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साफचर
( ७६७ )
सायधरण
६ समाप्त, खत्म । १० चुकाया हुमा, चुकता किया हुमा। साबिण-देखो 'साबुभ' । ११ जो मनुचित या नियम विरुद्ध न हो। १२ जिसके | साबित-देखो 'साबत' । सुनने या समझने में कठिनाई न हो। १३ दूर हुमा हुवा। | साबियाणी-देखो 'साबुन' ।
मिटा हुमा । १४ कोरा, अछूता । १५ बिल्कुल, पूरा । साबो-स्त्री०१ मनोहरपुर की पहाड़ियों से निकलकर नामा साफचट-वि० बिल्कुल साफ, पूर्ण साफ ।
की तरफ बहने वाली एक नदी। २ पलवर की एक साफळ-देखो 'सफल'।
प्रसिद्ध नदी। साफल्य-स्त्री० सफलता।
साबु, साबु, साबुण (न), साबू, साबू-पु. १ सोडे व तेल मादि साफी-स्त्री०१"चिलम' से धूम्रपान करते समय मुह के मागे के योग से बनी वस्त जो कपड़ों का मैल साफ करने या
लगाया जाने वाला वस्त्र खण्ड । २ भंग छानने का कपड़ा। नहाने मादि के काम पाती है। -गर, घर-पु० साबुन ३ मुह का स्वाद, जायका। ४ सफाई का भाव, सफाई। बनाने का स्थान, कारखाना । साबुन रखने को डिबिया। -पु. ५ सफेद जीभ वाला बल ।
साबूणी-देखो 'साबूनी'। साफीरंदौ-पु. लकड़ी को साफ कर चिकनी बनाने का प्रौजार साबूत-१ देखो 'सावत' । २ देखो 'सबूत'। विशेष ।
साबूदाणी (नौ)-पु० सागू नामक वृक्ष के तने का गूदा। साफौ-पु. प्रादमी के शिर पर लपेटकर बांधने का लम्बा | सागूदाना। वस्त्र । साफा।
साबूनी-स्त्री० एक प्रकार को मिठाई। सा'ब, साब-देखो 'साहिब'
साबती, सामरमती-देखो 'साबरमती'। साबक-वि० सब, समस्त ।
साभाय, सामाव-देखो 'स्वभाव' । साबके (क)-वि० साधारण, मामूली।
सायंकाळ-पु० [सं० सायंकाल] संध्या, शाम । साब-पु० चाबुक, कोड़ा।
सायंत-देखो 'सांयत'। सावरण, साबण (न)-देखो 'साबुन' ।
सायसंध्यादेवता-स्त्री० [सं०] सरस्वती देवी का नाम । साबत, साबती-वि० [फा० माबित] (स्त्री० साबती) १ स्थिर, साय-पु० [सं० साय:] १ दिन का अन्त, संध्याकाल । २ वक्त;
कायम । २ सही सलामत, अखण्डित । ३ निरन्तर चलने समय । ३ देखो 'सहाय' । ४ देखो 'साह। वाला'। ४ पूर्ण एक, इकाई। ५ पूरा, समस्त, सब। सायक, सायक-पु० [सं० सायकः] १ बाण, तीर । २ डिंगल ६. दुरुस्त, ठीक । ७ प्रमाण द्वारा सिद्ध, प्रमाणित । जो का एक गीत विशेष । ३ देखो 'सहायक'। टुकड़े-टुकड़े न हुमा हो, पूरा, पूर्ण, समूचा । ९ स्वस्थ, | सायगवेसण-वि० सुख की गवेषणा करने वाला। कुशल.।
सायजद्दौ-देखो 'साहजादी'। साबतपग-वि० [अ० साबित+सं० पदक] दृढ़ निश्चयी, दृढ़ | सायजादी-स्त्री० [फा० शाहजादो] १ बादशाह को पुत्री। प्रतिज्ञ।
२ शाहजादे को बेगम। साबर, साबरमंत्र-पु० [सं० शाबर मंत्र] शिव कृत एक | सायजादों; सायज्यादौ-पु० [फा० शाहजादो] बादशाह का पुत्र, प्रसिद्ध मंत्र।
राजकुमार। साबरमती-स्त्री० इडर की एक नदी का नाम ।
सायडू-क्रि०वि० बायीं भोर । साबळ-स्त्री. १ एक प्रकार का भाला। २ देखो 'सांग'। सायण-पू० १ वेदों का भाष्य लिखने वाले एक प्रसिद्ध प्राचार्य । साबळी-देखो 'सबळी'।
२ देखो 'सैरण'। साबाण-पु०१ छोटा तम्बू, खेमा। २ देखो 'साबान'।
सायरणवाद-पु० सायरण का सिद्धान्त या मत । साबाणी-वि० साबुन का, साबुन संबंधी।
सायत-स्त्री. १ समय, वक्त । २ थोड़ा समय, क्षण, पल । साबांन-पु० [अ० शाबान] १ पाठवा इस्लामी मास । २ देखो ३ देखो 'सायद'। . 'साबाग।
सायता-देखो 'सहायता। साबात-स्त्री. १ बारूद की सुरंग। २ बारुद का भण्डार । | सायतो-देखो 'सासतो' ।
३ शत्रु द्वारा किले की दीवार तक पहुँचने के लिए बनाया सायब-स्त्री० साक्षी, सबूत । -प्रव्य. कदाचित, संभवतः । जाने वाला ऊंचा व ढका हुमा मार्ग विशेष ।
सायदाणी (गो)-देखो 'सादियांणो' । साबासणी (बौ)-क्रि० शाबासी देना । सराहना ।
सायदी-वि० साक्षी देने वाला, साक्षी। साबासी-स्त्री० [फा० शाबासी] वाह-वाही, शाबासी। सायधण-स्त्री० १ पत्नी, सहधर्मिणी । २ प्रेयसी, प्रेमिका ।
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