ । ७ खूटा। तीर्थ कर का नाम । (जैन) ८ परमेश्वर, ब्रह्म । पारा। १. लोहा। ११ समुद्री सिवगांमी-वि० [सं० शिवगामिन् ] मोक्ष को प्राप्त होने वाला। नमक । १२ लिंग, जननेन्द्रिय । १३ जल, पानी। सिवड़-पु० १ श्वेताम्बर जैन । २ देखो 'सेवड़' । १४ कुशल. मंगल । १५ विष्कंभादि सत्ताईस योगों में से सिवण-स्त्री० १ एक प्रकार का पौष्टिक घास । २ शिव, बीमा योग । १६ मार्या-गोति या खंधारण का भेद विशेष महादेव । १७ टगण के प्रथम भेद का नाम 555 । १८ शुद्ध सुहागा। सितिलक-पु० [सं० शिवतिलक] १ स्त्रियों के ललाट का एक १९ गले में भौंरी वाला एक घोड़ा विशेष (प्रशुभ)। स्वर्णाभूषण । २ चन्द्रमा, चांद। . २० एक छंद विशेष ।-वि० १ श्वेत, उज्जवल * । २ श्वेत सिवदेवी-स्त्री० चारण कुलोत्पन्न एक देवी। . पीत*। ३ ग्यारह । ४ मंगलमय, कल्याणकारी। सिवनाथ-पु. शिव, महादेव। ५ स्वस्थ, सुखो । ६ भाग्यवान ।-कर, कारी-वि० मंगल | सिरनाम (नामि)-पु० [सं० शिवनाभि] एक प्रसिद्ध शिव लिम । कारी, मानन्ददायी ।-कवच-पु० शिव का एक स्तोत्र | सिवनारायणी-पु० [सं० शिवनारायणी] एक सम्प्रदाय विशेष । विशेष ।-कांता-स्त्री. शिव पत्नी उमा. दुर्गा ।-कुमार-सिबमडळी-स्त्री. नाथ सम्प्रदाय के संन्यासियों का एक समूह । पु० स्वामि कात्तिकेय, गजानन । - गत, गति, गती-स्त्री० सिवरण-देखो 'सुमरण' । मोक्ष, मुक्ति ।-वि० समृद्ध, सुखी, खुश।-गिर, गिरि, सिवरणो (बो)-देखो 'सुमरणो' (बी)। गिरी-पु. कैलाश पर्वत ।-ढाण-पु. श्मशान भूमि, सिलिगी-स्त्री० वर्षा ऋतु में झाड़ियों के बीच होने वाली एक कन्दरा, गुफा ।-तीरथ-पु० काशी।-वृतिका, दूती-स्त्री.] लता विशेष । स्कन्द की एक मातृका। दुर्गा । एक योगिनी विशेष । सिबलोकवासी-पु० [सं० शिवलोकबासी] १ कैलाश का निवासी । -घाम-पु० कैलाश पर्वत । श्मशान भूमि । सिरोही नगर २ स्वर्गवासी । ३ परम पद मोक्ष को प्राप्त । ४ शिव, का एक नाम ।-नंद, नंवरण (न)-पु. स्कन्द, गजानन । महादेव । -पद-पु. मोक्ष, मुक्ति ।-पुर-पु० स्वर्ग, मुक्ति स्थान । सिववाड़ियो-पु. एक प्रकार का ऊंट। कैलाश । काशी। -पुराण-पु० अठारह पुराणों में से एक सिवसकरी-स्त्री० [सं०शिवशंकरो] देवी को एक मूर्ति का नाम ।
-पुरि, पुरी-स्त्री० काशी, स्वर्ग परम पद, मोक्ष । सिवसंगिया-स्त्री०घोड़े के गले के दाहिनी पोर होने वाली भौंरी। सिरोही का एक नाम। -प्रिय-पु० रुद्राक्ष, धतूरा, सिवाणची-पु० सिवाना नगर के मासपास का भू-भाग। स्फटिक, मंग। -प्रिया-स्त्री० भंग, पार्वती, दुर्गा सिवा-स्त्री० [सं० शिवा] १ पार्वती, गिरिजा । २ दुर्गा ।
-भंडारी-पु० कुबेर । -भाळी-पु० चन्द्रमा ।-मंदिर- ३ हरीतकी, हरें। ४ मादा सियारी, शुगाली । -प्रव्य. पु० शिवालय, श्मशान घाट, मरघट । -माळ, माळा- अतिरिक्त, अलावा । स्त्री० शिव के गले की मुडमाला। -राणी, रानी-स्त्री० | सिवाई-देखो 'सवाई'। उमा, पार्वती। -रात, रातरी, रात्रि, रात्री-स्त्री० फाल्गुन | सिवारणी (बी)-देखो 'सीवाण' (बौ)। मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी या त्रयोदशी। -लोक-सिवाळि-पु० [सं० शिवबलि] तत्रोक्त देवी का एक नैवेद्य पु. कैलाश, स्वर्ग । -वल्लमा-स्त्री. पार्वती, दुर्या। विशेष। -वाहण (न), वसम-पु. शिव का वाहन नंदी। बैल, वृषभ। | सिवाय-वि. विशेष । अधिक । --प्रव्य अलावा । -संभव-पु. शिव पुत्र गजानन, स्कन्द ।- सखा, सिख-पु० सिबाराति-पु० [सं० शिवाराति] सियारिन का शत्रु , कुत्ता ।
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