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विभेवण
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( ६२२ )
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विभेवण - पु० [सं० विभेदनम् ] १ विभेद बताना क्रिया, भिन्नता २ प्रनेक भेद-प्रभेद करना क्रिया । ३ अंश - खंड या विभाग करना क्रिया, बंटवारा ४ काटना या छेदना क्रिया । - वि० (स्त्री० विभेदी, विभेदिशी) १ घर फर्क या भिता अन्तर प्रकट करने वाला । २ भेद-प्रभेद करने वाला । ३ खण्ड या विभाजन करने वाला । ४ काटने तोड़ने या छेदने
विमोस (सु) देखो 'विभावसु' विमी-देखो 'वैभव' ।
वाला ।
विभेदणी (बौ) - क्रि० [सं० विभेदनम् ] १ अन्तर, फर्क या भिन्नता प्रकट करना । २ अनेक भेद-प्रभेद करना । ३ खण्डन या विभाजन करना । ४ काटना, छेदना, तोड़ना । ५ घुसाना, धसाना ६ ईर्ष्या उत्पन्न करना । विभोग (यौ) - पु० १ राज्य कर । २ कृषि उपज में जागीरदार का अंश । ३ ग्रामोद-प्रमोद, विलास ।
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विभोर - वि० [सं०] १ धानन्य, मस्त मगन, लीन। २ मद विमची स्त्री० रक्त विकार संबंधी एक रोग ।
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मस्त ३ विकल बिहुल व्याकुल
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वि० [सं० विभ्रंश ] १ प्रवनति, पतन । २ विनाश, विध्वंस । ३ हामि, नुकसान । ४ ऊंचा कगार । ५ पहाड़ के शिखर का चौरस मैदान ।
विश्व सण पु० [सं० विभ्रंशम् ]
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१ विनाश करना क्रिया, विध्वंस । २ हानि, नुकसान ३ बरबाद, तहस-नहस । विसी (बी) ०ि [सं० विभ्र ंशम् ] १ विनाश, विश्वंस - क्रि० विभ्रंशम् करना । २ हानि, नुकसान करना। ३ बरबाद करना । ४ सहार करना, मारना ।
विभ्रम- पु० [सं० विभ्रमः] १ घूमने की क्रिया, भ्रमण, चक्कर।
२ भूल, गलती । ३ उतावलापन, उद्विग्नता । ४ भ्रम, प्रान्ति, एक सन्देह ५ एक वारिक पेष्टा विशेष ६ चकित । ७ संयोग शृंगार में नायिका की एक अवस्था विशेषं ।
विभ्रमण (at) - क्रि० [सं० विभ्रमणम् ] १ घूमना, चक्कर लाना २ बितार या चिठित होना है भूल या गमती में होना । ४ भ्रमित होना, शंकायुक्त होना। ५ प्राश्चर्य चकित होना । ६ काम क्रिया के लिये उत्प्रेरित होना । ७ उतावला या उद्विग्न होना । ८ गलती करना, भूल
करना ।
विभ्रमा स्त्रो० १ पाथी, कांति, शोभा २ सुन्दरता ३ बुद्धा वस्था, बुढापा ।
विभ्रम-देखो 'विभ्रम' ।
विभ्रमण (at) - देखो 'विभ्रमणौ' (बो) । विभ्रस्ट - वि० [सं० विभ्रष्ट ] १ पथ भ्रष्ट, पतित । २ नष्ट,
ध्वस्त ।
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विभ्रांत - वि० [सं०] १ घूमा हुधा, चक्कर खाया हुधा । २ चितित । ३ प्राश्चर्य चकित । ४ भ्रमित, शंकायुक्त | ५ उद्विग्न ।
विद्यांतील वि० [सं० विभ्रान्त-शील) १ बन्दर वानर ।
२ सूर्य मंडल | ३ चन्द्र मण्डल । वि० १ व्याकुल, चिंतातुर । २ नशे में चूर ।
विभ्रांति स्त्री० [सं० विभ्रान्ति] १ भ्रमण, चक्कर २ धूल; गलती ३ सौन्दर्य शोभा ४ शंका शक, संदे ५ भ्रान्ति, धोखा । ६ घबराहट, उद्विग्नता । विभ्राज-पु० [सं०] १ ययाति वंश का एक राजा । २ एक अन्य प्राचीन राजा ।
विमंत्री स्त्री० प्रार्या गोति का एक भेद ।
विमगौ-वि० १ धद्भुत धनोखा २ बिना मांगा था।
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विमरवक
विमरगड (खो) १०१ एक प्रकार का सुगंधित वृक्ष २ देखो 'दू'खो' ३ देखो 'विमन'
विमता स्त्री० १ प्रापत्ति, विपत्ति । २ नम्रता, धेयं । ३ गरीबी, निर्धनता।
विमति- वि० [सं०] १ विपरीत बुद्धि वाला, मूर्ख, मूढ । २ बुद्धिहीन । ३ विरोधि मत का । स्त्री० १ भिन्न मति, मतान्तर । २ मूर्खता । ३ नापसंदगी ।
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मदवि० [सं०] मद रहित पु० सत्य संघ राजा । विमधु पु० [सं०] प्रमृत पीयूष वि० १ विशेष मीठा । २ कड़वा । ३ प्रज्ञानी, मूखं । ४ विशेष मोहित, उन्मत्त । ५. विकल ब्याकुल ६ उदासीन वि विमन - वि० १ उदासीन, खिन्न चित्त । २ व्याकुल, उद्विग्न । ३ चितित, दुःखी । ४ क्रूर, क्रुद्ध, निर्दयी । स्त्री० वमन, के, उल्टी ।
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विमनुस्या स्त्री० [सं० विमनुष्या] एक प्रचारा विमन (न. नौ) - देखो 'विमन' । विपर-१ देखो 'विवर' २ देखो 'विमल' विमरद-पु० [सं० विमर्दः ] १, मसलने, मलने या उबटन करने
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की क्रिया । २ स्पर्श । ३ रगड़, रौंदना क्रिया । ४ युद्ध, संग्राम । ५ नाश, बरबादी ६ संहार, विनाश। ७ कष्ट, दुःख देना किंवा खग्रास ग्रहण ९ सूर्य चन्द्रमा का समागम । १० एक किरात राजा ११ नपुंसक व्यक्ति । १२ कमजोर या सामध्यहीन व्यक्ति । विमरदक वि० [सं० विमर्दकः] १ मर्दन करने वाला, मसलने वाला, उबटन करने वाला । २ रगड़ने, रौंदने वाला, कुचलने वाला । ३ नाश, बरबाद करने वाला । ४ मारने वाला संहार करने वाला ५ युद्ध करने वाला ।
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