________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सागरांवरा
। ७६२ )
साजो
सागरांबरा-स्त्री० [सं०] पृथ्वी, भूमि, धरती ।
साचरण-पु० सत्य । सागरालय-पु० [सं०] वरुणदेव का नामान्तर ।
साचमई-वि० सत्यमयी। सागरी-पु० [सं० सागरः] बहुत गहरा कूपा।
साचमाच-क्रि०वि० सचमुच, वास्तव में। सागरु, सागरू-देखो 'सागर'।
साचरी-स्त्री० भैरव राग की पत्नी एक रागिनी । सागरोदक-पु० [सं०] समुद्र का जल ।
साचलो (ल्लो)-देखो 'साचौ' । (स्त्री० साचली, साचल्ली) सागरोपम-पु० दश क्रोड़ा-क्रोडी पल्योपम काल का प्रमाण। | साचवणौ (बौ)-क्रि० १ मारना, पीटना, प्रहार करना। सागवान-पु० मच्छी किस्म की एक लकड़ी व इसका वृक्ष । २ धारण करना । ३ सुरक्षित रखना। ४ करना, प्रदा सागारवयगादोख (दोस)-पु० गृहस्थ से माहार लेने संबंधी एक | करना । ५ पालन करना, मानना । दोष (जैन)।
साचारणी, साचारणी-क्रि०वि० सचमुच, वास्तव में। सागारीसंथारो-पु० छूट सहित संथारा, रियायती संथारा। साचो, साची-वि० १ शुद्ध, विशुद्ध । २ पवित्र, निष्कपट । सागि-देखो 'साग'।
. ३ पतिव्रता, सती । ४ बढ़िया, श्रेष्ठ । सागिरद-पु० [फा० शागिद] १ शिष्य, विद्यार्थी । २ वेश्याओं| साचू-देखो 'साचौ'। व रंडियों के साथ रहने वाला वाद्यवादक ।
साचेलो, साचेलो, साचोड़ो-देखो ‘साची'। सागिरदपैसौ-पु० [फा० शागिर्दपेशः] सेवक, टहलुवा। साचोरा-पु० १ ब्राह्मणों को एक जाति । २ चौहान राजपूतों सागी-देखो 'सागै'।
___को एक शाखा। सागीड़ो-देखो 'सागेड़ो।
साचोरी-वि० सांचोर प्रदेश का, सांचोर संबंधी। -स्त्री. सागेड़ो, सागेड़ो-वि० (स्त्री० सागेड़ी) १ उत्तम, श्रेष्ठ। सांचोर प्रदेश की गाय। ।
२ अपार, अत्यधिक । ३ अच्छा, बढ़िया, ठाटदार। साचौ, साची-वि० [सं० सत्य] (स्त्री० साची) १ सच्चा; ४ मनोरंजक, रोचक । ५ लाभप्रद, हितकर । ६ स्वादिष्ट, वास्तविक । २ सत्यवादी। ३ कत्तव्य परायण । ४ दृढ़, जायकेदार । ७ मजबूत, दृढ़ । ८ सुन्दर, आकर्षक । ६ खूब, पक्का, अटल । ५ विश्वसनीय । ६ असली । ७ घनिष्ठ । अच्छी तरह।
८ मौलिक । ६ निष्कपट पवित्र । १० खूब, अधिक । साग-वि० (स्त्री० सागरण) १ वास्तविक, असली । २ उत्तम, ११ तेज, तीव्र। १२ बढ़िया, श्रेष्ठ, सुन्दर । १३ शुद्ध,
श्रेष्ठ । ३ पूर्ववत्, वही। ४ साक्षात्. हूबहू । ५ साथ । खरा । १४ कुशल निपुण । १५ सही, ठीक । १६ साक्षात् । -क्रि०वि०१ साथ में, संग-सग। २ वास्तव में । साचौट--स्त्री० दक्षता, निपुणता । ३ मार्फत ।
साच्छर, साछर-देखो 'साक्षर'। सागौ-पु० 'साथ, संग।
साज, साज-पु० [फा० साज] १ उपकरण, सामान । २ किसी सागौसाग-वि० वास्तविक हूबहू ।
वस्तु को पूर्णता देने में काम आने वाली सामग्री, सामान । साघणौ-देखो 'सांघणों'।
३ साधन । ४ हाथी की अंबारी व ऊंट या घोड़े के साड-पु० सड़ा हुमा पदार्थ, गंदगी।
चारजामें का सामान । ५ अस्त्र-शस्त्र । ६ युद्ध सामग्री। साड़ियो साड़ियो-पु० एक प्रकार का वस्त्र ।
७ घोड़े की काठी, जीन । ८ सजावट का सामान, उपसाड़ी, साड़ी-स्त्री० [सं० शटिका] १ स्त्रियों के पहनने-पीढ़ने करण । ६ शृगार, साधन । १० वेशभूषा, पहनावा ।
की धोती, साड़ी। २ स्त्रियों के प्रोढ़ने का वस्त्र विशेष । ११ ग्राभूषण, गहने । १२ चमड़ा, चर्म । १३ वाद्य यन्त्र, ३ ताकले (सलाकों) के मध्य भाग में लपेटे हुए सूत के बाजा । १४ व्यवस्था, प्रबन्ध । १५ माधार, अवलम्ब । धागे। ४ शासकों द्वारा विवाह के समय प्रजा से लिया १६ कार्य, काम । १७ तैयारी। -वि० बनाने वाला, ठीक जाने वाला एक लगान । ५ जैन साध्वियों के पहनने का करने वाला वस्त्र, संघाटिका।
साजज-देखो 'मायुज्य'। साड़ो, साडौ-पु०१ जाट, कुम्हार प्रादि जातियों की स्त्रियों साजरण सारिणयो-१ देखो 'सज्जन' । २ देखो 'साजन' ।
का घाघरा, लहंगा विशेष । २ पहनने का एक वस्त्र | साजग्गी-स्त्री. १ बढ़ई का एक पौजार विशेष । २ दीवार विशेष । ३ पुकार, अावाज ।
बनाते समय सोध देखने का उपकरण । साच, साचइ-पु० सारवान या पौष्टिक वस्तु ।-क्रि०वि० | साजणी-वि० १ मारने, सहार करने वाला। २ देने वाला, १ सचमुच । २ देखो 'सत्य'।
प्रदान करने वाला। साचउ-देखो 'साचौ'।
| साजणी (बौ)-क्रि० १ मारना संहार करना । २ तैयार करना,
For Private And Personal Use Only